21-09-2011, 08:47 AM | #1 |
Special Member
|
भजन
सबको सन्मति दे भगवान सबको सन्मति दे भगवान अल्लाह तेरो नाम ... माँगों का सिन्दूर ना छूटे माँगों का सिन्दूर ना छूटे माँ बहनो की आस ना टूटे माँ बहनो की आस ना टूटे देह बिना, दाता, देह बिना भटके ना प्राण सबको सन्मति दे भगवान अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम, ओ सारे जग के रखवाले ओ सारे जग के रखवाले निर्बल को बल देने वाले निर्बल को बल देने वाले बलवानो को, ओ, बलवानो को देदे ज्ञान सबको सन्मति दे भगवान अल्लाह तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम अल्लाह तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम अल्लाह तेरो नाम
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
21-09-2011, 08:52 AM | #2 |
Special Member
|
Re: भजन
ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)
चढ़ी बरात लई आगौनी, नर-नारी सब देखन आए मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी॥ ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है) बालक-बच्चे करैं चवौआ भाग चलौ ह्याँ आयौ हौआ मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी। ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है) सोच समझकै दियौ जनमासौ बारौठी कौ करौ तमासौ चौमुख दिवला बाल सजा लई कंचन की थारी(इसे 2 बार दोहराना है) मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी। ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है) करन आरता मैना आई रूप देखकै वो घबराई मैया खड़े सेई खाइयै पछार छूट गई कंचन की थारी(इसे 2 बार दोहराना है) मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी। ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है) आठ माघ नौ कातिक न्हाई दस बैसाख अलूनौ खाई बहना फूटे री या गौरा के भाग कै वर मिलौ लटधारी(इसे 2 बार दोहराना है) मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी। ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है) हाथ जोड़ गौरा है गई ठाड़ी भेस बदल लो हे तिपुरारी मेरी घबरा रई महतार कै वर मिलौ लटधारी(इसे 2 बार दोहराना है) मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी। ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है) बदलूँ भेस करूँ ना देरी तेरी माँ अब माँ है मेरी मत ना घबरावै महतार कै वर मिलौ लटधारी(इसे 2 बार दोहराना है) मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी। ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है) जब भोले नै रूप सँवारौ माई-बाप कौ मन हरषायौ मैया सुखी री भयौ है संसार पड़न लगीं बुँदियाँ अति भारी(इसे 2 बार दोहराना है) मैया ऐसी री चढ़ी है बरात कै वामै आयौ लटधारी। ऐसी भोले की रे चढ़ी है बरात शोर भयौ नगरी में भारी(इसे 3 बार दोहराना है)
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
21-09-2011, 09:10 AM | #3 |
Special Member
|
Re: भजन
तू प्यार का सागर है,
तू प्यार का सागर है, तेरी एक बून्द के प्यासे हम, तेरी एक बून्द के प्यासे हम, लौटा जो दिया तूने, लौटा जो दिया तूने, चले जाएंगे जहां से हम, चले जाएंगे जहां से हम, तू प्यार का सागर है, तू प्यार का सागर है, तेरी एक बून्द के प्यासे हम, तेरी एक बून्द के प्यासे हम, तू प्यार का सागर है, घायल मन का पागल पन्छी, उड़ने को बेकरार, उड़ने को बेकरार, पंख है कोमल आंख है धुंधली, जाना है सागर पार, जाना है सागर पार, अब तू ही इसे समझा, अब तू ही इसे समझा, राह भूले थे कहाँ से हम, राह भूले थे कहाँ से हम, तू प्यार का सागर है, तेरी एक बून्द के प्यासे हम, तू प्यार का सागर है, इधर झूम के गाये ज़िन्दगी, उधर है मौत खडी, उधर है मौत खडी, कोई क्या जाने कहाँ है सीमा, उलझन आन पडी, उलझन आन पडी, कानों मे जरा कह दे, कानों मे जरा कह दे, कि आये कौन दिशा से हम, कि आये कौन दिशा से हम, तू प्यार का सागर है, तेरी एक बून्द के प्यासे हम, तेरी एक बून्द के प्यासे हम, तू प्यार का सागर है, तू प्यार का सागर है,
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
21-09-2011, 09:18 AM | #4 |
Special Member
|
Re: भजन
तोरा मन दर्पण कहलाये
भले, बुरे सारे कर्मों को देखे और दिखाए मन ही देवता मन ही इश्वर मन से बड़ा न कोई मन उजियारा ,जब जब फैले जग उजियारा होए इस उजाले दर्पण पर प्राणी, धूल ना जमने पाए तोरा मन दर्पण कहलाये ....... सुख की कलियाँ, दुःख के कांटे मन सब का आधार मन से कोई बात छुपे न मन के नैन हजार जग से चाहे भाग ले कोई मन से भाग न पाये तोरा मन दर्पण कहलाये ......
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
21-09-2011, 10:07 AM | #5 |
Special Member
|
Re: भजन
बड़ा नटखट हे रे कृष्ण कन्हैया
का करे यशोदा मैया .... ढूंढे री अँखियाँ उसे चहुँ और जाने कहाँ छुप गया नन्द किशोर उड़ गया ऐसे जैसे पुरवैया.. का करे यशोदा मैया ... आ तोहे मैं गले से लगा लूँ लागे न किसी की नज़र मन मे छुपा लूँ धुप जगत है रे ममता है छैयाँ का करे यशोदा मैया.. मेरे जीवन का तू एक ही सपना जो कोई देखे तोहे समझे वो अपना सब का है प्यारा, हो सब का प्यारा बंसी बजैया का करे यशोदा मैया..
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
21-09-2011, 11:08 AM | #6 |
Special Member
Join Date: Sep 2011
Posts: 1,376
Rep Power: 17 |
Re: भजन
क्या बात हे मजा अगया
|
22-09-2011, 08:31 AM | #7 |
Special Member
|
Re: भजन
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
22-09-2011, 08:34 AM | #8 |
Special Member
|
Re: भजन
मन तड़पत हरि दरसन को आज
मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज आ, विनती करत, हूँ, रखियो लाज, मन तड़पत॥। तुम्हरे द्वार का मैं हूँ जोगी हमरी ओर नज़र कब होगी सुन मोरे व्याकुल मन की बात, तड़पत हरी दरसन॥। बिन गुरू ज्ञान कहाँ से पाऊँ दीजो दान हरी गुन गाऊँ सब गुनी जन पे तुम्हारा राज, तड़पत हरी॥। मुरली मनोहर आस न तोड़ो दुख भंजन मोरे साथ न छोड़ो मोहे दरसन भिक्षा दे दो आज दे दो आज, ॥।
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
22-09-2011, 08:38 AM | #9 |
Special Member
|
Re: भजन
माखन चोर , नन्द किशोर, मन मोहन, घनश्याम रे
कितने तेरे रूप रे कितने तेरे नाम रे देवकी माँ ने जनम दिया और मैया यशोदा ने पाला तू गोकुल का ग्वाला बिंद्रा बन गया बंसरी वाला आज तेरी बंसी फिर बाजी मेरे मन के धाम रे कितने तेरे रूप रे कितने तेरे नाम रे माखन चोर , नन्द किशोर, मन मोहन, घनश्याम रे कितने तेरे रूप रे कितने तेरे नाम रे काली नाग के साथ लड़ा तू ज़ालिम कंस को मारा बाल अवस्था में ही तुने खेला खेल ये सारा तेरा बचपन तेरा जीवन जैसे एक संग्राम रे कितने तेरे रूप रे कितने तेरे नाम रे माखन चोर , नन्द किशोर, मन मोहन, घनश्याम रे कितने तेरे रूप रे कितने तेरे नाम रे तुने सब का चैन चुराया ओ चितचोर कन्हैया जाने कब घर आए देखे राह यशोदा मैया व्याकुल राधा ढूंढे श्याम न आया हो गई शाम रे कितने तेरे रूप रे कितने तेरे नाम रे माखन चोर , नन्द किशोर, मन मोहन, घनश्याम रे कितने तेरे रूप रे कितने तेरे नाम रे
__________________
फोरम के नियम
ऑफलाइन में हिंदी लिखने के लिए मुझे डाउनलोड करें ! आजकल लोग रिश्तों को भूलते जा रहे हैं....! love is life |
22-09-2011, 10:05 AM | #10 |
Special Member
Join Date: Sep 2011
Posts: 1,376
Rep Power: 17 |
Re: भजन
अच्छा सूत्र हे क्रप्या इसको आगे ले जाये
__________________
जो सत्य विषय हैं वे तो सबमें एक से हैं झगड़ा झूठे विषयों में होता है। -------------------------------------------------------------------------- जिनके घर शीशो के होते हे वो दूसरों के घर पर पत्थर फेकने से पहले क्यू नहीं सोचते की उनके घर पर भी कोई फेक सकता हे -------------------------------------------- Gaurav Soni
|
Bookmarks |
Tags |
अर्चना, आराधना, पूजा, भजन, भजनामृत, bhajan |
|
|