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#1 |
Diligent Member
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![]() ॰ ॰ ॰ सुननी कुछ लो के बतिआवत दुखी के घरवा रहे दावत कुछ लोग रहे शोर मचावत मुखिया रहलेँ बात सुनावत बड़ी भागि से मीलल बा रे परधानी तूँ मिल के खा रे खइला से ना तनिक लजा तूँ माल हवे सरकारी खा तूँ जब आवास केहू क दीले कइ हजार ओसे हम लीले जवन गाँव के बाटे कोटा धन मीले उँहँवोँ से मोटा कर्मि सफाई से टानीले बिन पइसा के ना मानीले राशन काड बनावे खातिर धन पाईले धावे खातिर सबसे बेसी मनरेगा से लाखन पाईँ कवनोङा से इस्कूली से मोट कमाईँ भोजन से हम नोट कमाईँ सबका माथे ताज न आवे असली मुखिया बाज न आवे येही से हम बाज न आईँ झगरा लगा लगा फरिआईँ झगरवो से झरेला खूबे येतना कि लागीले डूबे डूबीँ फेरू उतराईले दौलत कि येतना पाईले विधवा अउर बूढ़ के पेन्सन लूटे मेँ तनिको ना टेँसन हम चानी आधा काटीले आधा मेँ सबके बाटीले बाँट बाँट के खइले बा लो हमसे बेसी धइले बालो दिल्ली से गउँवा ले भाई चाँपत बाटे लोग मिठाई बेसरमी के मेला लागल हमरो बेसरमी बा जागल हम चुनाव मेँ कइनी फेरा खूब खिअवनी लड्डू केरा साड़ी अउर बटाइल मछरी भइ जीत बानी डेढ़ अछरी दारू अउर मास के रेला आईल रहे कइ कइ ठेला पइसा दे भरमवले बानी पद पर पाँव जमवले बानी जमल रही आ जमले बाटे कुर्सी हमके बन्हले बाटे चमचा लो के रही सहारा पँचवेँ पँचवेँ मिली किनारा सबके दारूबाज बनाके राखब आपन ताज बचा के गउँवा मेँ जे रही अशिक्षा बाकी रही न एको इच्छा गाँवे रही गरीबी भाई कईल बनी खूबे कमाई जे जे सूनल मुखिया बानी भरलि आँखि मेँ ओकरा पानी हाय देव हे देवी माई धरम कहीँ अब लउकत नाहीँ लूट-लूट जे मनई खाता करऽ न्याय अब सुनऽ विधाता रचना- आकाश महेशपुरी Aakash maheshpuri पता- वकील कुशवाहा उर्फ आकाश महेशपुरी ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश मो. 09919080399 |
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#2 |
Super Moderator
![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() ![]() Join Date: Aug 2012
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![]() आदि से अंत तक सारे सामाजिक-सरकारी तंत्र पर अच्छा कटाक्ष किया गया है. धन्यवाद.विधवा अउर बूढ़ के पेन्सन
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
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#3 |
Diligent Member
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