10-07-2021, 02:15 PM | #1 |
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मुहब्बत बा जरूरी (भोजपुरी ग़ज़ल)
■■■■■■■■■■■■ जिये खातिर ई सूरत बा जरूरी न दिल तूरऽ मुहब्बत बा जरूरी हवे ई राह सचहूँ काँट जइसन मगर ये प्यार के लत बा जरूरी न लामें जा सनम अब रूठ के तू सुनऽ जिनिगी में जन्नत बा जरूरी बिछड़ला के मिले कारन हजारों मिले खातिर तऽ किस्मत बा जरूरी परख खातिर के बाटे खास आपन घड़ी भर के मुसीबत बा जरूरी करे मन आज देखीं खूब तहके तनी दे दऽ इजाजत बा जरूरी रही तड़पन मिली हमके मुहब्बत मगर 'आकाश' शिद्दत बा जरूरी ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी दिनांक- १०/०७/२०२१ ■■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरनाथ जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274304 मो- 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 10-07-2021 at 06:09 PM. |
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