07-01-2011, 02:30 PM | #1 |
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क्यों ?
मै किसी भी तथ्य की ज़िम्मेदारी नहीं लेता हूँ ! अतः मै किसी भी प्रकार के अविश्वास का उत्तरदाई नहीं हूँ ! यह लेख धार्मिक मान्यताओ का वैज्ञानिक विश्लेषण करके यहाँ पहुचाया जा रहा है !वैदिक धर्म की जितनी भी मान्यताये हैं उन्ह्र ऋषि-मुनियो और विद्वानों ने बनाया है ! उन मान्यताओं के पीछे वैज्ञानिक रहस्य भी छुपा हुआ है ! अतः धीरे धीरे मै इसके तथ्य आपके सामने प्रस्तुत करता जाऊँगा ! धन्यवाद -आपका विद्रोही नायक
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( वैचारिक मतभेद संभव है ) ''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है'' |
07-01-2011, 02:50 PM | #3 |
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Re: क्यों ?
लोग पीपल के वृक्ष की पूजा क्यों करते हैं?
पीपल का वृक्ष सब वृक्षों में पवित्र माना गया है ! हिन्दुओ की धार्मिक आस्था के अनुसार विष्णु का पीपल के वृक्ष में निवास है ! श्रीमद भगवत गीता में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने बताया है की वृक्षों में मै पीपल हूँ! स्कंध पुराण में बताया गया है की पीपल की जड़ में विष्णुजी,तने में केशव (कृष्णजी),शाखाओ में नारायण,पत्तों में भगवान हरि और फलो में समस्त देवताओं का निवास है ! वैज्ञानिक द्रष्टिकोण- आप यह जानते होंगे की संसार में केवल पीपल का वृक्ष ऐसा है जो २४ घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है जो प्राणधारियो के लिए प्राण वायु कही जाती है !इस गुण के अतिरिक्त इसकी छाया सर्दियो में गर्मी देती है और गर्मियो में सर्दी!पीपल के पत्तों का स्पर्श होने पर वायु में मिले संक्रामक वायरस नष्ट हो जाते हैं ! अतः वैज्ञानिक द्रष्टिकोण से भी यह वृक्ष पूजनीय है
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07-01-2011, 02:55 PM | #4 |
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Re: क्यों ?
बहुत सुन्दर शुरुआत नायक जी ............
तुलसी का पौधा भी २४ घंटे ऑक्सीजन छोड़ता है/ |
07-01-2011, 02:58 PM | #5 |
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Re: क्यों ?
भाई मेरी तरफ से ++
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08-01-2011, 07:29 AM | #6 |
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Re: क्यों ?
स्त्रियां अपनी मांग में सिन्दूर क्यों लगाती हैं ? वैज्ञानिक द्रष्टिकोण मांग में सिन्दूर जहाँ विवाहित होने का स्त्री होने का सूचक है वहीँ इसका एक वैज्ञानिक कारण भी है ! पुरषों की अपेक्षा स्त्रियों का मांग काढने वाला हिस्सा अधिक कोमल होता है ! सिन्दूर में पारा जैसी धातु अत्यधिक मात्रा में पाई जाती है जो स्त्रीयों के शरीर की विधुतीय उर्जा को नियंत्रित करती है ! सिन्दूर मर्मस्थल को बाहरी दुष्प्रभाव से भी बचाता है ! इससे ज्ञात होता है की वैज्ञानिक द्रष्टि से भी स्त्रीयों को सिन्दूर लगाना लाभप्रद है !
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08-01-2011, 09:35 AM | #7 |
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Re: क्यों ?
मित्र नायक जी बहुत
ज्ञान वर्धक जानकारी हैँ
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दोस्ती करना तो ऐसे करना जैसे इबादत करना वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना |
08-01-2011, 09:39 AM | #8 |
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Re: क्यों ?
विद्रोही जी , सुन्दर सूत्र के निर्माण के लिए मेरी बधाई स्वीकार करेँ । धार्मिक मान्यताओँ की विज्ञान सम्मत व्याख्या एक अनूठी पहल है । प्रयत्न करूँगा कि विद्रोही जी के इस यज्ञ मेँ कुछ आहुतियाँ मेरे द्वारा भी डाली जायेँ ।
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दूसरोँ को ख़ुशी देकर अपने लिये ख़ुशी खरीद लो । |
08-01-2011, 12:30 PM | #9 |
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Re: क्यों ?
लोग मस्तक पर तिलक क्यों लगते हैं ? तिलक,त्रिपुण्ड,टीका अथवा बिंदिया आदि का सीधा सम्बन्ध मस्तिष्क से होता है ! मनुष्य की दोनों भौंहों के बीच आज्ञा चक्र होता है ! इस चक्र पर ध्यान केंद्रित करने पर साधक का मन पूर्ण शक्ति संपन्न हो जाता है ! इसे हम चेतना का केन्द्र भी कह सकते हैं ! समस्त ज्ञान एवम चेतना का सञ्चालन इसी स्थान से होता है !आज्ञा चक्र ही तृतीय नेत्र है !इस स्थान को दिव्या नेत्र भी कहा जा सकता है ! तिलक लगाने से आज्ञा चक्र जाग्रत होता है जिसकी तुलना रडार टेलीस्कोप से की जा सकती है ! इसके अतिरिक्त तिलक लगाने से धार्मिकता का आभास होता है !
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08-01-2011, 01:37 PM | #10 |
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Re: क्यों ?
विज्ञान और आध्यात्म का बहुत ही सुंदर मिलन है इस सूत्र मे......
सूत्रधार को साधुवाद। |
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