21-02-2011, 06:31 PM | #31 |
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Re: इस्लाम से आपका परिचय
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21-02-2011, 06:49 PM | #32 | |
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Re: इस्लाम से आपका परिचय
Quote:
लेकिन उसके पास इतनी मालियत होनी चाहिए की शादी मे कोई रुकावट न आए घर पर एक जिम्मेदार सदस्य का होना जरुरी है
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21-02-2011, 06:51 PM | #33 |
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Re: इस्लाम से आपका परिचय
मैं पहले ही बता चूका हूँ कि एक शर्त "आर्थिक एवं शारीरिक रूप से सक्षम होना" भी है ,इसका अर्थ यह भी है कि यदि लड़की जवान है तो उसकी शादी करके ही जाये और यदि रिश्ता उपलब्ध न हो तो शादी के योग्य धन छोड़ कर किसी को जिम्मेदार बनाकर जाएँ |
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21-02-2011, 08:28 PM | #34 |
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Re: इस्लाम से आपका परिचय
अच्छा जनकारी इस्लाम के बारे मै
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ईश्वर का दिया कभी 'अल्प' नहीं होता,जो टूट जाये वो 'संकल्प' नहीं होता,हार को लक्ष्य से दूर ही रखना,क्यूंकि जीत का कोई 'विकल्प' नहीं होता. |
22-02-2011, 09:49 PM | #35 |
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Re: इस्लाम से आपका परिचय
जेहाद का शाब्दिक अर्थ होता है -जद्दोजहद अर्थात संघर्ष(struggle) |परन्तु यह संघर्ष अपने स्वार्थ के लिए न होकर केवल और केवल अल्लाह के आदेश के पालन के लिए होना अनिवार्य है |जैसे कि दाढ़ी रखना आजकल ऐसा हो गया है कि दाढ़ी वाले को अधिकांश लोग बेवकूफ और पुराने विचारों वाला व्यक्ति मानते हैं इसलिए आज के युग में दाढ़ी रखना भी एक प्रकार का जेहाद ही है |
जेहाद में जंग करने के भी कठोर नियम हैं जैसे कि-बच्चे,बूढ़े,महिला,बुज़ुर्ग,निहत्ते,जो लड़ना न चाहे,और धोके से या पीठ पर प्रहार करना मना है | इसमें कोई लूट पाट नहीं होनी चाहिए |परन्तु आजकल जेहाद को जिस रूप में विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है वो निहायत ही चिंताजनक है |जो लोग जेहाद के नाम पर आतंकवाद फैला रहे हैं वो केवल और केवल अपने स्वार्थ के लिए ऐसा कर रहे हैं | एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण बात बताना चाहूँगा कि जेहाद के लिए जंग करना केवल उस स्थिति में जायज़ है जब आपको अल्लाह का आदेश मानने से रोका जाये |उदाहरण के लिए यदि भारत में मुसलमानों को नमाज़ पढ़ने पर पाबंदी लगाई जाये तो यहाँ पर जेहाद करना जयाज होगा |लेकिन यदि कुछ लोग कुछ मासूम मुस्लिम्स को इकट्ठा करके एक आतंकी ग्रुप बनाकर हिंसा करना शुरू कर दे तो चाहे ये लोग किसी राज्य अथवा देश को स्वतंत्र कराने का बहाना बनाये ये किसी भी स्थिति में जेहाद नहीं माना जा सकता | |
22-02-2011, 11:26 PM | #36 |
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Re: इस्लाम से आपका परिचय
मासूम जी
आपका योगदान सूत्र के लिए अति महत्वपूर्ण है हमारी कमियों को आपने पूरा किया इसके लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया
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22-02-2011, 11:39 PM | #37 |
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Re: इस्लाम से आपका परिचय
तलाक के 3 महीने १३ दिन तक दोबारा निकाह पर बंदिश क्यों ?
इस्लाम को मानने वाले मुस्लिम भाई अपने धार्मिक नियम-कायदों का पालन पूरे समर्पण और निष्ठा से करते हैं।हर एक मुस्लिम चाहे वह दुनिया में कहीं भी रहता हो, इन नियमों का कड़ाई से पालन करने में विश्वास रखता है। इस्लाम धर्म के अनुयाई यानि कि इस्लाम को मानने वाले शरियत के नियम कायदों को अटल एवं अंतिम मानते हैं। शरियत एक ऐसा कायदानामा (धार्मिक संविधान) है, जिसमें प्रत्येक मुस्लिम मर्द और औरत के लिए अनियार्य नियम- कानून होते हैं। शरियत में इंसान के जन्म से लेकर मृत्यु तक की सारी प्रमुख घटनाओं में जो नियम पालने होते हैं, उनका विस्तार से वर्णन किया गया है। शरियत में विवाह को लेकर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश दिये गए हैं। विवाह के विषय में शरियत में नियम है, कि जब किसी भी जायज कारण से पति-पत्नी के बीच तलाक हो जाए, तो अगले ३ महीने १३ दिन तक औरत को दूसरा विवाह नहीं करना चाहिये। (जिसे तलाक की इद्दत पूरी करना कहा जाता है ) ३ महीने १३ दिन तक किसी स्त्री के निकाह न करने के पीछे एक प्रमुख कारण है, जो कि परेशानी से बचाने के लिये ही होता है। तलाकशुदा स्त्री से तीन महीने १३ दिन तक दोबारा निकाह इसलिये नहीं हो सकता, क्योंकि 3 महीने १३ दिन में यह खुलासा हो जाएगा कि वह स्त्री गर्भवती है या नहीं ? अगर स्त्री गर्भवती है तो ? जब तक बच्चे का जन्म न हो जाये दूसरा निकाह नहीं कर सकती है ( इद्दत भी बच्चे के जन्म तक पूरी करनी होगी )
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27-02-2011, 11:53 AM | #38 |
Special Member
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इस्लाम से आपका परिचय
सिकंदर साब अच्छा सूत्र बनाया है| वैसे मैं पहले ही इस पर सूत्र बनाना चाहता था| लेकिन विवादों का आगमन न हो ये सोच कर मैंने नहीं बनाया|
कुछ सहयोग मेरी तरफ से|
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27-02-2011, 12:09 PM | #39 |
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इस्लाम से आपका परिचय
जहाँ तक इस क़ायनात (सृष्टि) के मालिक (जिसका वास्तविक नाम 'अल्लाह' है) का संबंध है, आप उसे उसकी बहुत सी निशानियों के ज़रिये आसानी से पहचान सकते हैं, आप उसे अपने नजदीक कर सकते हैं, उसके नामों के ज़रिये अपने और उसके रिश्ते को समझ सकते हैं और आप उसे दिन में २४ घंटे और पूरे साल अपनी नमाजों के ज़रिये अपनी बात कह सकते हैं. आप इस दुनिया में क्यूँ आये? आपका इस दुनिया में पैदा होने का मकसद क्या है? सबसे बड़ी बात है कि आप के पास जवाब होंगे उन सब शब्दों के जिन्हें क्यूँ, कैसे, कब, कहाँ, क्या और दीगर दार्शनिक और तत्वज्ञान सम्बन्धी सवालों के.
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27-02-2011, 12:10 PM | #40 |
Special Member
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इस्लाम से आपका परिचय
इस्लाम की कुछ विशेषताएं/फायदे....
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