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Old 15-04-2014, 06:11 PM   #31
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Default Re: रहस्य रोमांच की कहानियाँ

एक गायक की भटकती आत्मा

घटना उन दिनों की है जब हिंदी सिनेमा अपना स्वरूप ग्रहण कर रहा था और तकनीकी दृष्टिकोण से आज के मुकाबले बहुत पीछे था. मूक फिल्मों का दौर ख़त्म ही हुआ था. ऑडियो की तकनीक शुरू हो चुकी थी. उन दिनों कुछ फ़िल्मी कलाकारों को अपने ऊपर फिल्माए जाने वाले गीत खुद गाने होते थे. उन दिनों स्व. अशोक कुमार सदाबहार हीरो के रूप में जाने जाते थे. उनके प्रशंसकों की तादाद बहुत बड़ी थी.

एक बार की बात है. शाम को अशोक कुमार शूटिंग से वापस लौट रहे थे. उस समय आसमान में बादल छाये हुए थे. ठंढी हवा चल रही थी. उनकी कार जब घर से कुछ पहले रेलवे क्रॉसिंग के पास पहुंची तो क्रॉसिंग बंद था. अशोक कुमार गाडी से नीचे उतर गए और ड्राईवर से कहा कि गेट खुलने पर गाडी लेकर घर पर पहुंच जाना मैं बागीचे की तरफ से होता हुआ आ जाऊंगा.. वे मौसम का आनंद लेते हुए पेड़ पौधों के बीच से होते हुए निकल गए. एक जगह आंधी में टूटकर गिरा हुआ पेड़ दिखाई पड़ा तो थोड़ी देर के लिए वहीं बैठ गए. तभी उन्हें बड़ी सुरीली आवाज़ में किसी के गाने की आवाज़ सुनाई पड़ी. गाना उन्हीं की फिल्म का था और उन्हीं का गाया हुआ था. उन्होंने गाने वाले को ढूँढने की कोशिश की लेकिन वह दिखाई नहीं पड़ा. उन्होंने कहा- भाई! कौन हो? बहुत अच्छा गा रहे हो. सामने आकर गाओ. उधर से आवाज़ आई- पहले पूरा गाना सुन लीजिये.
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Old 15-04-2014, 06:14 PM   #32
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Default Re: रहस्य रोमांच की कहानियाँ

अशोक कुमार ने उसकी आवाज़ की तारीफ़ की और कहा कि ठीक है भाई गाओ मैं सुन रहा हूं. एक घने पेड़ के ऊपर से गाने की आवाज़ आती रही.

गाना पूरा होने के बाद अशोक कुमार ने गाने को सराहा.

ऊपर से आवाज़ आई-यह गाना मुझे बहुत पसंद था. इसके लिए मैंने आपकी फिल्म 26 बार देखी है. मैं इस गाने को बराबर गाता था लेकिन कोई मेरा पूरा गाना सुनता नहीं था. एक दिन मेरा मूड बहुत ख़राब हो गाया. मैं फिल्म देखने गया और सिनेमा हॉल की छत से कूदकर अपनी जान दे दी. आपने अखबार में खबर पढ़ी भी होगी.
तब से मैं भटक रहा था कि कोई मेरा गाना सुन ले. आज मैं बहुत खुश हूं कि आपका गाया गाना आप ही को सुनाने का मौका मिला और आपने इसकी तारीफ भी की. अब मेरी आत्मा संतुष्ट हो गयी. मैं अपनी दुनिया में जा रहा हूं. आपका बहुत-बहुत शुक्रिया!....अब इजाज़त दीजिये...अलविदा!.......

(
अशोक कुमार ने यह कहानी 40-45 साल पहले किसी पत्रिका में छपवाई थी. पत्रिका का नाम याद नहीं लेकिन पढ़ी हुई कहानी के आधार पर प्रस्तुत कर रहा हूं.)

श्रेय:---
छोटे
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Old 16-04-2014, 06:21 PM   #33
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Default Re: रहस्य रोमांच की कहानियाँ

भूत बंगले की प्रेतात्मा

आज से करीब 40 वर्ष पहले की बात है. मेरे एक करीबी रिश्तेदार ब्रिटेन में डॉक्टर थे. गिने-चुने ह्रदय रोग विशेषज्ञों में उनका नाम आता था. उन्होंने शादी नहीं की थी. ब्रिटेन में अपना घर बनवा चुके थे. आराम से रहते थे. एक बार की बात है. उन्हें एक बंगले के बारे में पता चला जिसे भूत बंगला के नाम से जाना जाता था. उसमें कोई रहता नहीं था. उसका मालिक उसे कौड़ी के मोल बेचना चाहता था लेकिन कोई खरीददार नहीं मिल रहा था. डॉक्टर साहब भूत-प्रेत को नहीं मानते थे. पता नहीं उनके मन में क्या आया कि अपना मकान बेचकर उन्होंने भूत बंगला खरीद लिया.

उन्होंने उसकी रंगाई-पुताई करवाई और गृह-प्रवेश कराकर उसमें रहने चले आये. गृह-प्रवेश के समय भारत से उनके कई रिश्तेदार पहुंचे थे. जब तक वे रहे, बंगले में चहल-पहल रही. कहीं कोई प्रेत नज़र नहीं आया.उनके वापस लौटने के बाद भी कोई ऐसी घटना नहीं हुई. लेकिन एक रात जब डॉक्टर साहब ड्राईंग रूम में बैठे सिगरेट फूंक रहे थे तो एक अंग्रेज महिला आई और सीने में दर्द की शिकायत करते हुए दवा मांगने लगी. डॉक्टर साहब को आश्चर्य हुआ. गेट पर ताला लगा है. दरवाज़ा बंद है. फिर यह अंदर कैसे चली आई. वे कुछ समझने की कोशिश करते कि वह गायब हो गयी. डॉक्टर साहब सोच में पड़ गए लेकिन ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
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Old 19-04-2014, 11:20 PM   #34
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Default Re: रहस्य रोमांच की कहानियाँ

चार-पांच दिन गुजरने के बाद रात के वक़्त जब वह सो रहे थे, वह महिला फिर आई. उन्हें जगाया और दवा मांगने लगी. इसके बाद कभी बरामदे में कभी गार्डेन में नज़र आती रही. इसके बाद वह लगभग हर रात आती दवा मांगती और इसके बाद गायब हो जाती. कई रात इस घटना के घटित होने के बाद एक दिन डॉक्टर साहब ने सोचा कि इसे दवा देकर देखें क्या करती है. उन्होंने अपने तकिये के नीचे हार्ट की दवा रखी और पास ही एक ग्लास में पानी. रात के वक़्त जैसे ही वह महिला आई डॉक्टर साहब ने दवा उसकी और बढ़ा दी और पानी का ग्लास उसे थमा दिया. महिला ने दवा खायी पानी पी और 'थैंक यू वैरी मच!' कहकर चली गयी.

डॉक्टर साहब इसके बाद करीब 20 वर्षों तक यानी जीवन पर्यंत उसी बंगले में रहे लेकिन वह महिला इसके बाद फिर वह कभी दिखाई नहीं पड़ी. डॉक्टर साहब के देहावसान के बाद उनके परिजनों ने उस बंगले को अच्छी कीमत पर बेच दिया. दरअसल वह महिला दिल की मरीज थी और हार्ट अटैक के कारण उसकी मौत हुई थी जिस वक़्त उसकी मौत हुई उस वक़्त उसे दवा नहीं मिल सकी थी. इसलिए उसकी आत्मा दवा के लिए भटक रही थी. बंगले में जो भी आया उससे उसने दवा मांगी लेकिन लोग डरकर भागते गए और वह बंगला भूत बंगला के नाम से विख्यात हो गया. डॉक्टर साहब डरे नहीं और उसे दवा दे दी. इससे उसकी दवा खाने की इच्छा पूरी हो गयी और वह तृप्त होकर चली गयी.

----छोटे

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Old 19-04-2014, 11:23 PM   #35
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Default Re: रहस्य रोमांच की कहानियाँ

यमदूत की लापरवाही
(श्रेय: चन्दन सिंह राठौड़)

कहानी शुरू करने से पहले पाठकों से मैं रहस्य भरी इस दुनिया के बारे में कुछ चर्चा करना चाहूँगा. ये सृष्टि ऐसे रहस्यों से भरी पड़ी है जिनसे रुबरु हुए बिना शायद ही कोई विश्वास करेगा.

आज से चार या पाँच साल पहले वैज्ञानिकों की एक टीम ने जमीन के अन्दर और 27 किलोमीटर लम्बी महामशीन बना कर एक प्रयोग करने की कोशिश की थी. वैज्ञानिकों का दावा था कि इस पृथ्वी पर जो मोजूद वस्तुए है
, उनका 5 % ही है देख पाते है, महसूस कर पाते है. बाकी 95 % हमारे आसपास होने के बावजूद भी, हम उन्हें देख नहीं सकते, महसूस नहीं कर सकते. लेकिन उस महामशीन के प्रोयोग से उन 95 % वस्तुओं पर जो रहस्य का जो पर्दा है, उनसे पर्दा हट जाएगा, हम उनके बारे में जान सकेंगे. लेकिन वो प्रयोग सफल होने से पहले ही वो महामशीन ही फ़ैल हो गई.

मैं जो कहानी पाठको के सामने पेश कर रहा हूँ
, ये भी एक सच्ची घटना पर आधारित है. इस कहानी का रहस्य अंत में बताया जायेगा, ताकि पाठको में कहानी पढ़ने कि उत्सुकता बनी रहे. और कहानी पूरी होने पर उस सची घटना का जिक्र भी किया जायेगा, जिससे ये कहानी प्रेरित है.

मलूका इंडस्ट्री के मालिक मलूकदास का बेटा अजय अपनी कंपनी के मेनेजिंग डायरेक्टर का पदभार गृहण करने के बाद मजदूरों के समारोह को संबोधित करते हुए बोल रहा था.

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Old 19-04-2014, 11:25 PM   #36
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Default Re: रहस्य रोमांच की कहानियाँ

मलूका इंडस्ट्री के कर्मचारियों, और मजदूर भाईयो, आप सभी की मेहनत की बदौलत हमारी कंपनी देखते ही देखते जोजागढ़ शहर कि नंबर वन कंपनी बन गई है. आप सभी का इस कंपनी के लिए समर्पण देख कर में आपसे वादा करता हूँ कि आप सभी कि छोटी से छोटी तकलीफ भी मेरी तकलीफ है. और इसके बदले में आपसे ये उमीद करता हु कि आप अपनी मेहनत से इस कंपनी को तरक्की के रास्ते पर आगे बढाते रहे ताकि हम सभी का जीवन सही तरीके से चलता रहे.

मजदूरो का समारोह समाप्त होने के बाद मलूकदास का बेटा अजय अपनी कंपनी के ऑफिस के केबिन में कंपनी के काम काज के तौर तरीके सीख रहा था. उसके साथ में उसकी बीवी शीतल भी मौजूद थी


कंपनी का एक मजदूर जिसका नाम भी अजय ही था
, पिछले तीन दिन से छुट्टी पर था. क्योंकि उसके पाँच साल के बेटे विकी को बुखार था. मजदूर अजय के पास उसके इलाज के लिए एक रुपया भी नहीं था. कंपनी के मालिक से वह पहले ही एडवांस ले चुका था. अब और माँगने कि उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी. लेकिन डर इस बात का भी था, कि अगर सही वक्त पर बच्चे का इलाज नहीं कराया तो बच्चे कि जान भी जा सकती है. इसलिए हिम्मत बटोरी और एक बार फिर मालिक से एडवांस लेने का फैसला किया. अपनी घरवाली गीता और बच्चे को साथ लिया और चल पड़ा इस उम्मीद में कि अगर मालिक ने कुछ मदद कर दी तो वहीँ से सीधा अस्पताल जा कर विकी का इलाज कराएगा. वह दबे कदमों से कंपनी के गेट में प्रवेश करके कंपनी के ऑफिस में जा कर मुनीम से मिला.
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Old 19-04-2014, 11:27 PM   #37
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Default Re: रहस्य रोमांच की कहानियाँ

मुनीमजी मुझे सेठजी से मिलना है”.

सेठजी तो यहाँ नहीं है. अभी अभी गए है. कहो क्या काम है?” मुनीम ने जवाब दिया.

मुनीम का जवाब सुन कर मजदूर अजय की रही सही हिम्मत भी टूट गई. वह बड़ी उमीद ले कर आया था. लेकिन अब मालिक ही यंहा नहीं है तो कौन उसकी मदद करेगा
? मजदूर अजय ने मायूसी भरी निगाहों से गीता कि तरफ देखा, गीता के चहरे पर भी मायूसी छा गई थी.

अजय तुमने बताया नहीं. मालिक से क्या काम है तुमको?” मुनीम ने उससे फिर सवाल किया.

जब मालिक ही यहाँ नहीं है तो बताने से क्या फायदा? मुनीम के दूसरी बार पूछने पर मजदूर अजय ने जवाब दिया.

अरे भाई मालिक यंहा नहीं है तो क्या हुआ? उनका बेटा और बहु यंहा पर है. अपने केबिन में बैठे है. अभी बाहर आएंगे, कोई जरुरी काम हो, तो उनसे बात कर लेना.

मुनीमजी मेरे बच्चे को बुखार है, लेकिन छोटे मालिक तो मुझे जानते ही नहीं, फिर में उनसे मदद केसे मांगूं मुनीमजी.?” मुनीम की बात सुन कर अजय ने कहा.

अरे तो एस बोल न, तेरा बेटा बीमार है. तू चिंता मत कर, अभी मालिक बाहर आएंगे, तो में बात कराउंगा तेरी उनसे.

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Old 19-04-2014, 11:29 PM   #38
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Default Re: रहस्य रोमांच की कहानियाँ

इस बार मुनीम का जवाब सुन कर मजदूर अजय को कुछ तसल्ली हुई. उसने गीता कि तरफ देखा तो गीता के चहरे पर भी कुछ राहत महसूस हो रही थी. वह गीता के कंधे पर हाथ रख कर बोला.

चिंता मत करो गीता विकी को कुछ नहीं होगा. बिलकुल ठीक हो जाएगा

सेठ अजय बीवी शीतल के साथ अपने केबिन से बाहर आ कर मुनीम से मुखातिब हो कर बोला.


मुनीमजी जो प्रोडक्शन हमारे हाथ में है वो तयशुदा तारीख में पूरा हो जाना चाहिए. लेट नहीं होना चाहिए. में चलता हूँ. दो दिन तक आ नहीं सकूंगा. ख्याल रखना

एक मिनट मालिक. ये अजय और इसकी घरवाली अपनी ही कंपनी में ही काम करता है. आपसे कुछ कहना चाहता हैमुनीम ने अजय कि तरफ इशारा करके कहा.

कहो क्या बात है?” सेठ अजय मुनीम कि बात सुनने के बाद मजदूर अजय से मुखातिब होते हुए बोला.

जी मेरे बच्चे को बुखार है. अस्पताल ले जाना है, कुछ रुपयों कि मदद चाहिए मुझे मजदूर अजय ने सेठ अजय के सामने अपनी समस्या कह दी.

नाम क्या बताया तुमने अपना?” सेठ अजय ने मजदूर अजय से फिर सवाल किया.

जी मेरा नाम अजय है

ओह माय नामेसेक. बच्चे को बुखार कबसे है?” सेठ ने फिर सवाल किया.

जी तीन दिन से है. पास में रुपया नहीं होने की वजह से अस्पताल नहीं ले जा सका
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Old 19-04-2014, 11:31 PM   #39
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Default Re: रहस्य रोमांच की कहानियाँ

फिक्र मत करो तुम्हारा बच्चा बिलकुल ठीक हो जायेगा. मुनीमजी इसे जो रुपया चाहिय इसे दे देना. इसके साथ जा कर इसके बच्चे का इलाज करानासेठ अजय मुनीम को सुझाव दे कर पत्नी शीतल के साथ रुख्सत हुआ.

मुनीम मजदूर अजय को रुपये दिए और उसके साथ जा कर उसके बच्चे को अस्पताल में दाखिल कराया.

जोजागढ़ के दुसरे सबसे बड़े धनी सेठ है
, मनीराम. इनकी कंपनी शहर में कभी नंबर वन हुआ करती थी. लेकिन अब मलूका इंडस्ट्री ने इनका नंबर वन का ताज छीन लिया. मनीराम को आज भी इस बात का मलाल है. लेकिन मनीराम अपनी नंबर वन कि पोजीशन छिन जाने का जिम्मेदार मलूका इंडस्ट्री से ज्यादा अपने बेटे फूलचंद को मानते है. मनीराम को भ्रम है कि अगर फूलचंद ने मन लगा कर मेहनत की होती तो उनकी कंपनी आज भी नंबर वन होती. लेकिन फूलचंद ने कंपनी का कारोबार देखने के बजाय अपने दोस्तों के साथ मौजमस्ती में ही समय बर्बाद किया जिसका फायदा मलूका इंडस्ट्री को मिला.

फूलचंद को खबर लगी कि मलूकदास के बेटे अजय ने अपनी कंपनी का कारोबार अपने हाथ में ले लिया है. और अब वो कंपनी को तरक्की के रास्ते पर और भी तेज़ी से बढ़ाने लगा है. वह इसकी सूचना देने के लिए मनीराम के पास पहुंचा.और बोला.
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अब क्या होगा पापा?”

क्या हुआ शहर में भूचाल आ गया क्या
?” फूलचंद कि बात पर मनीराम ने प्रतिक्रिया दी.

अब हम नंबर वन कभी नहीं बन पायेंगे.फूलचंद ने जवाब दिया.

वो तो बनने का सवाल ही पैदा नहीं होता. तेरे जैसे नकारा को पैदा जो किया है.लेकिन तुम्हे अचानक ये एहसास केसे हो गया, कि हम नंबर नहीं बन सकते?”

वो मलूका का बेटा है न, विदेश से बिजनेस कि पढाई करके आया है. वो मलूका इंडस्ट्री के लिए नए नए नियम बना रहा है.कंपनी बहुत तरक्की कर रही है

ओह तो ये दुश्मन के घर कि खुश खबरी मुझे सुनाने आया है. दूर हो जा मेरी नजरो से. मनीराम ने फूलचंद फटकारते हुए कहा.

अरे क्यों डांट रहे है आप, मेरे फूलचंद को? फूलचंद कि माँ ने बेटे का पक्ष लेते हुए कहा.

अरे भाग्यवान, ये फूलचंद नहीं भूलचंद है, भूलचंद. मेरी भूल का नतीजा. मेरी भूल हुई जो इस नालायक को पैदा किया.
^^
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