|
04-02-2013, 12:12 AM | #1 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर
विश्व कैंसर दिवस विशेष
अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर देश में बीमारियों से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण है कैंसर। तमाम प्रयासों के बावजूद कैंसर के मरीजों की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है। हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है सिर्फ इसीलिए, ताकि लोगों को कैंसर के नुकसान के बारे में बताया जा सके और उन्हें अधिक से अधिक जागरूक किया जा सके।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
04-02-2013, 12:13 AM | #2 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर
आधुनिक विश्व में कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे सबसे ज्यादा लोगों की मृत्यु होती है। विश्व में इस बीमारी की चपेट में सबसे अधिक मरीज हैं। एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2005 में 7.6 लाख लोग कैंसर से मौत के आगोश में समा गए थे। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के मरने से और विश्व स्तर पर इस बीमारी के फैलने से सब चिंतित हैं। बढ़ते हुए कैंसर के खतरों को देखते हुए विश्व स्वास्थ संगठन ने कैंसर के प्रति निरंतर जागरुकता फैलाने के लिए 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाने का निर्णय लिया ताकि इस भयानक बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाई जा सके। जिससे बढ़ते कैं सर के स्तर को कम किया जा सकता है।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
04-02-2013, 12:14 AM | #3 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर
क्या है कैंसर
शरीर के रोजाना क्षतिग्रस्त होने वाले सेल्स जब अनियंत्रित गति से बढ़ने लगते हैं तो सेल्स का यह समूह टयूमर का रूप ले लेता है, जिसे कैंसर कहा जाता है। दरअसल, स्वस्थ्य सेल्स की कमी के कारण ही खंडित होने वाली सेल्स का पुनर्निर्माण नहीं हो पाता और वह संगठित रूप ले लेती है। यह समूह लिम्फ और गांठ भी हो सकता है। कैंसर उस स्थिति में गम्भीर हो जाता है जबकि प्रभावित जगह से कैंसर युक्त सेल्स शरीर के अन्य भाग, फेफड़े, आमाशय, प्रोस्टेट या फिर मस्तिष्क में पहुंचती है। एक बार संगठित होने के बाद यह सेल्स अपने तरह की हजारों सेल्स का निर्माण कर लेती हैं इस स्थिति को एंजियोजेनिस कहते हैं। ज्यामितीय क्रम में बढ़ने वाली कैंसर की संक्रमित सेल्स को खत्म करने के लिए उनके ओरिजन यानी उत्पन्न होने वाली जगह की पहचान जरूरी कही गई है, जो निरंतर संक्रमित सेल्स बनाती रहती है।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
04-02-2013, 12:15 AM | #4 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर
जीन भी हैं कारगर
किसी भी व्यक्ति के जीन को सेल्स के खंडित होने के लिए कारगर माना गया है, जो शरीर की जरूरी प्रक्रिया है। चार प्रमुख तरह के जीन को सेल्स के विभाजन के लिए जिम्मेदार माना गया है। कारसिनो और आनको जीन को सेल्स के विभाजन के लिए प्रमुख बताया गया है। तम्बाकू का सेवन, रेडिएशन का अधिक संपर्क, एचआइवी, हेपेटाइटिस व अन्य बीमारियों का संक्रमण स्वास्थ्य सेल्स के रक्षा कवच को कमजोर करता है और आसानी से कारसिनो और आनको का प्रभाव बढ़ने लगते हैं, इस सबके बीच ब्लड सेल्स को प्रभावित करने वाले मैलिग्नेंसी कैंसर को भी गम्भीर माना गया है।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
04-02-2013, 12:15 AM | #5 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर
प्रारंभिक पहचान व जानकारी है जरूरी
शरीर के किसी भी हिस्से या लिम्फ में दर्द युक्त या दर्द रहित गांठ का अनुभव होने पर एमआरआई, सीटी स्कैन, पैट (पोजिशिनिंग इमेजिन टोमोग्राफी) की मदद से बीमारी की पहचान की जाती है, हालांकि इससे पहले गांठ की एफएनएसी (फाइन नीडल एस्पिरेशन सायटोलॉजी) के जरिए साधारण सेल्स से कैंसरयुक्त सेल्स को पहचाना जाता है।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
04-02-2013, 12:16 AM | #6 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: अब लाइलाज नहीं रहा कैंसर
आधुनिक इलाज से बंधी उम्मीद
कैंसर के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए इलाज की आधुनिक विधि की भूमिका अहम हो गई है। रेडियोथैरेपी व कीमोथैरेपी के अलावा मॉलिक्यूलर, स्टेम सेल्स, नैनो टैक्नोलॉजी व टारगेटेट दवाओं के जरिए कैंसर सेल्स को बढ़ने से पहले खत्म किया जा सकता है जिसमें स्टेम सेल्स थैरेपी को सबसे अधिक रामबाण माना गया है। सेल्यूलर विधि से मरीज के शरीर के ही रक्त को लेकर उसकी डेंडटराइन सेल्स की मदद से मरीज में स्वास्थ्य सेल्स पहुंचाए जाते हैं।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
Bookmarks |
|
|