17-01-2015, 03:19 PM | #11 |
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Re: इतिहास में आज का दिन
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************************************ मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... . तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,... तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये .. एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी, बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी.. ************************************* |
17-01-2015, 03:29 PM | #12 |
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Re: इतिहास में आज का दिन
17 जनवरी सन 1991 ईसवी को अमरीका के नेतृत्व में बहुराष्ट्रीय सेनाओं ने कुवैत और इराक़ में इराक़ी सेना के ठिकानों पर आक्रमण किया और कुवैत पर इराक़ का अतिग्रहण समाप्त हो गया। यह संकट सन 1990 के अगस्त महीने में इराक़ी सेना द्वारा कुवैत के अतिग्रहण के बाद आरंभ हुआ। अमरीका पहले स्वयं ही इराक़ का घनिष्ट मित्र और क्षेत्र में अशांति फैलाने के लिए उसे प्रेरित करने वाला देश था किन्तु जब उसे इराक़ पर आक्रमण करना हुआ तो पहले उसने अंतर्राष्ट्रीय माध्यमों का सहारा लिया ताकि विश्व जनमत इस आक्रमण के लिए तैयार हो सके। संयुक्त राष्ट्र संघ की सहमति के बाद आज के ही दिन इराक़ पर अमरीका के आक्रमण आरंभ हुए। यह युद्ध इराक़ी सेना को कुवैत से निकालने के लिए आरंभ हुआ था किन्तु इसके बहाने अमरीका ने खाड़ी के क्षेत्र में अपनी सैनिक स्थिति मज़बूत कर ली जिससे क्षेत्र की शांति और स्थिरता सदैव के लिए ख़तरे में पड़ गयी।
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17-01-2015, 03:30 PM | #13 |
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Re: इतिहास में आज का दिन
17 जनवरी सन् 2009 को ज़ायोनी शासन ने ग़ज़्ज़ा के विरुद्ध वहां की जनता के प्रतिरोध के कारण युद्ध विराम की घोषणा कर दी, ग़ज़्ज़ा के विरुद्ध ज़ायोनी शासन के पाश्विक हमले 22 दिनों तक जारी रहे। इन हमलों से ज़ायोनी शासन का उद्देश्य इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास को नष्ट करना या कम से कम वार्ता के लिए बाध्य करना था किन्तु फ़िलिस्तीनियों द्वारा हमास के समर्थन तथा विश्व समुदाय के कड़े विरोध के कारण ज़ायोनी शासन इन हमलों को रोकने के लिए बाध्य हो गया। इन पाश्विक हमलों में 1400 से अधिक लोग शहीद तथा 5500 लोग घायल हो गए । ग़ज़्ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के हमले इतने व्यापक थे कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस बारे में जांच के लिए एक आयोग का गठन किया। आयोग की रिपोर्ट में ज़ायोनी शासन को युद्ध अपराधी घोषित किया गया। इस रिपोर्ट की संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार परिषद एवं महासभा ने भी पुष्टि की। इसके बावजूद, ज़ायोनी शासन वर्ष 2007 से ग़ज़्ज़ा का परिवेष्टन जारी रखे हुए है।
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