My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > New India > Religious Forum
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 12-01-2016, 07:41 PM   #1
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 242
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default परमात्मा का शुक्र करें

परमात्मा का शुक्र करें
साभार: एन. शाह

लाहौर में लाहौरी और शाहआलमी दरवाजों के बाहर कभी एक बाग़ था। वहाँ एक फ़क़ीर था। उसके दोनों बाज़ू नहीं थे। उस बाग़ में मच्छर भी बहुत होते थे। मैंने कई बार देखा उस फ़क़ीर को। आवाज़ देकर , माथा झुकाकर वह पैसा माँगता था। एक बार मैंने उस फ़क़ीर से पूछा – ” पैसे तो माँग लेते हो , रोटी कैसे खाते हो ? ”


उसने बताया – ” जब शाम उतर आती है तो उस नानबाई को पुकारता हूँ , ‘ जुम्मा ! आके पैसे ले जा , रोटियाँ दे जा। वह भीख के पैसे उठा ले जाता है , रोटियाँ दे जाता है।

मैंने पूछा – ” खाते कैसे हो बिना हाथों के ? “वह बोला – ” खुद तो खा नहीं सकता। आने-जानेवालों को आवाज़ देता हूँ ओ जानेवालों ! प्रभु तुम्हारे हाथ बनाए रखे मेरे ऊपर दया करो ! रोटी खिला दो मुझे , मेरे हाथनहीं हैं। हर कोई तो सुनता नहीं , लेकिन किसी-किसी को तरसआ जाता है। वह प्रभु का प्यारा मेरे पास आ बैठता है। ग्रास तोड़कर मेरे मुँह में डालता जाता है , मैं खा लेता हूँ।

सुनकर मेरा दिल भर आया। मैंने पूछ लिया – ” पानी कैसे पीते हो ? “उसने बताया – ” इस घड़े को टांग के सहारे झुका देता हूँ तो प्याला भर जाता है। तब पशुओं की तरह झुककर पानी पी लेता हूँ।


मैंने कहा – ” यहाँ मच्छर बहुत हैं। यदि माथे पर मच्छर लड़ जाए तो क्या करते हो ? “वह बोला – ” तब माथे को ज़मीन पर रगड़ता हूँ। कहीं और मच्छर काट ले तो पानी से निकली मछली की तरह लोटता और तड़पता हूँ।


हाय ! केवल दो हाथ न होने से कितनी दुर्गति होती है ! अरे , इस शरीर की निंदा मत करो ! यह तो अनमोल रत्न है ! शरीर का हर अंग इतना कीमती है कि संसार का कोई भी खज़ाना उसका मोल नहीं चुका सकता। परन्तु यह भी तो सोचो कि यह शरीर मिला किस लिए है ? इसका हर अंग उपयोगी है। इनका उपयोग करो !


स्मरण रहे कि ये आँखे पापों को ढूँढने के लिए नहीं मिलीं। कान निंदा सुनने के लिए नहीं मिले। हाथ दूसरों का गला दबाने के लिए नहीं मिले। यह मन भी अहंकार में डूबने या मोह-माया में फसने को नहीं मिला। ये आँख सच्चे सतगुरु की खोज के लिये मिली है,ये हाथ उसकी सेवा और आजीविका चलाने को मिले है। ये पैर उस रास्ते पर चलने को मिले है जो पूर्ण संत तक जाता हो। ये कान उस संदेश सुनने को मिले है जो जिसमे पूर्ण सतगुरु की पहचान बताई जाती हो। ये जिह्वा उस सतगुरु का गुणगान करने को मिली है जिसने आपको परमात्मा से मिलने की राह बताई हो। ये मन उस सतगुरु का लगातार शुक्र और सुमिरन करने को मिला है जिसने सही रास्ते डाल दिया है।

हे इश्वर तेरा शुक्र है,शुक्र है..

खुद को बेहतर बनाने के लिए इतना समय दें कि आपके पास दूसरें की बुराई करने का समय ही ना बचें !!
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद)
(Let noble thoughts come to us from every side)
rajnish manga is offline   Reply With Quote
Old 16-01-2016, 02:24 PM   #2
ani321
Junior Member
 
ani321's Avatar
 
Join Date: Jan 2016
Posts: 3
Rep Power: 0
ani321 is on a distinguished road
Default Motivational poem in hindi

भगवन पर विश्वास रखो कामियाबी जरूर मिलेगी। ... चलिए मैं आपको हरिवंश राय बच्चन जी की एक कविता सुनाता हु....

http://www.anifish.com/2016/01/motiv...i-koshish.html
ani321 is offline   Reply With Quote
Old 20-01-2016, 12:43 AM   #3
soni pushpa
Diligent Member
 
Join Date: May 2014
Location: east africa
Posts: 1,288
Rep Power: 66
soni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond reputesoni pushpa has a reputation beyond repute
Default Re: Motivational poem in hindi

Quote:
Originally Posted by ani321 View Post
भगवन पर विश्वास रखो कामियाबी जरूर मिलेगी। ... चलिए मैं आपको हरिवंश राय बच्चन जी की एक कविता सुनाता हु....

http://www.anifish.com/2016/01/motiv...i-koshish.html



बहुत सुन्दर प्रेरक घटना है भाई , बहुत बहुत धन्यवाद
soni pushpa is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
ईश्वर का शुक्र


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 07:58 AM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.