27-06-2011, 10:13 PM | #121 |
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Re: ताऊ के किस्से
ताऊ का एक मित्र बनिया जो अक्सर ताऊ के यहाँ आता रहता था.ताऊ ठहरा गावं का सीधा-साधा जाट जो घर आये मेहमान को भगवान का रूप मानता है इसलिए बनिये की पूरी आव भगत करता और हलवा खीर और पकवान खिलाकर खूब जम कर सेवा करता था.पर धूर्त बनिये को इस बात से क्या लेना देना वो तो हर बात में अपना ही फायदा देखता.जब भी वो ताऊ के यहाँ आता हर बार यही कहता की भाई ''जब में तुम्हारे यहाँ आऊंगा तुम क्या दोगे 'और जब तुम मेरे यहाँ आओगे क्या
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27-06-2011, 10:15 PM | #122 |
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Re: ताऊ के किस्से
लाओगे''ताऊ इस बात के मतलब से बिलकुल अनजान था. इसलिए जब भी बनिया ये बात कहता तो ताऊ कहता की भाई जो चीज मेरी है वो तुम्हारी भी है जिस चीज की जरूरत हो मांग लेना .और जो चीज बनिया मांगता ताऊ हंसी-खुशी उसे दे देता .चालाक बनिया ताऊ की इस नेकदिली का फायदा उठाता रहता और जो कुछ उसको पसंद आता वो ले जाता .इस तरह कई साल बीत गए . एक दिन ताई ने याद दिलाया की क्या बात इस बार बहुत दिन हो गए तुम्हारा मित्र नही आया. वो हमेशा फसल निकलते ही आ जाता है. कहीं वो आपसे नाराज तो नही या हो सकता है की उसकी तबियत ठीक न हो .खेत का
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27-06-2011, 10:25 PM | #123 |
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Re: ताऊ के किस्से
सारा कम हो चूका है. इसलिए आप ही जाकर हाल-चाल पता कीजिये और दो चार दिन उसके यहाँ रह कर आये .ताऊ कहा ठीक है में कल ही चला जाता हूँ . दूसरे ही दिन ताऊ मित्र के लिए खेत से ताजा सब्जियां,तरबूज व फल एक थेले में डालकर चल पड़ा.बनिए के घर पहुंच कर आवाज दी तो बनिए ने बाहर ताऊ को देखकर सोचने लगा की ये मुसीबत कहाँ से आ गयी पर करता भी क्या सो उसने झूठी खुशी दिखाकर अंदर बुलाया .चाय पानी के बाद ताऊ ने सबका हाल चाल पूछा.परन्तु
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28-06-2011, 11:39 PM | #124 |
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Re: ताऊ के किस्से
बनिए की नजर तो थेले में थी. ये देखकर ताऊ ने थेला बनिए को दिया और कहा इस बार तुम नही आये तो हमें बहुत चिंता हुई इसलिए में चला आया पहली बार मित्र के घर खाली हाथ तो नही आ सकता था न.इसलिए में ये ताजा फल खास तोर पर भाभी जी के लिए लाया हूँ . ये देख बनिया और उसकी पत्नी बहुत खुश हुए और ताऊ की खूब सेवा की दूसरे दिन वो ताऊ ने कहा ठीक है भाई अब में चलता हूँ .बनिया झूठ-मूठ की हमदर्दी दिखाकर कहने लगा की भाई में तुम्हारे यहाँ हफ्ते दस दिन रह सकता हूँ तो तुम क्यों नही एक दो दिन तुम भी रहोगे तो हमें बहुत खुशी होगी .ये देख ताऊ ने कहा ठीक हैं तुम इतनी
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09-07-2011, 09:43 AM | #125 |
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Re: ताऊ के किस्से
मित्र पंकज जी, इस सूत्र को आगे बढाए, आपके ताऊ जी के किस्से को हमें बेसब्री से इन्तजार है.
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29-09-2011, 04:14 PM | #126 |
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Re: ताऊ के किस्से
कहानी को आगे बढाओ मित्र .....
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21-04-2012, 01:18 PM | #127 | |
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Re: ताऊ के किस्से
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21-04-2012, 01:29 PM | #128 |
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Re: ताऊ के किस्से
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वरिष्ठ सदस्य bhai saab ye jo dhaga (sutra) hai band karane ka nahi tha aap se or moderator mahodya se meri parthana hai ki is sutra ko aage badhayein hum se jaisa ban padega utna sath denge Last edited by sombirnaamdev; 21-04-2012 at 01:44 PM. |
24-04-2012, 02:41 PM | #129 | ||
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Re: ताऊ के किस्से
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