27-02-2011, 12:11 PM | #41 |
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इस्लाम से आपका परिचय
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Self-Banned. Missing you guys! मुझे तोड़ लेना वन-माली, उस पथ पर तुम देना फेंक|फिर मिलेंगे| मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएं वीर अनेक|| Last edited by Bond007; 27-02-2011 at 12:13 PM. |
27-02-2011, 12:12 PM | #42 |
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इस्लाम से आपका परिचय
दूसरी विशेषता यह होगा कि आप अपने आप में, अपने परिवार में, इस दुनिया के लोगों में, वातावरण में, और इस दुनिया में शांति का, अनुरूपता का, अक्षोभ और खुशियों और आनंद का संचार करेंगे.
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27-02-2011, 12:15 PM | #43 |
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इस्लाम से आपका परिचय
तीसरी विशेषता यह होगा कि आपके शरीर पर, मष्तिष्क पर, तंत्रिका तंत्र पर कोई फालतू का जोर और टेंशन नहीं रहती है क्यूंकि आप दिन में पांच बार वुज़ुः (मुहं, हाँथ और पैर धोना) करके नमाज़ पढ़ते है और अपने मालिक (अल्लाह) से दुआ करते हैं. नमाज़ में जब आप सज़दा करते हैं तो अपना माथा ज़मीन पर रखते हैं इस प्रक्रिया में आप अपनी सारी टेंशन और अपने मस्तिष्क के अतिरिक्त बिना मतलब के भार को ज़मींदोज़ (ख़त्म) कर देते हैं. नमाज़ पढने से आप अपनी तमाम चिंताओं के हल के लिए अल्लाह दुआ करते है और चिंतामुक्त होते हैं. यहीं नहीं नमाज़ के ज़रिये आप के शरीर के तमाम मनोरोग भी दूर हो जाते हैं. जिस तरह से अगर आप कहीं जा रहे हों रास्ते में अगर आपको जगह-जगह पर नहरें मिले और आप उसमें हर बार नहा लें तो किन्हीं दो नहरों के बीच आपके शरीर पर जितनी भी धुल या गन्दगी जमेगी/हो जायेगी वह धुलती जायेगी. ठीक उसी तरह से आप अगर दिन में पांच मर्तबा नमाज़ पढेंगे तो दो नमाजों के बीच के गुनाह ख़त्म हो होते जायेंगे और आपका मन शांत रहेगा वह सब काम नहीं करेगा जो आपके मालिक के नियमों विरुद्ध होगा.
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27-02-2011, 12:16 PM | #44 |
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इस्लाम से आपका परिचय
चौथा फ़ायदा यह होगा कि आपका व्यक्तित्व आकर्षक (कांतिमय) बन जायेगा. आप अनुकूल और मित्रवत रहेंगे. आप ग़लत काम से परहेज़ करेंगे, आप शराब नहीं पीयेंगे, ड्रग्स नहीं लेंगे, अश्लील हरक़त नहीं करेंगे, व्यभिचार नहीं करेंगे.
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27-02-2011, 12:19 PM | #45 |
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इस्लाम से आपका परिचय
पांचवां फ़ायेदा यह है कि साल में एक महीने रोज़ा रखने के उपरांत आप अपने पर आत्म-नियंत्रण, आत्मानुशासन, आत्म-शिक्षा, आत्म-अनुपालन के दूर सीख लेते हैं . आप बेशक अपनी सेहत, व्यक्तित्व, चरित्र और स्वाभाव को सुधार लेते हैं.
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27-02-2011, 12:20 PM | #46 |
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इस्लाम से आपका परिचय
छठवां फ़ायदा यह है कि हवस (lust), स्वार्थपरायणता (selfishness), इच्छाओं (desires), लालच (greed), अंहकार (ego), दम्भ (conceitedness) आदि दुर्गुणों से दूर रहते है और इन दुर्गुणों पर नियंत्रण रख पाते हैं.
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27-02-2011, 12:21 PM | #47 |
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इस्लाम से आपका परिचय
सातवां फ़ायेदा है कि आप आर्थिक, जैविक, मानसिक, आध्यात्मिक, मनोवैज्ञानिक, राजनैतिक आदि क्षेत्र के सभी प्रकार के exploitations रोकने में सक्षम होते हैं. आप लोगों की आज़ादी के समर्थक होंगे, उन्हें बोलने की आज़ादी के, इबादत की आज़ादी के, समतुल्य संबंधों के पक्षधर होंगे, निरपेक्षता (चाहे वो धार्मिक ही क्यूँ न हो) के पक्षधर होंगे. आप नेता होंगे और लोगों में शांति, अक्षोभ (प्रशांति) और खुशियों का नेतृत्व करेंगे.
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27-02-2011, 12:22 PM | #48 |
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इस्लाम से आपका परिचय
आठवां फ़ायेदा यह कि आप समाज की बुराईयों से दूर रहेंगे और अच्छाईयों अमल करेंगे. आप मुसलमान बनने के बाद समाज की बुराईयों को बढ़ने से रोकने में मदद करेंगे. जैसे- कर्त्तव्यच्युति, अपचार. पापचरित्र, बाल-अपराध, घरेलु हिंसा, कौटुम्बिक व्यभिचार (सगे-संबंधी के साथ यौन सम्पर्क), समलिंगकामुकता, स्वच्छन्द संभोग, विवाहपूर्व यौन-सम्बन्ध, विवाहेत्तर संबंधों आदि समस्त दोषों से दूर रहेंगे.
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27-02-2011, 12:23 PM | #49 |
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इस्लाम से आपका परिचय
नौवां फ़ायेदा यह है कि आप समाज में उन बिमारियों से दूर कम कर सकेंगे जो ला-इलाज हैं मसलन- aids आदि
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27-02-2011, 12:24 PM | #50 |
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इस्लाम से आपका परिचय
दसवां फ़ायेदा यह होगा कि जब आपकी मृत्यु होगी, आप शांति से मृत्यु को प्राप्त होंगे, कब्र की और उसके बाद की ज़िन्दगी भी खुशमय होगी, अविनाशी सुख के भोगी होंगे, आपकी मौत पर आपका साथ पाने के लिए अप्साए लालायित होंगी, वे स्वर्ग (जन्नत) में आपकी मुक़र्रर (आरक्षित) जगह तक ले जाएँगी, आखिरी दिन (क़यामत के दिन, हिसाब-किताब के दिन) आप सारे नबियों, पैगम्बरों (ईश्वर के संदेष्टाओं) जैसे- हज़रत नूह (अ.स.), हज़रत इब्राहीम (अ.स.), हज़रत मूसा (अ.स.), हज़रत ईसा (अ.स.) और हज़रत मुहम्मद (अल्लाह की उन पर शांति हो) को देख सकेंगे और उनसे मुलाक़ात कर सकेंगे. आप अपने सरे दोस्तों, रिश्तेदारों, गर के फर्दों और महबूब को देख सकेंगे. आप जन्नत में अनंत जीवन व्यतीत करेंगे. (अल्लाह बेहतर जानने वाला है)
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