30-10-2012, 08:12 AM | #81 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
Movie/Album : कल आज और कल (1971) Music By : शंकर-जयकिशन Lyrics By : हसरत जयपुरी Performed By : किशोर कुमार भंवरे की गुंजन है मेरा दिल कब से संभाले रखा है दिल तेरे लिए, तेरे लिए मुझे कब से थी प्यार की जुस्तजू मेरी जिंदगानी में है तू ही तू मैं आया हूँ दुनिया में तेरे लिए मेरे दिल में झूमे तेरी आरज़ू भंवरे की... गगन से भी ऊंचा मेरा प्यार है तुझी पर मिटूंगा ये इक़रार है तू इतना समझ ले मेरे हमसफ़र तेरे प्यार से मेरा संसार है भंवरे की... |
30-10-2012, 08:12 AM | #82 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
मेरे महबूब क़यामत होगी - Mere Mehboob Qayamat Hogi (Kishore Kumar)
Movie/Album : मिस्टर एक्स इन बॉम्बे (1964) Music By : लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल Lyrics By : आनंद बक्षी Performed By : किशोर कुमार I मेरे महबूब क़यामत होगी आज रुसवा तेरी गलियों में मोहब्बत होगी मेरी नज़रें तो गिला करती हैं तेरे दिल को भी सनम तुझसे शिकायत होगी तेरी गली मैं आता सनम नगमा वफ़ा का गाता सनम तुझसे सुना ना जाता सनम फिर आज इधर आया हूँ मगर ये कहने मैं दीवाना ख़त्म बस आज ये वहशत होगी आज रुसवा... मेरी तरह तू आहें भरे तू भी किसी से प्यार करे और रहे वो तुझसे परे तूने ओ सनम ढायें हैं सितम तो ये तू भूल न जाना के ना तुझपे भी इनायत होगी आज रुसवा... II मेरे महबूब... नाम निकलेगा तेरा ही लब से जान जब इस दिल-ए-नाकाम से रुखसत होगी मेरे महबूब... मेरे सनम के दर से अगर बाद-ए-सबा हो तेरा गुज़र कहना सितमगर कुछ है खबर तेरा नाम लिया जब तक भी जिया ऐ शमा तेरा परवाना जिससे अब तक तुझे नफरत होगी आज रुसवा... |
30-10-2012, 08:13 AM | #83 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
हम हैं राही प्यार के - Hum Hain Raahi Pyar Ke (Kishore Kumar)
Movie/Album : नौ दो ग्यारह (1957) Music By : एस.डी.बर्मन Lyrics By : मजरूह सुल्तानपुरी Performed By : किशोर कुमार हम हैं राही प्यार के, हमसे कुछ ना बोलिए जो भी प्यार से मिला, हम उसी के हो लिए दर्द भी हमें कुबूल, चैन भी हमें कुबूल हमने हर तरह के फूल, हार में पिरो लिए जो भी प्यार... धूप थी नसीब में, धूप में(तो) लिया है दम चांदनी मिली तो हम, चांदनी में सो लिए जो भी प्यार... दिल पे आसरा लिए, हम तो बस यूँ ही जिये इक कदम पे हंस लिए, इक कदम पे रो लिए जो भी प्यार... राह में पड़े हैं हम, कब से आप की क़सम देखिये तो कम से कम, बोलिए न बोलिए जो भी प्यार... |
30-10-2012, 08:13 AM | #84 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं - Zindagi Ke Safar Mein Guzar Jaate Hain (Kishore Kumar)
Movie/Album : आप की कसम (1974) Music By : आर. डी. बर्मन Lyrics By : आनंद बक्षी Performed By : किशोर कुमार ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते फूल खिलते हैं, लोग मिलते हैं फूल खिलते हैं, लोग मिलते हैं मगर पतझड़ में जो फूल मुरझा जाते हैं वो बहारों के आने से खिलते नहीं कुछ लोग एक रोज़ जो बिछड़ जाते हैं वो हजारों के आने से मिलते नहीं उम्र भर चाहे कोई पुकारा करे उनका नाम वो फिर नहीं आते... आँख धोखा है, क्या भरोसा है आँख धोखा है, क्या भरोसा है सुनो दोस्तों शक दोस्ती का दुश्मन है अपने दिल में इसे घर बनाने न दो कल तड़पना पड़े याद में जिनकी रोक लो रूठ कर उनको जाने न दो बाद में प्यार के चाहे भेजो हजारों सलाम वो फिर नहीं आते... सुबहो आती है, रात जाती है सुबहो आती है, रात जाती है यूँ ही वक़्त चलता ही रहता है रुकता नहीं एक पल में ये आगे निकल जाता है आदमी ठीक से देख पाता नहीं और परदे पे मंज़र बदल जाता है एक बार चले जाते हैं जो दिन-रात, सुबहो-शाम वो फिर नहीं आते... |
30-10-2012, 08:13 AM | #85 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
घुंघरू की तरह- Ghungroo Ki Tarah (Kishore Kumar)
Movie/Album : चोर मचाए शोर (1974) Music By : रविन्द्र जैन Lyrics By : रविन्द्र जैन Performed By : किशोर कुमार घुंघरू की तरह बजता ही रहा हूँ मैं कभी इस पग में, कभी उस पग में बंधता ही रहा हूँ मैं घुंघरू... कभी टूट गया, कभी तोड़ा गया सौ बार मुझे फिर जोड़ा गया यूँ ही लुट-लुट के, और मिट-मिट के बनता ही रहा हूँ मैं घुंघरू... मैं करता रहा औरों की कही मेरी बात मेरे मन ही में रही कभी मंदिर में, कभी महफ़िल में सजता ही रहा हूँ मैं घुंघरू... अपनों में रहे या गैरों में घुंघरू की जगह तो है पैरों में फिर कैसा गिला जग से जो मिला सहता ही रहा हूँ मैं घुंघरू... |
30-10-2012, 08:13 AM | #86 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
ये शाम मस्तानी - Ye Shaam Mastani (Kishore Kumar)
Movie/Album : कटी पतंग (1970) Music By : आर.डी.बर्मन Lyrics By : आनंद बक्षी Performed By : किशोर कुमार ये शाम मस्तानी, मदहोश किये जाए मुझे डोर कोई खींचे, तेरी ओर लिए जाए दूर रहती है तू, मेरे पास आती नहीं होठों पे तेरे, कभी प्यास आती नहीं ऐसा लगे, जैसे की तू, हंस के ज़हर कोई पीये जाए ये शाम... बात जब मैं करूं, मुझे रोक देती है क्यों तेरी मीठी नज़र, मुझे टोक देती है क्यों तेरी हया, तेरी शरम, तेरी क़सम मेरे होंठ सीए जाए ये शाम... एक रूठी हुई, तक़दीर जैसे कोई खामोश ऐसे है तू, तस्वीर जैसे कोई तेरी नज़र, बन के जुबां, लेकिन तेरे पैगाम दिए जाए ये शाम... |
30-10-2012, 08:14 AM | #87 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
मुसाफिर हूँ यारों - Musafir Hoon Yaaron (Kishore Kumar)
Movie/Album : परिचय (1972) Music By : आर.डी.बर्मन Lyrics By : गुलज़ार Performed By : किशोर कुमार मुसाफिर हूँ यारों ना घर है ना ठिकाना मुझे चलते जाना है बस चलते जाना एक राह रुक गयी तो और जुड गयी मैं मुड़ा तो साथ-साथ राह मुड़ गयी हवा के परों पर मेरा आशियाना मुसाफिर... दिन ने हाथ थाम कर इधर बिठा लिया रात ने इशारे से उधर बुला लिया सुबह से शाम से मेरा दोस्ताना मुसाफिर... |
30-10-2012, 08:14 AM | #88 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
मेरी भीगी-भीगी सी - Meri Bheegi Bheegi Si (Kishore Kumar)
Movie/Album : अनामिका (2010) Music By : आर.डी.बर्मन Lyrics By : मजरूह सुल्तानपुरी Performed By : किशोर कुमार मेरी भीगी-भीगी सी पलकों पे रह गए जैसे मेरे सपने बिखर के जले मन तेरा भी किसी के मिलन को अनामिका तू भी तरसे तुझे बिन जाने, बिन पहचाने मैंने ह्रदय से लगाया पर मेरे प्यार के बदले में तूने मुझको ये दिन दिखलाया जैसे बिरहा की रुत मैंने काटी तड़प के आहें भर-भर के जले मन तेरा भी... आग से नाता, नारी से रिश्ता काहे मन समझ न पाया मुझे क्या हुआ था एक बेवफा पे हाय मुझे क्यों प्यार आया तेरी बेवाफाही पे हंसे जग सारा गली-गली गुज़रे जिधर से जले मन तेरा भी... |
30-10-2012, 08:14 AM | #89 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा - Dil Aisa Kisi Ne Mera Toda (Kishore Kumar)
Movie/Album : अमानुष (1975) Music By : श्यामल मित्रा Lyrics By : इन्दीवर Performed By : किशोर कुमार दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा बर्बादी की तरफ ऐसा मोड़ा एक भले मानुष को अमानुष बना के छोड़ा सागर कितना मेरे पास है मेरे जीवन में फिर भी प्यास है है प्यास बड़ी जीवन थोड़ा अमानुष बना... कहते है ये दुनिया के रास्ते कोई मंजिल नहीं तेरे वास्ते नाकामियों से नाता मेरा जोड़ा अमानुष बना... डूबा सूरज फिर से निकले रहता नहीं है अँधेरा मेरा सूरज ऐसा रूठा देखा न मैंने सवेरा उजालों ने साथ मेरा छोड़ा अमानुष बना... |
30-10-2012, 08:14 AM | #90 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
रात कली एक ख्वाब - Raat Kali Ek Khwaab (Kishore Kumar)
Movie/Album : बुद्धा मिल गया (1971) Music By : आर.डी.बर्मन Lyrics By : मजरूह सुल्तानपुरी Performed By : किशोर कुमार रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई सुबह को जब हम नींद से जागे आँख उन्हीं से चार हुई चाहे कहो इसे मेरी मोहब्बत चाहे हंसी में उड़ा दो ये क्या हुआ मुझे मुझको खबर नहीं हो सके तुम्हीं बता दो तुमने कदम तो रखा ज़मीन पर सीने में क्यों झनकार हुई रात कली.. आँखों में काजल और लटों में काली घटा का बसेरा सांवली सूरत मोहनी मूरत सावन रुत का सवेरा जब से ये मुखड़ा दिल में खिला है दुनिया मेरी गुलज़ार हुई रात कली... यूँ तो हसीनों के महाजबीनों के होते हैं रोज़ नज़ारे पर उन्हें देख के देखा है जब तुम्हे तुम लगे और भी प्यारे बाहों में ले लूं ऐसी तमन्ना एक नहीं कई बार हुई रात कली... |
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