01-06-2015, 01:51 PM | #31 |
Diligent Member
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 65 |
Re: मेरी कलम से.....
[/QUOT सुन्दर अभिव्यक्ति से सज्ज रचना पवित्रा जी हार्दिक आभार शेयरिंग के लिए .. |
01-06-2015, 06:37 PM | #32 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 |
Re: मेरी कलम से.....
देर से यहाँ आने के लिये क्षमा चाहता हूँ. यह गीत न पढ़ता तो काफी कुछ miss कर देता. अभिव्यक्ति में इतनी मिठास और सहजता है कि मुँह से अनायास "वाह ... वाह" निकल जाता है. एक श्रेष्ठ रचना फोरम पर शेयर करने के लिये पवित्रा जी को धन्यवाद कहना चाहता हूँ.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
01-06-2015, 08:09 PM | #33 |
Diligent Member
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29 |
Re: मेरी कलम से.....
बिल्कुल सही कहा आपने, रजनीश जी।
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY! First information: https://twitter.com/rajatvynar https://rajatvynar.wordpress.com/ |
02-06-2015, 10:44 PM | #34 |
Moderator
Join Date: Sep 2014
Location: UP
Posts: 623
Rep Power: 31 |
Re: मेरी कलम से.....
दीप जी ,रजत जी , सोनी पुष्पा जी और रजनीश जी आप सभी का हार्दिक आभार , वास्तव में मुझे पता नहीं कि मैंने ये गीत अच्छा लिखा है या नहीं पर मेरे प्रयासों को आप लोगों की थोडी भी सराहना मिलती है तो ये मेरे लिये प्रसन्नता की बात है । रजनीश जी आप से सराहना पाना तो वास्तव में मेरे लिये गौरव की ही बात है ।
रजत जी आपने मेरी रचना में जो बदलाव किये हैं उनके लिये शुक्रिया कि आपने इतना समय निकाला कि मेरी रचना को पढा , और उसमें बदलाव भी किये ..... मैं अभी learning stage में ही चल रही हूँ तो आप सभी समझते होंगे कि मुझे अभी बहुत कुछ सीखने की जरूरत है ......आप लोगों का सान्निध्य मिलेगा तो आशा है सीख ही जाऊँगी ।
__________________
It's Nice to be Important but It's more Important to be Nice |
04-06-2015, 09:50 PM | #35 |
Diligent Member
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29 |
Re: मेरी कलम से.....
क्षमा चाहता हूं, पवित्रा जी। जिसे आप रचना में सुधार समझ रही हैं, वह मेरी टाइपिंग मिस्टेक है। आपकी रचना बहुत अच्छी है। प्रसंशा के लिए शब्द कम पडेंगे। बधाइयॉं
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY! First information: https://twitter.com/rajatvynar https://rajatvynar.wordpress.com/ |
26-07-2015, 04:50 PM | #36 |
Moderator
Join Date: Sep 2014
Location: UP
Posts: 623
Rep Power: 31 |
Re: मेरी कलम से.....
खुदा कहते ही, आँखों में जिसकी तस्वीर बन जाये......
है ख्वाहिश इतनी ही , कि वो मेरी तकदीर बन जाये......
__________________
It's Nice to be Important but It's more Important to be Nice |
27-07-2015, 06:40 AM | #37 |
Diligent Member
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29 |
Re: मेरी कलम से.....
बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ। संक्षिप्त एवं सशक्त। बधाई हो।
__________________
WRITERS are UNACKNOWLEDGED LEGISLATORS of the SOCIETY! First information: https://twitter.com/rajatvynar https://rajatvynar.wordpress.com/ |
28-09-2015, 06:13 PM | #38 |
Moderator
Join Date: Sep 2014
Location: UP
Posts: 623
Rep Power: 31 |
Re: मेरी कलम से.....
अपरिचित
कैसे कह दूँ अपरिचित उसको जब जन्मों से वो साथ है, माना वो मेरे सम्मुख नहीं पर अन्तर्मन के पास है | उसके गुण की आभा में रूप गौण हो जाता है , उसको देखने भर से ही ये चित्त मौन को पाता है , मेरे ह्रदय के मन्दिर में हर क्षण जिसका वास है , माना वो मेरे सम्मुख नहीं पर अन्तर्मन के पास है | वो व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व विशेष है, मुझमें मेरा अब नहीं कुछ शेष है, उसकी चर्चा करते ही मन में भरता उल्लास है, माना वो मेरे सम्मुख नहीं पर अन्तर्मन के पास है | वो चरित्र , विचार , व्यवहार से धनी है, सिद्धांत , मूल्य , सच्चाई पर दृढी है, जिससे भाग्य जुड़ा है मेरा वो आम नहीं है ,खास है , माना वो मेरे सम्मुख नहीं पर अन्तर्मन के पास है | कैसे कह दूँ अपरिचित उसको जब जन्मों से वो साथ है , माना वो मेरे सम्मुख नहीं पर अन्तर्मन के पास है |
__________________
It's Nice to be Important but It's more Important to be Nice |
28-09-2015, 07:29 PM | #39 |
Diligent Member
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 65 |
Re: मेरी कलम से.....
[QUOTE=Pavitra;555033][center][size="4"]अपरिचित
कैसे कह दूँ अपरिचित उसको जब जन्मों से वो साथ है, माना वो मेरे सम्मुख नहीं पर अन्तर्मन के पास है | उसके गुण की आभा में रूप गौण हो जाता है , उसको देखने भर से ही ये चित्त मौन को पाता है , मेरे ह्रदय के मन्दिर में हर क्षण जिसका वास है , माना वो मेरे सम्मुख नहीं पर अन्तर्मन के पास है | वो व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व विशेष है, वो चरित्र , विचार , व्यवहार से धनी है, सिद्धांत , मूल्य , सच्चाई पर दृढी है, जिससे भाग्य जुड़ा है मेरा वो आम नहीं है ,खास है , माना वो मेरे सम्मुख नहीं पर अन्तर्मन के पास है | कैसे कह दूँ अपरिचित उसको जब जन्मों से वो साथ है , माना वो मेरे सम्मुख नहीं पर अन्तर्मन के पास है | बेहद सुन्दर शब्दों से सुसज्जित मन के भावों को व्यक्त करती कविता पवित्रा जी अनेकानेक बधाइयाँ |
28-09-2015, 07:52 PM | #40 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 |
Re: मेरी कलम से.....
बहुत दिनों बाद आपकी अद्भुत कविता पढ़ने का सुख प्राप्त हुआ. इस कविता में आध्यात्मिक रहस्यवाद के दर्शन होते हैं. कविता की चिंतन धारा व शैली में महादेवी वर्मा की झलक मिलती है. इस महत्वपूर्ण कविता को पढवाने के लिए आपका धन्यवाद, पवित्रा जी.
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
Bookmarks |
Tags |
मेरी कलम से, meri kalam se |
|
|