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#4 |
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मित्र, कृपया स्पष्ट करें की किसकी ठोड़ी पर लगाते हैं..? अपनी? या आगंतुक की?
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#6 |
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लेकिन आजकल के कलयुगी कहते हैं ... अतिथि कब जावोगे?
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#7 | |
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अपना हाथ अपनी ठोड़ी पर लगाते हैँ
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#8 |
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सिकंदर जी बेशकीमती जानकारी के लिए आभार. वैसे मैंने देखा है की कुछ बुजुर्गवार बात करते करते सामने वाले की ठोड़ी में रह रह कर हाथ लगते हैं जैसे खुशामद कर रहे हों इसलिए मैंने यह जिज्ञासा रखी थी.
समाधान के लिए आभार.
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#10 |
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बहुत बेहतरीन जानकारी दी है मित्र आपने. लेकिन यदि भारत में कहीं भी कोई इस प्रकार किसी का स्वागत करेगा तो यह क्या माना जाएगा ये सभी अच्छी तरह समझते हैं.
कृपया और जानकारीया देते रहें. आप बहुत उत्तम कार्य कर रहे हैं. धन्यवाद.
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