01-09-2012, 12:22 AM | #1 |
Diligent Member
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ये दिल उस दिन आहें भरेगा
जिस दिन तेरा दीदार ना होगा ! टूट जायेगा ये दिल मेरा जीवन का ना कोई सार होगा ! बिछड़ के तुझसे जी पाऊं मुझसे ये अब मेरे दिलदार ना होगा ! रोक ना पौँगा शायद उन वारों को तीर इश्क़ का जब तलक जिगर के पार ना होगा !! तुम्हारा हो चूका है '' नामदेव '' आज सनम भले तुम को मुझसे उससे प्यार ना होगा ! लेखक --सोमबीर नामदेव 9321083377 |
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