14-01-2015, 02:11 PM | #1 |
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पिता
पिता
पिता : एक व्यक्तित्व जिसके विषय में कभी कुछ कहा ही नहीं जाता या फिर कम कहा जाता है . सभी को बचपन में अनुशासनप्रियता व सख्ती के चलते पिता हमें क्रूर नजर आते हैं। लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है और हम जीवन की कठिन डगर पर चलने की तैयारी करने लगते हैं, हमें अनुभव होता है कि पिता की वो डांट और सख्ती हमारे भले के लिए ही थी। उनकी हर एक सीख जब हमें अपनी मंजिल की ओर बढ़ने में मदद करती है, तब हमें मालूम पड़ता है कि पिता हमारे लिए कितने खास थे और हैं। तो आज एक सूत्र पिता के नाम देव
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************************************ मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... . तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,... तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये .. एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी, बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी.. ************************************* Last edited by DevRaj80; 14-01-2015 at 02:13 PM. |
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पापा, पिता, पिताजी, father |
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