30-11-2013, 10:54 PM | #221 |
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कहा जाता है 1857 में अंग्रेजी सेना मूसाबाग़ कैप्टेन वेल्स के नेतृत्व में हजरत सैयद इमाम अली शाह की दरगाह तोड़ने आई थी। लेकिन कैप्टेन अपने इरादों को अंजाम नहीं दे पाया। छोटेलाल से पूछा तो बस इतना बता पाया कि अंग्रेज़ मूसाबाग़ की हवेली को अपने हिसाब से बनवाना चाहते थे और उसके लिए यहां मौजूद मजार उन्हें हटानी थी जो उनके रास्ते में पड़ रही थी। |
30-11-2013, 10:54 PM | #222 |
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बताते हैं कि मजदूरों ने धार्मिक स्थल को तोड़ने से मना कर दिया तो कैप्टेन वेल्स खुद ही हजरत सैयद इमाम अली शाह की मजार तोड़ने चला गया। इससे पहले की वह कुछ कर पाता मधुमक्खियों ने उस पर हमला बोल दिया। कैप्टेन वेल्स मरणासन्न हो गए तो उन्होंने बाबा की मजार की तरफ मुंह करके माफ़ी मांगी। कहा जाता है कि इसके बाद बाबा ने अपने भक्तों के सपने में आकर कैप्टेन वेल्स की मजार बनवाने के लिए कहा। चूंकि कैप्टेन वेल्स सिगरेट और शराब बहुत पसंद थी, भक्त उन्हें आज भी सिगरेट और शराब का चढ़ावा चढाते हैं। लोगों की मान्यता है कि सिगरेट वाले बाबा सिगरेट आज भी लोगों की दुआएं कबूल कर रहे हैं और उनकी मनौतियां पूरी कर रहे हैं। |
06-12-2013, 11:29 PM | #223 |
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दुनिया की सबसे रहस्यमयी तलवारों की हैरतअंगेज दास्तां
मानव इतिहास रक्तरंजित युद्धों से भरा पड़ा है। प्राचीन काल से लेकर मध्ययुग का लड़ाइयों के लिए तलवारों का बड़ा महत्व था। आज भी बहुत सी पुरानी तलवारें आप म्यूजियमों में देख पाते हैं। इन तलवारों में कुछ तलवारें विश्व में आज भी रहस्य बनी हुई हैं। इनके पीछे कई किवदंतियां और ऐतिहासिक तथ्य जुड़े हुए हैं। आप यहां कुछ ऐसी तलवारों के इतिहास और किवदंतियों के बारे में जान पाएंगे, जो लोगों के लिए रहस्य और जिज्ञासा का विषय बनी हुई हैं। |
06-12-2013, 11:29 PM | #224 |
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- गोजिआन की तलवार : चीन में1965 में एक विशेष तलवार एक कब्र में मिली। यह 2,000 साल से पुरानी है, लेकिन इसमें जंग का एक भी धब्बा नहीं है। पुरातत्वविदों ने जब इसका परीक्षण किया तो इसकी धार इतनी तेज थी कि हाथ लगाते ही इसने तुरंत खून निकाल दिया था। इसे जिस तरह से बनाया गया है और लंबे समय के बाद भी यह पहले जैसी स्थिति में है। यह अपने आपमें बड़ा रहस्य है। शोध के बाद माना गया कि यह युए किंग गोउजिआन की है। लोकगाथा द लॉस्ट हिस्ट्री ऑफ युएके अनुसार यह तलवार बेहद भव्य थी और इसका निर्माण स्वर्ग और पृथ्वी के एक साथ प्रयासों से किया गया था। युए किंग के पास तलवारों का बेहतरीन संग्रह था। यहां एक सवाल उठता है कि 2000 साल पुरानी तलवार कैसे इतनी अच्छी स्थिति में है। इससे यह पता चलता है कि 2000 साले पहले ही धातु निर्माण का विज्ञान इतना आगे बढ़ गया था। तलवार को जंगरोधी केमिकल की मदद से भी सुरक्षित बनाया गया था। इसे कब्र में विशेष तरह से रखा गया था। |
06-12-2013, 11:30 PM | #225 |
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- वॉलेस की तलवार : इस तलवार का संबंध मध्ययुग में विलियम वॉलेस से है। वॉलेस स्कॉटलैंड का एक जमीदार था। स्कॉटलैंड को ब्रिटिश क्राउन से स्वतंत्रता की लड़ाई लडऩे वाले मुख्य नेता थे। वॉलेस ने 1297 में स्टर्लिंग ब्रिज की लड़ाई में ब्रिटिश सेना को पराजित किया था। जुलाई 1928 में फालकिर्क की लड़ाई में वालेस हार हुई और उसे ग्लासगो के पास गिरफ्तार करके ब्रिटेन के किंग एडवर्ड प्रथम को सौंप दिया गया। किंग के आदेश पर वॉलेस को 23 अगस्त 1305 को फांसी पर लटका दिया गया। इसके बाद वह स्कॉटलैंड में वह हीरो की तरह माने जाने लगे थे। वॉलेस मेल गिब्सन की फिल्म ब्रेवहार्ट में एक पात्र है, जो मानव त्वचा का प्रयोग अपनी तलवार की म्यान और मूंठ के लिए करता है। वॉलेस ने स्टर्लिंग ब्रिज की लड़ाई में किंग जार्ज प्रथम के खजांची क्रेसिंगघम को पराजित किया था। ऐसा कहा जाता है कि वालेस ने किंग के खजांची क्रेसिंगघम की हत्या के बाद उसकी स्किन का प्रयोग अपनी तलवार की बेल्ट के लिए करता था। यह तलवार अब नेशनल वालेस स्मारक में रखी गई है। हालांकि स्काटलैंड के लोग इसे वॉलेस को बर्बर बताने का गलत प्रयास मानते हैं। |
06-12-2013, 11:30 PM | #226 |
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- जॉयस तलवार : चार्लमेग्ने की तलवार जॉयस एक दिन में 30 बार अपना कलर बदल देती थी और यह सूर्य की रोशन में सबसे अधिक चमकती थी। रोमन साम्राज्य के दौर की इस रहस्मय तलवार में कई बदलाव भी समय-समय पर किए गए। चार्लमेग्ने की इस तलवार के नाम का अर्थ जॉयफुल है। इसकी मूठ में सोना मढ़ा हुआ था, लेकिन 1801 में नेपोलियन प्रथम के राज्याभिषेक से पहले सोने को इससे निकाल दिया गया था। कुछ लोग मान रहे हैं कि फ्रांस के राज्यारोहण में यह तलवार वहां चली गई, जो म्यूजे डु लोवरे में रखी गई है। चार्लमेग्ने(2 अप्रैल 742- 28 जनवरी 814) को चाल्र्स द ग्रेट भी कहा जाता है। वह 768 से किंग ऑफ द फ्रैंक, 774 से इटली का और और 800 से पश्चिमी यूरोप का सम्राट था। पोप ने उसे रोमन साम्राज्य का सम्राट बनाया था। इस तलवार को लोग चार्लमेग्ने की सफलता से जोड़कर हमेशा देखते रहें हैं। वह एक शक्तिशाली सम्राट साबित हुआ था। हालांकि उसका कार्यकाल अधिक लंबा नहीं रहा, मात्र 13 साल ही वह इस पद पर रहा। |
06-12-2013, 11:31 PM | #227 |
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- 7 शाखाओं वाली तलवार : 1945 में जापान की सोनाकामी श्राइन में एक रहस्यमयी तलवार मिली थी। यह विचित्र ढंग से बनी हुई है, जिसमें छह फरसे जैसी शाखाएं है और इसके ऊपरी हिस्से को सातवीं ब्रांच माना जाता है। यह तलवार बेहद बुरी हालत में मिली थी। इसमें कुछ लिखा गया था, लेकिन स्पष्ट नहीं होने से इसे पढ़ा नहीं जा सका। पुरातत्वविदों का कहना है कि इस तलवार की उत्पत्ति 369 में चीन के जिन राजवंश के समय की है। तलवार की धार 65.5 सेमी और लंबी 9.4 सेमी चौड़ी है। तलवार के दोनों ओर सोने से कुछ लिखा गया था, जो जंग से खराब हो गया है। हालांकि यह जरूर स्पष्ट हो गया है कि इसे कोरिया के राजा ने जापान के सम्राट को भेंट के रूप में दिया था। जापान के निहोन शोकी में प्रचलित एक लोकगाथा में इस तलवार का जिक्र आता है। जापान के प्रारंभिक एतिहासिक दस्तावेज पर आधारित किताब निहोन शोकी में भी एक 7 शाखाओं वाली तलवार का जिक्र है। अगर यह वही तलवार है तो एक पौराणिक तांत्रिक महारानी जिंगू की है। अब इतिहासकार भी इसी बात को मानते हैं कि यह तलवार महारानी जिंगू की ही थी। |
06-12-2013, 11:31 PM | #228 |
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- होंजो मासम्यून : जापान में एक प्रीस्ट मुरामास और तलवार बनाने वाले मुसम्यून के बीच स्पर्धा हुई थी, जिसमें दोनों ने भव्य तलवारें तैयार की थीं। लोकगाथा के अनुसार 16 वीं शताब्दी में मुसम्यून और मुरामासा ने अपनी श्रेष्ठता को साबित करने के लिए एक प्रतिस्पर्धा आयोजित की थी कि कौन बेहतर तलवार बनाने वाला (लुहार) है। मुरामासा की तलवार ने जिस चीज को छुआ वह कटती चली गई, लेकिन मुसम्यून की तलवार हर चीज को नहीं काट सकी। मुसम्यून के काम को जापान की राष्ट्रीय धरोहर माना जाता है, लेकिन एक तलवार कभी नहीं मिली। यह तलवार बेहद बेशकीमती है लेकिन मुसम्यून की तलवार को आज तक नहीं खोजा जा सका। यह बेहद रहस्यमय तलवार में मानी जाती है। |
06-12-2013, 11:32 PM | #229 |
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- श्रापित मुरामासास : मुरामासास एक जापानी लुहार था, जो तलवारें बनाता था। स्थानीय लोकगाथाओं के अनुसार उसने प्रार्थना कि उसकी तलवार सबसे भयंकर विध्वंसक हो, क्योंकि उसकी तलवार धार के मामले में बहुत अलग थी। भगवान ने उसकी प्रार्थना स्वीकार कर ली और उसके अंदर खून की प्यासी आत्मा व्याप्त हो गई। वह कभी भी लड़ाई से अघाता नहीं था और वह हत्या करने या आत्महत्या करने के लिए उग्र हो जाता था। मुरामासास के बारे में कई कहानियां प्रचलित थीं कि वह पागल हो गया था या फिर मारा गया था। वह जो भी तलवारें बनाता था, वे श्रापित होती थीं। शोगुन तोकुगवा लेयासु ने इन तलवारों की आलोचना की थी, क्योंकि उसने लगभग अपने पूरे परिवार को ही मार दिया था। जापान के साम्रज्य ने उसकी तलवारों पर प्रतिबंध लगा दिया था। उसकी कई तलवारों को लेने वालों का बुरा हाल हुआ था। |
06-12-2013, 11:33 PM | #230 |
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- सेंट पीटर की तलवार : इस तलवार के बारे में कई तरह की किवदंतियां प्रचलित हैं। इसके बारे में कहा जाता है कि सेंट पीटर ने गेथ्समैन के गार्डन में हाई प्रीस्ट (उच्च पादरी) के लिए एक नौकर का कान इस तलवार से काटा था। ब्रिटेन की लोकगाथा के अनुसार एनिमाथेआ के जोसेफ ने ब्रिटेन के लिए इस तलवार को लाया था। हालांकि 1968 में जॉर्डन के बिशप एक तलवार पोलैंड के लिए लाए थे। माना जाता है कि सेंट पीटर की यही सच्ची स्मृतिचिन्ह है। इसे पोजनार के आर्चडिओसेस म्यूजियम में रखा गया है। दावा है कि सेंट पीटर की इस तलवार को पहली शताब्दी में रोमन साम्राज्य की पूर्वी सीमावर्ती इलाके में बनाया गया था। पोलैंड में रखी इस तलवार के बारे में पुरातत्वविदों का मानना है कि इसका प्रयोग सेंट पीटर के कार्यकाल के दौरान नहीं किया गया था। इसे पीटर की मौत के काफी बाद का बताया गया है। |
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