11-04-2012, 11:41 AM | #21 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
आ चल के तुझे मैं लेके चलूँ एक ऐसे गगन के तले... जहाँ गम भी नो हो आंसू भी ना हो बस प्यार ही प्यार पले.... जिसकी गायक, संगीत और गीतकार खुद किशोरदा........... दूसरा गाना.... रात कलि एक ख्वाब में आयी... और गले का हार हुई... सुनते ही कुछ अलग सा एहसास महसूस होता है जो बयान कर पाना मुश्किल है.............. |
30-10-2012, 07:51 AM | #22 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
कांची रे कांची रे - Kanchi Re Kanchi Re (Kishore Kumar, Lata Mangeshkar)
Movie/Album: हरे रामा हरे कृष्णा (1971) Music By: आर.डी.बर्मन Lyrics By: आनंद बक्षी Performed By: किशोर कुमार, लता मंगेशकर कांची रे कांची रे प्रीत मेरी साँची रुक जा, न जा दिल तोड़ के तेरे हाथों में है मेरी डोरी जैसी कच्चे धागे से मैं बंधा आया ऐसे मुश्किल है जीना, दे दे ओ हसीना वापस मेरा दिल मोड़ के कांची रे कांची रे... झूठा है ये गुस्सा तेरा, सच्चा नहीं सच्चे प्रेमी को तड़पाना अच्छा नहीं वापस न आऊंगा, मैं जो चल जाऊंगा ये तेरी गालियाँ छोड़ के कांचा रे कांचा रे... रंग तेरे में ये तन रंग लिया तन क्या है मैंने मन रंग लिया बस चुप ही रहना, अब फ़िर ना कहना रुक जा, न जा दिल तोड़ के कांचा रे कांचा रे... |
30-10-2012, 07:51 AM | #23 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
फूलों का तारों का - Phoolon Ka Taaron Ka (Kishore Kumar, Lata Mangeshkar, Lata Mangeshkar)
Movie/Album: हरे रामा हरे कृष्णा (1971) Music By: आर.डी.बर्मन Lyrics By: आनंद बक्षी Performed By: किशोर कुमार, लता मंगेशकर फूलों का, तारों का, सबका कहना है एक हजारों में मेरी बहना है सारी उमर, हमें संग रहना है किशोर कुमार जबसे मेरी आँखों से हो गयी तू दूर तबसे सारे जीवन के सपने हैं चूर आँखों में नींद ना मन में चैना है एक हजारों में... देखो हम तुम दोनों हैं इक डाली के फूल मैं ना भूला, तू कैसे मुझको गई भूल आ मेरे पास आ, कह जो कहना है एक हजारों में... जीवन के दुखों से यूँ लड़ते नहीं हैं ऐसे बच के सच से गुज़रते नहीं हैं सुख की है चाह तो, दुःख भी सहना है एक हज़ारों में... लता ये न जाना दुनिया ने, तू है क्यों उदास तेरी प्यासी आँखों में, प्यार की है प्यास आ मेरे पास आ, कह जो कहना है एक हजारों में... भोली-भाली जापानी गुड़िया जैसी तू प्यारी-प्यारी जादू की पुड़िया जैसी तू डैडी का, मम्मी का, सबका कहना है सारी उमर हमें... |
30-10-2012, 07:52 AM | #24 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
चूड़ी नहीं ये मेरा दिल है - Choodi Nahin Ye Mera Dil Hai (Kishore Kumar, Lata Mangeshkar)
Movie/Album: गैम्बलर (1971) Music By: एस.डी.बर्मन Lyrics By: नीरज Performed By: किशोर कुमार, लता मंगेशकर चूड़ी नहीं ये मेरा दिल है देखो देखो टूटे ना नीली पीली, रंग बिरंगी, प्यार की ये सौगात ना ना ना ना ऐसे नहीं, धीरे-धीरे, चुपके-चुपके, डालो इनमें हाथ कांच है कच्चा, लेकिन हो सच्चा इनसे श्रृंगार सोना नहीं, चांदी नहीं, हीरा नहीं, मोती नहीं कीमत इनकी प्यार फूलों सी, नाज़ुक है, देखो टूटे ना चूड़ी नहीं ये मेरा... मेरा प्यार है, चूड़ी जैसा, इसका ओर न छोर यहाँ नहीं, वहाँ नहीं, देखो कभी, टूटे नहीं, जीवन की ये डोर इनकी खन-खन, दिल की धड़कन, है मेरा संगीत सुनो ज़रा, सोचो ज़रा, नग़मा ये प्यार भरा ओ मेरे मनमीत लाजवाब, बेमिसाल, देखो देखो टूटे ना चूड़ी नहीं ये मेरा... तेरी चाहत, तेरी उल्फत, है मेरी मंजिल घेरे मुझे, बाहें तेरी, बांधे तुझे, चाहें मेरी, दिल मेरा, तेरा दिल कोई भी हो, मेरा है तू, ऐ मेरे हमदम ग़म मिले, खूशी मिले, कहीं रहें, कैसे रहें बिछड़ेंगे ना हम फिर भी, जानेमन, देखो (देखो देखो) टूटे ना, चूड़ी नहीं ये मेरा... चूड़ी नहीं ये तेरा... |
30-10-2012, 07:52 AM | #25 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
हाल क्या है दिलों का - Haal Kya Hai Dilon Ka (Kishore Kumar)
Movie/Album: अनोखी अदा (1973) Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी Performed By: किशोर कुमार हाल क्या है दिलों का न पूछो सनम आपका मुस्कुराना ग़ज़ब ढा गया एक तो महफ़िल तुम्हारी हसीं कम न थी उसपे मेरा तराना ग़ज़ब ढा गया हाल क्या है... अब तो लहराया मस्ती भरी छाँव में बाँध दो चाहे घुँघरू मेरे पाँव में मैं बहकता नहीं था मगर क्या करूँ आज मौसम सुहाना ग़ज़ब ढा गया हाल क्या है दिलों का... हर नज़र उठ रही है तुम्हारी तरफ़ और तुम्हारी नज़र है हमारी तरफ़ आँख उठाना तुम्हारा तो फिर ठीक था आँख उठाकर, झुकाना ग़ज़ब ढा गया हाल क्या है दिलों का... मस्त आँखों का जादू जो शामिल हुआ मेरा गाना भी सुनने के क़ाबिल हुआ जिसको देखो वही आज बेहोश है आज तो मैं दीवाना ग़ज़ब ढा गया हाल क्या है दिलों का... |
30-10-2012, 07:53 AM | #26 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
कहना है, कहना है - Kehna Hai, Kehna Hai (Kishore Kumar, Padosan)
Movie/Album: पड़ोसन (1968) Music By: आर.डी.बर्मन Lyrics By: राजिंदर कृष्ण Performed By: किशोर कुमार कहना है, कहना है आज तुमसे ये पहली बार तुम ही तो लाई हो जीवन में मेरे प्यार प्यार प्यार तुमसे कहने वाली और भी हैं प्यारी बातें सामने सबके कैसे कह दूं मैं वो प्यारी बातें आज मुझे बस इतना ही अब करना है इक़रार तुम ही तो लाई हो... कब से दिल ने मेरे मान लिया है तुझको अपना आँखें मेरी देख रही हैं सोते-उठते ये सपना मेरे गले में डाल राही हो तुम बाहों का हार तुम ही तो लाई हो... |
30-10-2012, 07:53 AM | #27 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
मैं और मेरी आवारगी - Main Aur Meri Awargi (Kishore Kumar)
Movie/Album: दुनिया (1984) Music By: आर.डी.बर्मन Lyrics By: जावेद अख्तर Performed By: किशोर कुमार फिरते हैं कब से दरबदर अब इस नगर, अब उस नगर एक दूसरे के हमसफ़र मैं और मेरी आवारगी ना आशना हर रहगुज़र ना मेहरबाँ सबकी नज़र जायें तो अब जायें किधर मैं और मेरी आवारगी इक दिन मिली एक महजबीं तन भी हसीं, जां भी हसीं दिल ने कहा हमसे वहीँ ख़्वाबों की है मंजिल यहीं फिर यूँ हुआ वो खो गयी तू मुझको जिद सी हो गयी लाएँगे उसको ढूँढकर मैं और मेरी आवारगी... ये दिल ही था जो सह गया जो बात ऐसी कह गया कहने को फिर क्या रह गया अश्कों का दरिया बह गया जब कहके वो दिलबर गया तेरे लिये मैं मर गया रोते हैं उसको रात भर मैं और मेरी आवारगी... हम भी कभी आबाद थे ऐसे कहाँ बरबाद थे बेफिक्र थे, आज़ाद थे मसरूर थे, दिलशाद थे वो चाल ऐसी चल गया हम बुझ गये दिल जल गया निकले जला के अपना घर मैं और मेरी आवारगी... |
30-10-2012, 07:53 AM | #28 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
जीवन के सफ़र में राही - Jeevan Ke Safar Mein Raahi (Kishore Kumar,)
Movie/Album: मुनीमजी (1954) Music By: एस.डी.बर्मन Lyrics By: साहिर लुधियानवी Performed By: किशोर कुमार, लता मंगेशकर जीवन के सफ़र में राही, मिलते हैं बिछड़ जाने को और दे जाते हैं यादें, तन्हाई में तड़पाने को ये रूप की दौलत वाले, कब सुनते हैं दिल के नाले तक़दीर न बस में डाले, इनके किसी दीवाने को जीवन के सफ़र में राही... जो इनकी नज़र से खेले, दुख पाए, मुसीबत झेले फिरते हैं ये सब अलबेले, दिल लेके मुकर जाने को जीवन के सफ़र में राही... दिल लेके दगा देते हैं, इक रोग लगा देते हैं हँस-हँस के जला देते हैं, ये हुस्न के परवाने को जीवन के सफ़र में राही... अब साथ न गुज़रेंगे हम, लेकिन ये फ़िज़ा रातों की दोहराया करेगी हरदम, इस प्यार के अफ़साने को जीवन के सफ़र में राही... रो रो के इन्हीं राहों में, खोना पड़ा इक अपने को हँस-हँस के इन्हीं राहों में, अपनाया था बेगाने को जीवन के सफ़र में राही... तुम अपनी नयी दुनिया में, खो जाओ पराये बनकर तो हम जी लेंगे, मरने की सज़ा पाने को जीवन के सफ़र में राही... |
30-10-2012, 07:54 AM | #29 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
दीये जलते हैं - Diye Jalte Hain (Kishore Kumar)
Movie/Album: नमक हराम (1973) Music By: आर.डी.बर्मन Lyrics By: आनंद बक्षी Performed By: किशोर कुमार दीये जलते हैं, फूल खिलते हैं बड़ी मुश्क़िल से मगर दुनिया में दोस्त मिलते हैं जब जिस वक्त क़िसी का यार जुदा होता है कुछ ना पूछो यारों दिल का हाल बुरा होता है दिल पे यादों के जैसे तीर चलते हैं दीये जलते हैं... इस रंग-रूप पे देखो हरगिज़ नाज़ ना करना जान भी मांगे यार तो दे देना नाराज़ ना करना रंग उड़ जाते हैं धूप ढ़लते हैं दीये जलते हैं... दौलत और जवानी इक दिन खो जाती है सच कहता हूँ सारी दुनिया दुश्मन हो जाती है उम्र भर दोस्त लेकिन साथ चलते हैं दीये जलते हैं... |
30-10-2012, 07:54 AM | #30 |
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Re: द ग्रेट मास्टर "किशोर कुमार" (1929-1987)
दिल क्या करे - Dil Kya Kare (Kishore Kumar)
Movie/Album: जूली (1975) Music By: राजेश रोशन Lyrics By: आनंद बक्षी Performed By: किशोर कुमार दिल क्या करे जब किसी को, किसी से प्यार हो जाए जाने कहाँ कब किसी को किसी से प्यार हो जाए ऊँची-ऊँची दीवारों सी, इस दुनिया की रस्में ना कुछ तेरे बस में जूली, ना कुछ मेरे बस में जैसे पर्वत पे घटा झुकती है जैसे सागर से लहर उठती है ऐसे किसी चहरे पे निगाह रुकती है रोक नहीं सकती नज़रों को, दुनिया भर की रस्में ना कुछ तेरे... आ मैं तेरी याद में सबको भुला दूँ दुनिया को तेरी तसवीर बना दूँ मेरा बस चले तो दिल चीर के दिखा दूँ दौड़ रहा है साथ लहू के प्यार तेरे नस-नस में ना कुछ तेरे... |
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