12-09-2014, 08:58 AM | #1 |
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भूत की लाइफ
Last edited by Rajat Vynar; 12-09-2014 at 03:42 PM. |
12-09-2014, 03:44 PM | #2 |
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Re: भूत की लाइफ
भूतों पर चर्चा आगे बढ़ाने से पहले मैं आप सभी से यह पूछना चाहूँगा कि क्या आप कभी किसी भूत से मिले हैं? भूतों पर आपका क्या विचार और अनुभव है? कृपया भूतों पर अपना अनमोल विचार प्रस्तुत करें.
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12-09-2014, 07:17 PM | #3 |
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Re: भूत की लाइफ
रजत जी, सबसे पहले मैं आपके हौसले की दाद देता हूँ कि आपने आलेख के लिये ऐसा विषय चुना जिस पर लोग बाग बात करते हुये भी खौफ खाते हैं. यह जान कर अचम्भा हुआ कि मीडियम के ज़रिये आप कई बार भूतों से मुलाक़ात कर चुके हैं. आपके मित्र का प्लाट ढूँढने में भी एक भूत भाई ने आपकी मदद की.
जहां तक मेरा सवाल है मुझे आज तक कोई भूत नहीं मिला. मिलेगा तो ज़रूर बताऊंगा. बहरहाल, एक रोचक आलेख फोरम पर हमसे शेयर करने के लिये धन्यवाद.
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13-09-2014, 10:14 AM | #4 | |
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Re: भूत की लाइफ
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13-09-2014, 10:15 AM | #5 |
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Re: भूत की लाइफ
ऐसा नहीं है कि वैज्ञानिक भूतों की सत्यता की जाँच करने के लिए भूतों पर शोध-कार्य नहीं करते. देश-विदेश में भूतों पर तरह-तरह के शोध चलते रहते हैं. एक कॉफी-शॉप में कुछ लोग ‘गपाष्टक’ कर रहे थे कि पिछले वर्ष एक बहुत बड़े वैज्ञानिक ने भूतों पर शोध करने के लिए एक प्रयोगशाला खोली और भूतों को बुलाने के लिए एक अनोखी तरकीब निकाली. वैसे तो भूतों को ‘प्लानचिट्’ और ‘ओएजा बोर्ड’ के माध्यम से बुलाया जाता है, लेकिन वैज्ञानिक ने बिना किसी ‘प्लानचिट्’ और ‘ओएजा बोर्ड’ का प्रयोग किए आधी रात को सिर्फ रो-धोकर भूतों को बुलाना शुरू किया. प्रचलित ‘प्लानचिट्’ और ‘ओएजा बोर्ड’ के न होने के कारण भूतों को वैज्ञानिक पर शक हुआ कि भूतों को बुलाने की यह कौन सी अनोखी विधि है? इस कारण एक महीने तक भूत दूर-दूर रहे लेकिन जब भूतों को यह विश्वास हो गया कि उन्हें ही रो-धोकर बुलाया जा रहा है तो आधी रात को भूत आने लगे. वैज्ञानिक ने खुश होकर ईश्वर को धन्यवाद दिया कि रो-धोकर भूतों को बुलाने की नई अनोखी विधि काम कर गई. भूतों पर शोध-कार्य जारी रहा. भूतों के आसानी से आने-जाने के कारण अब वैज्ञानिक को भूतों पर शक होने लगा कि भूत नकली है और हो सकता है कि यह भूत नहीं प्रेत हो! इसलिए वैज्ञानिक ने ‘भूतों के बारे में कुछ पता नहीं चल सका‘ घोषित करके भूतों पर अपना शोध-कार्य बन्द कर दिया किन्तु भूतों ने आना बन्द नहीं किया. भूतों को भगाने के लिए वैज्ञानिक आधी रात को भूतों को चिढ़ाने लगे- ‘तुम ठीक से अपनी अपनी आँखों का रंग बदलकर हमें डरा नहीं पाते हो. तुम्हारे दाँत भी असली ड्राकुला की तरह नहीं लगते. जाओ, ड्राकुला पिक्चर देखकर कायदे से अपना दाँत बढ़ाकर हमें डराने की प्रैक्टिस करो. तुम अपने नाखून भी ठीक से नहीं बढ़ा पाते हो. जाओ, जानी दुश्मन पिक्चर देखकर कायदे से अपने नाखून बढ़ाकर प्रूव करो कि तुम असली भूत हो, प्रेत नहीं हो!’
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13-09-2014, 02:38 PM | #6 |
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Re: भूत की लाइफ
तो दोस्तों, भूतों पर चर्चा जारी रहेगी लेकिन एक ब्रेक के बाद. ब्रेक के नाम पर चौंक गए न आप सब? अंतरजाल संगोष्ठी में भी ब्रेक? ब्रेक से आपका पीछा कहीं छूटने वाला नहीं है-
“क्या आप अपने पड़ोसियों के लम्बे, घने, सुन्दर और चमकीले बालों को देखकर जलती हैं? क्या आपके बाल लम्बे, घने, सुन्दर और चमकीले नहीं हैं? तो आज ही चिन्ता छोडिये और हमारी कम्पनी का ‘शाइनी बाल्ड’ हेयर ऑइल खरीदकर अपने पड़ोसियों को उपहार में दें. एक बार के इस्तेमाल पर गंजा होने और दोबारा सिर पर बाल न उगने की गारंटी है!” |
13-09-2014, 04:15 PM | #7 |
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Re: भूत की लाइफ
तो दोस्तों, आप सब ने यह पढ़ा कि किस तरह एक भूत ने आकर हमारी सहायता की और भूत के कारण हमें हजारों रुपए की चपत लगते-लगते बची. अगर हमें भूत न मिला होता तो फिर हम थक-हारकर शाम को वापस चले जाते और फिर हमें सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को बुलाकर लाना पड़ता. सरकारी शुल्क के साथ हमें ‘सेवा-शुल्क’ भी देना पड़ता जो निःसंदेह सरकारी शुल्क से अधिक ही होता. पीछे हम यह बता चुके हैं कि भूतों की लाइफ बड़ी इंट्रेस्टिंग होती है. भूतों की व्यापक पहुँच है. ‘जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि’ की तर्ज पर भूत कहीं भी पलक झपकते ही पहुँच सकते हैं. भूत आपके सामने किसी भी रूप में प्रकट हो सकते हैं और पलक झपकते ही भूत आपके सामने से गायब हो सकते हैं. अगर आपकी आँखों के सामने से भूत अचानक गायब हो जाएँ तो आपको बिलकुल डरना नहीं चाहिए. हो सकता है- अचानक गायब होना ‘भूत-कल्चर’ का एक आवश्यक अंग हो और अचानक गायब होने का मतलब ‘भूतों द्वारा आपका सम्मान करना’ हो. दक्षिण भारत में एक परम्परा प्रचलित है- वहाँ पर लोग क्रिया-कर्म में जाकर बिना किसी को बताए चुपचाप वापस चले जाते हैं. वापसी के समय बताकर जाने पर लोग बुरा नहीं, बहुत बुरा मान जाते हैं. इसलिए ‘भूत-कल्चर’ को बिना समझे भूतों से डरना अज्ञानता ही होगी. भूतों का कोई वजन तो होता नहीं. इसलिए भूत आपके कंधों पर बैठकर निःशुल्क सवारी करने का आनन्द ले सकते हैं और आपको पता भी नहीं चलेगा. यही नहीं, यदि आप किसान हैं और आपके पास तरबूज, खरबूजा, संतरा और नींबू का खेत है तो हो सकता हैं भूत आपके खेत के बीचों बीच छिपे बैठे हों और आपको पता तक न चले. कितनी बड़ी मनोरंजक बात है कि भूत आपकी जेब में घुसकर बैठ सकते हैं, आपके पर्स में घुसकर बैठ सकते हैं, आपके हैंडबैग में घुसकर बैठ सकते हैं और आप भूतों को मना नहीं कर सकते. प्रायः भूतों की लाइफ के बारे में जानने के लिए लोग उत्सुक रहते हैं. इसीलिए तो समाचार-पत्रों में अक्सर ‘भूतों की लाइफ कैसी होती है?’ जैसे विज्ञापन छपते रहते है. यदि आप भूतों के बारे में सही-सही जानकारी लेना चाहते हैं तो आपको चाहिए कि आप खुद बिना डरे भूतों से मिलने की कोशिश करें. भूतों से सम्बन्धित जानकारी की तलाश में अपना पैसा व्यर्थ करके पाकिस्तान, अमेरिका, लन्दन, फ़्रांस, कनाडा आदि देशों में भटकने से कोई फायदा नहीं होगा. हमारा आलेख पढ़कर कुछ लोगों को यह जानने का बहुत मन कर रहा होगा कि क्या वह मृत्यु के पश्चात भूत बनने का परम आनन्द ले सकते हैं या नहीं? यह जानना आसान काम नहीं है. फिर भी यदि आप अपनी जन्म तिथि, समय और स्थान हमें बता दें तो हम आपकी जन्म-पत्री बनाकर सही-सही बता देंगे कि आपमें भूत बनने की योग्यता है या नहीं? कृपया संपर्क करें-
श्री श्री ४२० रजतानन्द जी महाराज महाठग, ज्योतिष चमक, ज्योतिष मुकुट, ज्योतिष तलवार की तेज़ धार, ज्योतिष पर्वत, ज्योतिष हिमालय टिप्पणी:- बताने का शुल्क मात्र एक लाख रुपया. भूत न बनने पर पूरे पैसे की वापसी की गारंटी. Last edited by Rajat Vynar; 14-09-2014 at 12:23 PM. |
13-09-2014, 08:49 PM | #8 | |
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Re: भूत की लाइफ
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नाम: श्री श्री 840 मास्टर कुंडली प्रसाद जन्म समय: 11 बजे सांय जन्म स्थान: तीसरी बांबी, फनियर मोहल्ला, हिस्स नगर pin: Zhr-21416181 जिला- अजगराँ, (कोबरा प्रदेश) नोट: भूत बन जाने के बाद दोगुनी रकम दी जायेगी.
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14-09-2014, 12:21 PM | #9 | |
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Re: भूत की लाइफ
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“आज और कल नगद, परसों उधार” “खुशखबरी! खुशखबरी!! खुशखबरी!!! हर महीने की 32 तारीख तथा हर हफ्ते फनवार (Funday) को निःशुल्क सेवा की जायेगी.” तो दोस्तों, भूतों पर रोचक चर्चा जारी रहेगी, लेकिन एक ब्रेक के बाद- “शाइनी बाल्ड हेयर ऑइल है जहाँ, गंजापन है वहाँ...” “शाइनी बाल्ड हेयर ऑइल के बारे में अपने अनुभव को बताने के लिए हमारे ‘पोस्टूडियो’ में पधारे हुए हैं- देश के बहुत बड़े डॉन. डॉन जी, मेहरबानी करके शाइनी बाल्ड हेयर ऑइल के बारे में अपने अनुभव को आप खुद हमारे पाठकों को अपने मुँह से बयान करें.” डॉन- ”जब मैं डॉन बना तो मेरी खोपड़ी गंजी बिलकुल नहीं थी. गंजा बनने के लिए मुझे रोज अपनी खोपड़ी का शेव करना पड़ता था. किसी दिन अगर मैं शेव करना भूल जाता था तो मेरी खोपड़ी पर बाल उग आते थे और देश-विदेश के डॉन मेरा मजाक उड़ाया करते थे, क्योंकि मेरी गंजी खोपड़ी उतना लाइट नहीं मारती थी जितना दूसरे डॉनों की मारती थी. थक-हारकर मैंने शाइनी बाल्ड हेयर ऑइल का इस्तेमाल किया और मेरी खोपड़ी हमेशा के लिए गंजी हो गयी और आज अपनी चमचमाती खोपड़ी के कारण मैं देश का सबसे बड़ा डॉन हूँ! शाइनी बाल्ड हेयर ऑइल ने मेरी जिन्दगी बदल दी.” “डॉन जी, आप हमारे ‘पोस्टूडियो’ में पधारे. इसके लिए बहुत-बहुत शुक्रिया.” “शाइनी बाल्ड हेयर ऑइल है जहाँ, गंजापन है वहाँ...” Last edited by Rajat Vynar; 14-09-2014 at 01:30 PM. |
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14-09-2014, 02:08 PM | #10 |
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Re: भूत की लाइफ
तो दोस्तों, भूतों के प्रोत्साहन और मनुष्यों और भूतों के बीच पारदर्शी (sheer) सम्बन्ध (relationship) स्थापित करने के उद्देश्य से भूतों पर रोचक चर्चा जारी है. अब प्रश्न यह है कि यह कैसे पता लगाया जाए कि हमारे आसपास भूत हैं या नहीं? क्योंकि भूत हमें हमेशा नहीं दिखते. जब भूत चाहेंगे, तभी वह हमें दिखेंगे. आज तक वैज्ञानिक कोई ऐसा चश्मा नहीं बना सके जिसे पहनकर भूत दिखने लग जाएँ. लेकिन कुछ लोग कहते है कि कुत्ते-बिल्लियों को भूत दिखते हैं और इस बात से मैं स्वयं सहमत हूँ. एक बार मैंने खुद देखा कि रात के बारह बजे गली के कुत्ते अचानक विचित्र सी आवाज़ निकालकर भौंकने लगे जबकि आसपास कोई नहीं था. गली के कुत्तों से अच्छी दोस्ती होने के कारण मैंने कुत्तों को बिस्कुट देकर बहुत समझाया कि भौंकना बन्द करें क्योंकि मेरी नींद खराब हो रही थी लेकिन कुत्ते उसी तरह एक दिशा की ओर देखकर विचित्र सी आवाज़ में भौंकते रहे जबकि वहाँ पर कोई नहीं था. लगभग आधा घंटा तक भौंकने के बाद कुत्तों ने भौंकना बन्द किया और तब जाकर बिस्कुट खाया. बाद में मुझे पता चला कि कुत्ते भूतों को देखकर इसी प्रकार विचलित होकर विचित्र सी आवाज़ में भौंकते हैं. तो दोस्तों, भूतों पर रोचक चर्चा जारी रहेगी, लेकिन एक ब्रेक के बाद. कहीं जाइएगा नहीं. ब्रेक के बाद हम बताएँगे कि भूतों को कैसे बुलाया जाता है और भूतों को बुलाने की क्या विधि है?
Last edited by Rajat Vynar; 14-09-2014 at 02:15 PM. |
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