05-06-2011, 02:47 PM | #21 |
Member
Join Date: May 2011
Posts: 103
Rep Power: 14 |
Re: क्या है प्रेम (What is love)
'आज भी तुम्हारे लिखे खत कागजो की पोटली से निकालकर पढ लेता हू., कुँवारा ही मरना लिखा था किस्मत को दोष देकर खत समेट लेता हुँ.. |
05-06-2011, 02:49 PM | #22 |
Member
Join Date: May 2011
Posts: 103
Rep Power: 14 |
Re: क्या है प्रेम (What is love)
दोस्तो सुत्र के बारे मे अपने विचार जरुर लिखे
|
05-06-2011, 06:44 PM | #23 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99 |
Re: क्या है प्रेम (What is love)
सूत्र की आत्मा अत्यंत हृदयस्पर्शी है किन्तु प्रस्तुतीकरण (एक एक पंक्ति की प्रविष्टियाँ) अत्यंत पीड़ा कारक हैं /
प्रेम प्रदर्शन का विषय नहीं है / प्रेम तो मस्तिष्क में उभरे किसी के चित्र के लिए उत्पन्न होने वाले संवेगों की लहरें मात्र हैं जो किसी भी प्राणी के अंतर्मन को लगातार भिगोती रहती हैं और फिर उसका मस्तिष्क इन्ही लहरों के दबाव में कार्य करने लगता है / यह दबाव सकारात्मक हो सकता है और नकारात्मक भी / सभी कुछ समय-स्थान-स्थिति के अनुरूप होता है / प्रेम केवल किसी अपने के प्रति ही नहीं उपजता बल्कि यह किसी भी रिश्ते ( माँ, पिता, बहन, भाई, पुत्र, पुत्री, पत्नी, पति, प्रेयसी अथवा प्रेमी) , प्राणी (पालतू पशु, पक्षी इत्यादि) अथवा किसी स्थान विशेष के प्रति भी ऐसे ही संवेगों का ज्वार उमड़ उठता है / इन संवेगों की अधिकता प्राणी को मानसिक रोगी बना देता है / अतः प्रेम की राह में चल रहे पथिकों को अपनी मानसिक दृढ़ता को नहीं खोना चाहिए / (ये व्यक्तिगत विचार हैं अतः वैचारिक मतभेद संभव हैं/ धन्यवाद )
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
05-06-2011, 06:54 PM | #24 |
Member
Join Date: May 2011
Posts: 103
Rep Power: 14 |
Re: क्या है प्रेम (What is love)
आगे कभी किसी हसीना पे नही विशवाश करुगां
फिर इस युग पर हसंता हु कि क्या इस युग मै किसी से प्यार करुगाँ |
05-06-2011, 06:58 PM | #25 |
Member
Join Date: May 2011
Posts: 103
Rep Power: 14 |
Re: क्या है प्रेम (What is love)
'मुझसे तो आज के प्रेमी अक्लमंद निकले..
'जो कोरे लिखे कागजो पर ना फिसला.. 'इस युग का प्रेमी तौ प्यार की चिठठी बदन पे लिख डालता है.. 'मेरी तरह कागज पे लिखे प्यार का रोग नहीँ पालता है.. |
05-06-2011, 07:01 PM | #26 |
Member
Join Date: May 2011
Posts: 103
Rep Power: 14 |
Re: क्या है प्रेम (What is love)
"इसलिये कोई प्रेमिका अपने प्रेमी को नही भुला पाती है"
"बदन पर चिठठी देखकर उसे अपने प्रेमी की याद आती है" |
05-06-2011, 07:04 PM | #27 |
Member
Join Date: May 2011
Posts: 103
Rep Power: 14 |
Re: क्या है प्रेम (What is love)
"काश मै भी उसके बदन पर चिठठी लिख डालता".....
युँ कुवाराँ ना घुमता आज अपने छोटे-छोटे बच्चो को पालता |
05-06-2011, 08:50 PM | #28 |
Member
Join Date: May 2011
Posts: 103
Rep Power: 14 |
Re: क्या है प्रेम (What is love)
"""""इशक कमीना कैसे हो गया""""दोस्तो जी हा मै यहा आपको बताऊगा कि किस तरह से इशक कमीना या इशक करने वाले कमीने हो गये
|
05-06-2011, 08:53 PM | #29 |
Senior Member
Join Date: Feb 2011
Location: खानाबदोश
Posts: 669
Rep Power: 26 |
Re: क्या है प्रेम (What is love)
प्रेम--
सामान्य - वह मनोवृत्ति जिसके अनुसार किसी वस्तु या व्यक्ति आदि के संबंध में यह इच्छा होती है कि वह सदा हमारे पास या हमारे साथ रहे, उसकी वृद्धि, उन्नति या हित ही अथवा हम उसका भोग करें । वह भाव जिसके अनुसार किसी दृष्टि से अच्छी जान पड़नेवाली किसी चीज या व्यक्ति को देखने, पाने, भोगने, अपने पास रखने अथवा रक्षित करने की इच्छा हो । स्नेह । मुहब्बत । अनुराग । प्रीति । विशेष— परम शुद्ध और विस्तृत अर्थ में प्रेम ईश्वर का ही एक रूप माना जाता है । इसलिये अधिकांश धर्मों के अनुसार प्रेम ही ईश्वर अथवा परम धर्म कहा गया है । हमारे यहाँ शास्त्रों में प्रेम अनिवर्चनीय कहा गया है और उसे भक्ति का दूसरा रूप और मोक्षप्राप्ति का साधन बतलाया है । फ्रायड के मुताबिक प्रेम सिर्फ यौन संवेगों की अभिव्यक्ति है। ये यौन संवेग शरीर में कुछ रासायनिक क्रियाओं और तनाव को जन्म देते हैं। इस तनाव या यौन इच्छा से मुक्ति के लिए मनुष्य यौन संबंध बनाता है, मनुष्य की अकेलेपन की भावना और एकात्म द्वारा उससे उबरने की तीव्र इच्छा ही प्रेम को जन्म देती है। किसी के प्रेम में इतना डूब जाना कि सारी दुनिया को भूल जाओ, आपके प्रेम की गहराई का नहीं, बल्कि इससे पहले के अकेलेपन की निशानी है।
__________________
ये दिल तो किसी और ही देश का परिंदा है दोस्तों ...सीने में रहता है , मगर बस में नहीं ...
|
05-06-2011, 08:53 PM | #30 |
Member
Join Date: May 2011
Posts: 103
Rep Power: 14 |
Re: क्या है प्रेम (What is love)
इशक कमीना या आशिक कमीने
|
Bookmarks |
|
|