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Old 14-02-2014, 06:18 PM   #1
rajnish manga
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Default शराबियों की प्रशंसा में

शराबियों की प्रशंसा में
(आलेख: अंकित सोलंकी)

मैं शराब नहीं पीता पर शराबियो से मेरी पूरी सहानुभूति हैं | अक्सर समाज से सताये और दीन-दुनिया के प्रपंचो से प्रताड़ित व्यक्ति ही शराब पीता हैं | दिन भर का थका-हारा मानुस रात में यारो के साथ दौ जाम छलकाकर असीम सुकून पाता हैं | शराब अन्दर जाते ही सारे दुःख-दर्द एक-एक करके बाहर निकलते हैं, और शराबी पूरी ईमानदारी और सच्चाई से अपनी दिल की बात बयाँ करता हैं | यही बात शराब की मुझे सबसे अच्छी लगती है की वो आदमी के शरीर को टाइट और दिल को लाइट कर देती हैं |हिन्दू धर्म में तो इसे काल-भैरव का प्रसाद माना गया हैं | शराब वैसे तो कभी भी पी जा सकती हैं, पर किसी खास मौके पर (विशेषकर गम के मौके पर ) दोस्तों के साथ मिलकर शराब पीने का अलग ही मजा हैं | जैसे दोस्त की नौकरी लगने पर, दोस्त की गर्ल-फ्रेण्ड की किसी और के साथ शादी होने पर, बीबी के मायके चले जाने पर, नौकरी में अप्रेसल ना मिलने पर, पुराने दोस्तों से मिलने पर या बचपन के सपने टूटने पर | शराब व्यक्ति को एक अलग ही मूड में या यु कहे अलग ही मौसम में ले जाती हैं | एक शराबी आपका रोहित शेट्टी की फिल्मो से ज्यादा मनोरंजन कर सकता हैं |शराबी लोगो का प्यार भी निश्छल और सच्चा होता हैं, यकीन ना हो तो आशिकी2 या राकस्टार फिल्मे देख लीजिये | और अगर आप पुराने ज़माने के हैं तो अमिताभ की शराबी देख लीजिये | शराब का महिमामंडन हर काल, हर युग में हुआ हैं | हरिवंश रॉय बच्चन ने तो बाकायदा पूरा काव्य खंड मधुशालाइसी शराब पर रचा हैं | ग़ज़ल गायक पंकज उधास साहब भी बोतल-चखना लेकर पूरी तैयार्री के साथ ही गाने बैठते थे, अपनी ज़िन्दगी की 50 प्रतिशत गज़ले उन्होंने शराब पर ही गाई हैं |
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Old 14-02-2014, 06:19 PM   #2
rajnish manga
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Default Re: शराबियों की प्रशंसा में

हमारी तो सरकारे भी शराब के दम पर चल रही हैं | आपको ये जानकर ताज्जुब होगा कि हमारी सरकार को लोगो के इनकम टेक्स से इतना पैसा नहीं मिलता हैं, जितना शराब के लायसेन्स बेचकर और शराब की बिक्री पर कर लगाकर | मुझे तो लगता हैं पोलिस को शराब पीलाकर ही मुजरिमों का इन्टेरोगेट करना चाहिए, मुजरिम बिना किसी थर्ड डिग्री टार्चर के प्यार-मुहब्बत में ही अपने सारे गुनाह बता देगा | हालाँकि इन्टेरोगेशन का ये तरीका काफी महंगा होगा, पर सफलता की ग्यारंटी शत प्रतिशत हैं |

अब आप ये सोच रहे होंगे कि मुझ जैसे नॉन-अल्कोहलिक और वेजिटेरियन आदमी आज एकदम से शराब का गुणगान क्यों करने लगा हैं | तो साहब हुआ यु कि कल हमारे अजीज दोस्त मुकुंद बिहारीका फ़ोन आया और उन्होंने हमें लाइट-हार्ट बारमें मिलने के लिए बुलाया | अब मुकुंद बिहारी का चैप्टर शुरू करने से पहले मुझे जरा उसकी हिस्ट्री सुनानी होगी | मुकुंद बिहारी ने हमारे स्कूल में नौवी कक्षा में एडमिशन लिया था | वो आठवी तक अपने गाँव के स्कूल में पढ़ा था और फिर शहर आया था | गाँव से आने वाले हर व्यक्ति की तरह वो भी बहुत सीधा-सादा और भोला-भाला था, जिसके शहरी छात्रो ने क्लास में बहुत मजे लिए | एक बार विज्ञान के पेपर में प्रश्न आया की ट्रेन की दौ पटरियों को जोड़ते वक़्त उनके बीच कुछ खाली जगह क्यों छोड़ दी जाती हैं | ऊष्मा और ऊष्मा से धातुऔ में होने वाले फैलाव के नियम से अनभिज्ञ बेचारे मुकुंद्बिहारी ने इसके उत्तर में लिखा था की ट्रेन आमने से भी आती हैं और सामने से भी | ट्रेन लेफ्ट से भी आती हैं और राइट से भी तो दोनों ट्रेन में टक्कर न हो जाये, इसलिए कुछ जगह खाली छोड़ दी जाती हैं | ताकि ड्राईवर खाली जगह देखकर ट्रेन रोक दे | एक बार प्राचार्य को छुट्टी के लिये लिखे जाने वाले प्रार्थना पत्र में उसने लिखा था कि सर मेरा चयन ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में हो गया हैं | अमिताभ बच्चन ने फ़ोन करके खुद मुझे आमंत्रित किया हैं | अब ऐसे अवसर को मैं स्कूल की बोरिंग क्लास के लिये कैसे छोड़ सकता हूँ, अतः मुझे तीन दिन का अवकाश देने की कृपा करे (और मेरे वापस लौटने पर मेरे सम्मान की भी व्यवस्था करे) उसके इस प्रार्थना-पत्र को पूरी क्लास में पढ़कर सुनाया गया था|
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Old 14-02-2014, 06:20 PM   #3
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Default Re: शराबियों की प्रशंसा में

खैर वो कितना भी सीधा-सादा था पर गणित विषय में उसका गज़ब दिमाग चलता था | अंग्रेजी में जरूर कमज़ोर था पर अन्य विषयो पर उसकी अच्छी पकड़ थी, इसी कारण से उसे इंजीनियरिंग में आसानी से दाखिला भी मिल गया | पर जैसे ही वो इंजीनियरिंग कालेज में पंहुचा, उसके तो रंग-ढंग ही बदल गये | कच्छे-बनियान में पूरा बाज़ार घुमने वाला मुकुंद्बिहारी अब केवल स्किन टाइट जीन्स और टी-शर्ट में ही दिखाई देता था | कालेज के पहले ही साल में सिगरेट-दारू सब चालू कर दिया | गाँव की गाज़र-घास अब शहर का चलता-पुर्जा बन चुका था | उसके ऐसे हाल पर मुझे अच्छा नहीं लगा, एक तो वो पुराना वाला मुकुंद्बिहारी नहीं रहा बल्कि कूल डूड ऍमबी बन चुका था | उस पर पढ़ाई में भी पिछड़ता जा रहा था | उसे कई सारे सब्जेक्ट में ब्रेक लग चुके थे| पर इससे पहले मैं उसे कुछ कहता, उसके साथ कुछ ऐसा हुआ कि वो पूरी तरह से बदल गया | उसके क्लास में एक लड़की थी जो कालेज के पहले दिन से उसकी दोस्त बन गयी थी |

कालेज के शुरुआती दिनों में तो मुकुंद्बिहारी बहुत ही सीधा-सादा था और वो लड़की निहायत ही ख़ूबसूरत थी | शुरुआत में तो ये केवल दोस्ती तक सीमित थी पर फाइनल इयर तक प्यार में तब्दील हो चुकी थी | बेचारा मुकुंद्बिहारी उसके लिए बहुत इमोशनल होने लगा था |पर इस प्यार का उसे बहुत फायदा हुआ | पहले तो वो हर आधे घंटे में सिगरेट पीता था, पर प्यार होने के बाद उसे कभी उस लड़की के अलावा किसी चीज़ की जरूरत महसूस ही नहीं हुई | इस तरह से सिगरेट हमेशा के लिये उससे छूट गयी | लड़की के साथ में रहकर वो पढ़ाई पर भी ध्यान देने लग गया था | इसका फायदा ये हुआ की फाइनल इयर में उसने अच्छा स्कोर किया और एक कंपनी में प्लेसमेंट भी हो गया | रही बात शराब पीने की तो वो लड़की एक दिन उसे किसी साधू के प्रवचन में ले गयी, जहा साधू बाबा ने सभी लोगो को शराब ना पीने की शपथ दिलवा दी | और इस तरह से उसने शराब से भी तौबा कर ली |

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Old 14-02-2014, 06:23 PM   #4
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Default Re: शराबियों की प्रशंसा में

जो मुकुंद्बिहारी स्कूल में गाज़र घास था, कोलेज में चालू पुर्जा बना, नौकरी लगने के बाद पक्का प्रोफेशनल बन गया था | घर से ऑफिस और ऑफिस से घर, यही उसकी ज़िन्दगी हो चुकी थी | मुझसे भी काफी दिनों में ही मुलाकात हो पाती थी | ऐसे में उसका अचानक फ़ोन आना और मुझे लाइट हार्ट बारमें बुलाना कुछ समझ में नहीं आ रहा था | खैर मैं जब लाइट हार्ट बारमें पंहुचा तो मुझे देखते ही बोला मुझे पता था की कोई आये ना आये तू जरूर आएगा, बस तू ही अपना सच्चा दोस्त हैं |’ उसका ऐसा बोलना था कि मैं समझ गया की वो कम से कम दौ पेग डाउन हैं | मेने पूछा क्या हुआ तो वो बोलने लगा आज कुछ नहीं बोलेगा, आज बस सेलेब्रशन होगा | वो डायन मुझसे झगडा करके मायके गयी हैं |’ अब मुझे समझते देर नहीं लगी कि वो किसे डायन कह रहा हैं | आगे मैं कुछ उससे पूछता उससे पहले उसने ही सब कुछ बता दिया – ‘ क्या नहीं किया उसके लिए मेनेसिगरेट छोड़ दी दारू छोड़ दीये दौ कौड़ी की नौकरी कर लीयहाँ तक के अपने माँ-बाप के गाँव जाना भी छोड़ दिया | पर उसने क्या किया मेरे लियेकुछ नहींमेरी सेलेरी पर ऐश करती हैं मेरा बनाया हुआ खाना खाती हैं और मेरा ही कोई ख्याल नहींरखती साली | मेरे माँ-बाप कभी-कभार यहाँ आते हैं तो उन्हें भी परेशान करके भगा देती हैं | जब से शादी हुई हैं, हंसना भी भूल गया हूँ | दिन भर ऑफिस में मरता रहता हूँ और घर आकर इसके नखरे उठाता रहता हूँ | वीकेंड में भीदिन भर बस मेरी छाती पर ही लौट लगाती हैं | आज उससे बहुत झगडा हुआ और उसको मेने घर से भगा दिया …(फिर थोड़ी देर रुककर)भगा क्या दिया, खुद ही मुझे छोड़कर चली गयी ‘ (इतना कहना था की उसके चेहरे पे अजीब से ख़ामोशी छा गयी )|
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Old 14-02-2014, 06:24 PM   #5
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Default Re: शराबियों की प्रशंसा में

मेने उसे समझाया की ऐसा झगडा हर पति-पत्नी में होता हैं, कल जाना, भाभीजी से माफ़ी मांग लेना और वापस घर ले आना | इतना कहना था कि उसका दर्द फिर उभर आया हर पति-पत्नी में ऐसा झगडा तभी होता हैं, जब बेचारा पति कुछ बोलता हैं | वरना जब तक इनके नखरे झेलते रहो, इन्हें कोई परवाह नहीं रहती | जाने दे साली को अपन अब उसको लेने कभी नहीं जायेंगे रोज बस ऐसे ही सेलेब्रेट करेंगे | देखआज कितने सालो बाद दारू पीने को मिली हैं ‘ …(इतना कहने के बाद वो दारू के गिलास को बड़े प्यार से निहारने लगाजैसे बीवी से ज्यादा उसे शराब प्रिय हो )| मेने उससे कहा की नहीं, तुझे आज के बाद कोई दारू नहीं पीना हैं बीवी से नहीं तो कम से कम धरम से तो डर तूने भगवान की कसम खायी थी दारू ना पीने की | मेरा इतना कहना था की वो फिर से भड़क उठा – ‘कौन कमबख्त बीवी से डरता हैं मैं तो डरता था भगवान से जो शराब नहीं पीता था वरना बीवी ने तो कोई कसर नहीं छोड़ी थी मेरी ज़िन्दगी नरक बनाने में वो तो भला हो मध्य-प्रदेश और राजस्थान की पुलिस का जो मैं अब ज़िन्दगी भर बिना किसी डर के दारू पी सकता हूँ|’ अब मेरा दिमाग बिना दारू पीये ही चकराने लगा था, आखिर मध्य-प्रदेश और राजस्थान की पोलिस ने ऐसा क्या किया कि महाराष्ट्र में बैठा मुकुंद बिहारी अब दारू पी सकता हैं | खैर मैं कुछ पूछता उससे पहले उसने ही सब कुछ क्लियर कर दिया – ‘ अरे जिस साधू बाबा ने मुझे दारू ना पीने की कसम दिलवायी थी उसे कल ऍमपी और राजस्थान की पोलिस ने स्मगलिंग कारोबार में शामिल होने के अपराध में तथा और बहुत से मामलों में गिरफ्तार कर लिया और मुझे हर बंधन से मुक्त कर दिया|’ इतना कहने पर उसके चेहरे पर ख़ुशी की ऐसी लहर आयी जैसे उस साधू की गिरफ़्तारी की ख़ुशी किसी अन्य व्यक्ति से ज्यादा इस पत्नी प्रताड़ित मुकुंद बिहारी को हो रही हैं |
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Old 15-02-2014, 04:55 PM   #6
Dr.Shree Vijay
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Default Re: शराबियों की प्रशंसा में


अंकित जी ने बेहतरीन व्याख्या की हैं.........
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*** Dr.Shri Vijay Ji ***

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.........: सूत्र पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दे :.........


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Old 17-02-2014, 09:28 PM   #7
rajnish manga
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Quote:
Originally Posted by dr.shree vijay View Post

अंकित जी ने बेहतरीन व्याख्या की हैं.........
एक दुखी पत्नी-प्रताड़ित के हाल पर विचार रखने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद, मित्र.
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