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Old 24-09-2014, 11:41 PM   #31
emptymind
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emptymind has a spectacular aura aboutemptymind has a spectacular aura about
Default Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है

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Originally Posted by pavitra View Post
हम सभी जीवन जी रहे हैं , पर वास्तव में इस जीवन का उद्देश्य क्या है ?
पाइसा
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हम क्या प्राप्त करना चाहते हैं ?
पाइसा
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Originally Posted by pavitra View Post
जीवन में सबसे आवश्यक क्या है ?
पाइसा

पता नहीं किसने कहा था, पर क्या खूब कहा था - वाह-वाह।
आप भी सुनिये-

पैसा खुदा तो नहीं है....
मगर खुदा से कम भी नहीं है।

अगर मेरी बात समझ मे ना आए तो दिमाग पर ज़ोर ना दे, क्योंकि मेरा तो ......
हीहीही, समझ गए ना?
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Old 25-09-2014, 01:49 PM   #32
Rajat Vynar
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Rajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant future
Talking Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है

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पाइसा

पाइसा

पाइसा

पता नहीं किसने कहा था, पर क्या खूब कहा था - वाह-वाह।
आप भी सुनिये-

पैसा खुदा तो नहीं है....
मगर खुदा से कम भी नहीं है।

अगर मेरी बात समझ मे ना आए तो दिमाग पर ज़ोर ना दे, क्योंकि मेरा तो ......
हीहीही, समझ गए ना?
वाह-वाह, अपने खाली दिमाग से क्या ऊँची बात कही आपने. आपका उत्तर पढ़कर लावारिस फिल्म का एक पुराना गीत याद आ गया-
हे हे चार पैसे क्या मिले
..

क्या मिले भई क्या मिले
..
वो ख़ुद को समझ बैठे ख़ुदा..
वो ख़ुदा ही जाने अब होगा तेरा अंजाम क्या
..

काहे पैसे पे
..
काहे पैसे पे इतना
ग़ुरूर करे है..
ग़ुरूर करे है
यही पैसा तो..
यही पैसा तो अपनों से..
दूर करे है..
दूर करे है
..

काहे पैसे पे
..

सोने
-चाँदी के ऊँचे महलों में..
दर्द ज़्यादा है चैन थोड़ा है..
दर्द ज़्यादा है चैन थोड़ा है..
इस ज़माने में पैसे वालों ने
प्यार छीना है..
दिल को तोड़ा है
..

प्यार छीना है दिल को तोड़ा है
..

पैसे की अहमियत से तो इन्कार नहीं है
..
पैसा ही मगर सब कुछ सरकार नहीं है..
इन्साँ
-इन्साँ है, पैसा-पैसा है
..
दिल हमारा भी तेरे जैसा है
..
भला पैसा तो बुरा भी है..
ये ज़हर भी है ये नशा भी है
..

ये ज़हर भी है ये नशा भी है
..

ये नशा कोई
..
ये नशा कोई धोखा ज़रूर करे है..
यही पैसा तो अपनों से
..
दूर करे है.. दूर करे है..
अरे चले कहाँ
..

ऐ पैसे से क्या
-क्या तुम यहाँ ख़रीदोगे..
हे दिल ख़रीदोगे या के जाँ ख़रीदोगे..
बाज़ारों में प्यार कहाँ बिकता है..
दुकानों पे यार कहाँ बिकता है
..
फूल बिक जाते हैं ख़ुश्बू बिकती नहीं..
जिस्म बिक जाते हैं रूह बिकती नहीं..
चैन बिकता नहीं ख़्वाब बिकते नहीं
..

दिल के अरमान बेताब बिकते नहीं
..

अरे पैसे से क्या
-क्या..

हे दिल ख़रीदोगे या के जाँ ख़रीदोगे
..
हे इन हवाओं का मोल क्या दोगे..
इन घटाओं का मोल क्या दोगे..
अरे इन ज़मीनों का मोल हो शायद
..

आसमानों का मोल क्या दोगे
..

आसमानों का मोल क्या दोगे
..

पास पैसा है तो है ये
..
दुनिया हसीं.. दुनिया हसीं..
हो ज़रूरत से ज़्यादा तो
..
मानों यक़ीं..
मानों यक़ीं
..
ये दिमाग़ों में..
ये दिमाग़ों में
..
पैदा फ़ितूर करे है..
यही पैसा तो अपनों से
..
दूर करे है.. दूर करे है..

आपने अपने खाली दिमाग से ज्ञान का सिक्का जमा दिया और हम सब अपने भरे दिमाग से सोचते ही रह गए! आपके ज्ञान भरे उत्तर के लिए
11 पॉइंट नगद इनाम मेरी ओर से. अब यह कहकर हड़ताल न करियेगा कि ‘सभी को आप बड़ा-बड़ा इनाम बाँटते है और मुझे इतना कम?’ बहुधा यही होता है हमारे देश में. बड़ा-बड़ा फंड जान-पहचान, खास लोगों और रिश्तेदारों में बंट जाता है!

Last edited by Rajat Vynar; 25-09-2014 at 01:54 PM.
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Old 25-09-2014, 03:54 PM   #33
Rajat Vynar
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Talking Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है

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Originally Posted by pavitra View Post
रजत जी मैं economis की ही student हूँ तो barter system(वस्तु विनिमय) समझती हूँ। पर आपको नहीं लगता कि हर जगह ये बात लागू नहीं हो सकती। अब देखिये लोग कहते हैं कि अगर आप चाहते हो कि दूसरे लोग आपको सम्मान दें तो पहले आप को उन्हें सम्मान देना होगा , अगर आप चाहते हैं कि लोग आपसे प्यार से बात करें तो आपको भी दूसरे से प्यार से ही बात करनी होगी। …।ऐस थोड़े ही होता है कि - जैसे मेरा स्वभाव क्रोधी हो और मैं आपसे गुस्से से बात करूँ और बदले में आप मुझे सम्मान दें।
वित्रा जी, कहीं आपका आशय यह तो नहीं सामने वाले के गुण-दोषों के आधार पर ही यह निर्णय लेना चाहिए कि उसका सम्मान किया जाए या नहीं? और जहाँ तक सम्मान की बात है आप किस प्रकार के सम्मान की बात कर रही हैं? Respect, Regard, Revere or Venerate? थोडा स्पष्ट कीजिये?

Last edited by Rajat Vynar; 25-09-2014 at 03:58 PM.
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Old 25-09-2014, 05:10 PM   #34
Rajat Vynar
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Talking Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है

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Originally Posted by pavitra View Post
kuki ji आपके पोस्ट्स सच में ज्ञान वर्धक और व्यवहारिक होते हैं। उनमें समाज की सच्चाई होती है। इसलिए ऐसे ही आगे भी अपने विचार हमसे बांटती रहिएगा।

रजत जी , जिस तरह से आजकल kuki ji पोस्ट कर रही हैं मुझे लगता है बहुत जल्दी ही आप तो zero पॉइंट्स पर आजायेंगे। क्यूंकि उनका हर एक पोस्ट इनाम के काबिल होगा और आप इसी तरह points इनाम में देते रहे तो आपके पास तो कुछ बचेगा भी कि नहीं , कह नहीं सकते। ......lol
क्या फर्क पड़ता है अगर जीरो पॉइंट हो जाए? यहाँ का जमा करके दूसरे बैंक में तो जमा नहीं कर पाऊँगा. यहीं का कमाया, यहीं गवांया. आप ये देखिए कि कुकी जी ने कितनी ऊँची बात कही है! मैं यह मानता हूँ कि यहाँ पर कुकी जी का कद छोटा है, लेकिन सही बात तो ये है कि उनका कद बहुत मोटा है! आप तो ये बात खुद जानती होंगी.. और फिर पॉइंट कहीं बाहर थोड़े ही बांटे जा रहे है. अपने ही लोगों में ही तो बांटे जा रहे है. तरबूज के गुणों को कुकी जी ने काफी गहराई से समझा है-
--------------------------------------------
आजकल तरबूज की पूरे अमेरीका में धूम मची है। सभी बड़े होटलों में ब्रेकफास्ट के समय इसका उपलब्ध रहना लगभग अनिवार्य माना जा रहा है। इसका बड़ा कारण पिछले पांच वर्षो में कुछ नये शोधों द्वारा तरबूज के नये फायदों का खुलासा होना है। डा भीमू पटेल, टेक्सास के फ्रूट एवं वेजिटेबल विभाग के डायरेक्टर हैं। उनका कहना है कि बेजोड़ चीज है तरबूज।
नये शोध नेदिखाया है कि तरबूज में वियाग्रा दवा जैसा गुणहै
अगर यौन शक्ति में कमी है, इरेक्शन की समस्या है या यौन इच्छा का अभाव है, तो रोज पांच बार तरबूज खाने की सलाह दी गयी है। न्यूट्रीशन मेडिकल जरनल एवं साइंस डेली पत्रिका में छपे शोध के अनुसार तरबूज में सिटूलीन नामक जैव रसायन होता है, जो शरीर में जाकर अरजीनीन नामक एमीनो एसिड में परिवर्तित हो जाता है। अरजीनीन की सही मात्रा शरीर में रहे, तो नाइट्रिक आक्साइड प्रचुर मात्रा में बनता है। नाइट्रिक आक्साइड को 1992 में मालिक्यूल आफ डिकेड कहा गया था। यह पाया गया था कि हमारी रक्त वाहिनियों की आंतरिक सतह इंडोथेलियम से यह साबित होता है। यदि यह सही मात्रा में शरीर में रहे, तो हार्ट की बीमारी न हो, रक्तचाप ठीक रहे, अर्थराइटिस से निजात मिले और कई तरह के कैंसरों से बचाव हो। तरबूज खाने से नाइट्रिक एसिड की मात्रा संतुलित हो जाती है। यौन अंगों में नाइट्रिक एसिड बनने से वहां रक्त प्रवाह सही हो जाता है, यही है वियाग्रा जैसा प्रभाव। सिटूलीन की अधिकता से शरीर की प्रतिरोधात्मक शक्ति बढ़ती है और शरीर का जहर बाहर निकल जाता है।
---------------
गर्मी के दिनों में तरबूज का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है।

यह मोटापे और मधुमेह को भी रोकने का काम करता है। अर्जीनाइन नाइट्रिकऑक्साइड को बढावा देता है, जिससे रक्त धमनियों को आराम मिलता है। तरबूज काबीज देसी वियाग्रा का काम करता है।गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने के वालातरबूज खाने से सेक्स क्षमता किसी वियाग्रा से कम नहीं होती। शोधकर्ताओं केमुताबिक तरबूज में वह सभी गुण मौजूद हैं जो सेक्स क्षमता बढ़ाने के लिएशरीर पर असर डालते हैं।यह फल गुणो की खान है और शरीर के लिए वरदान स्वरूपहै।
पानी से भरपूर तरबूज गर्मी के लिए सबसे फायदेमंद है। इसमें 92 प्रतिशतपानी होता है।यह हमारे शरीर को गर्म मौसम से लड़ने की ताकत भी देता है।मीठे स्वाद के अलावा भी इसमें बहुत सारे गुण होते हैं जो हमारे लिएफायदेमंद हैं।
तरबूज़ में सिट्रुलिन नामक न्यूट्रिन होता है जो शरीर में जाने के बादअर्जीनाइन में बदल जाता है। अर्जीनाइन एक एम्यूनो इसिड होता है जो शरीर कीरोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है और खून का का संचलन सही करता है।
---------------------------------------
*जिन व्यक्तियों को कब्ज की शिकायत रहती है, उनके लिए तरबूज का सेवन करना अच्छा रहता है, क्योंकि इसके खाने से आँतों को एक प्रकार की चिकनाई मिलती है।
* इसका सेवन उक्त रक्तचाप को बढ़ने से भी रोकता है।
* खाना खाने के उपरांत तरबूज का रस पीने से भोजन शीघ्र पच जाता है। इससे नींद भी अच्छी आती है। इसके रस से लू लगने का अंदेशा भी नहीं रहता।
* मोटापा कम करने वालों के लिए यह उत्तम आहार है।
* पोलियो रोगियों को तरबूज का सेवन करना बहुत लाभकारी रहता है, क्योंकि यह खून को बढ़ाता है और उसे साफ भी करता है। त्वचा रोगों में भी यह फायदेमंद है।
* तपती गर्मी में जब सिरदर्द होने लगे तो तरबूज के आधा गिलास रस को मिश्री मिलाकर पीना चाहिए।
* पेशाब में जलन हो तो ओस या बर्फ में रखे हुए तरबूज का रस निकालकर सुबह शकर मिलाकर पीने से लाभ होता है।
* गर्मी में नित्य तरबूज का ठंडा-ठंडा शरबत पीने से शरीर को शीतलता तो मिलती ही है, चेहरे पर गुलाबी-गुलाबी आभा भी दमकने लगती है। इसके लाल गूदेदार छिल्कों को हाथ-पैर, गर्दन व चेहरे पर रगड़ने से सौंदर्य निखरता है।
* सूखी खाँसी में तरबूज खाने से खाँसी का बार-बार चलना बंद होता है।
* तरबूज की फाँकों पर कालीमिर्च पावडर, सेंधा व काला नमक बुरककर खाने से खट्टी डकारें आना बंद होती हैं।
* धूप में चलने से ज्वर आया तो फ्रिज का ठंडा-ठंडा तरबूज खाने से फायदा होता है।
* तरबूज का गूदा लें और इसे "ब्लैक हैडस" के प्रभावित एरिया पर आहिस्ता-आहिस्ता रगड़ें। १० मिनट उपरांत चेहरे को गुनगुने पानी से साफ कर लें।
* अपचन, भूख बढ़ाने तथा खून की कमी में यह प्रयोग काम में लाएँ। एक बड़े तरबूज में थोड़ा-सा छेद करके २०० ग्राम चीनी भर दें। ४-५ दिन तक उस तरबूज को दिन में धूप में तथा रात में चन्द्रमा की रोशनी में रखें। उसके बाद अंदर से पानी निचोड़ लें और छानकर काँच की साफ बोतल में भर लें। यह तरल पदार्थ चौथाई कप की मात्रा में दिन में दो से तीन मर्तबा पीने से उपरोक्त तकलीफों में अत्यंत लाभ होता है।
* पागलपन, दिमागी गर्मी, हिस्टीरिया, अनिद्रा रोगों में तरबूज का गूदा ४० मिनट के लिए सिर पर रखना फायदेमंद होता है।
* तरबूज में विटामिन ए, बी, सी तथा लौहा भी प्रचुर मात्रा में मिलता है, जिससे रक्त सुर्ख व शुद्ध होता है।

-----------------------
गर्मी का आकर्षक और आवश्*यक फल तरबूज शरीर में पानी की कमी को पूरा
करता है। इसमें एंटी ऑक्*सीडेंट भी होता है और यही नहीं रिसर्च के अनुसार तरबूज पेट के कैंसर, हृदय रोग और मधुमेह से बचाता है। तरबूज में 92% पानी और 6% शक्*कर होती है, यह विटामिन ए, सी और बी6 का सबसे बडा़ स्*त्रोत है। इसमें बीटा कैरोटीन होता है जो कि हृदय रोग के रिस्*क को कम कर के सेल रिपेयर करता है। तरबूज के फायदे- 1. तरबूज में लाइकोपिन पाया जाता है, लाइकोपिन हमारी त्वचा को जवान बनाए रखता है। ये हमारे शरीर में कैंसर को होने से भी रोकता है। 2. तरबूज में विटामिन ए और सी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। विटामिन सी हमारे शरीर के प्रतिरक्षा तन्त्र को मजबूत बनाता है और विटामिन ए हमारे आँखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है। 3. तरबूज और उसके बीजों की गिरी शरीर को पुष्ट बनाती है। तरबूज खाने के बाद उसके बीजों को धो सुखा कर रख लें जिन्हें बाद में भी खाया जा सकता है। 4. अपचन, भूख बढ़ाने तथा खून की कमी होने पर भी तरबूज बहुत लाभदायक सिद्ध होता है । एक बड़े तरबूज में थोड़ा-सा छेद करके उसमें एक ग्राम चीनी भर दें। फिर दिन तक उस तरबूज को धूप में तथा रात में चंद्रमा की रोशनी में रखें। उसके बाद अंदर से पानी निचोड़ लें और छानकर काँच की साफ बोतल में भर लें। यह तरल पदार्थ चौथाई कप की मात्रा में दिन में दो से तीन मर्तबा पीने से उपरोक्त तकलीफों में अत्यंत लाभकारी होता है। 5. तरबूज की फाँकों पर काली मिर्च पाउडर, सेंधा व काला नमक बुरककर खाने से खट्टी डकारें आना बंद होती हैं। 6. तरबूज का गूदा लें और इसे "ब्लैकहेड्स" के प्रभावित जगह पर आहिस्ता-आहिस्ता रगड़ें। एक ही मिनट उपरांत चेहरे को गुनगुने पानी से साफ कर लें। 7. तरबूज खाते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसे खाने के बाद 1 घंटे तक पानी न पियें अन्यथा लाभ के स्*थान पर शरीर को हानि पहुंच सकती है। तरबूज ताजा काट कर खायें। बहुत पहले का कटा तरबूज भी नुकसान पहुंचाता है।

--------------------------------
तरबूज के उपर्युक्त गुणों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि तरबूज के बड़े और आकर्षक आकार पर न जाकर तरबूज के गुणों को ही प्राथमिकता देनी चाहिए. यह सब तो तरबूज का सकारात्मक पहलू है, लेकिन इसका नकारात्मक पहलू भी है और यह बात बहुत कम लोग जानते हैं. एक कॉफी शॉप में दो लोग आपस में बात कर रहे थे कि तरबूज की खेती से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती है और गर्मी के महीने में मात्र कुछ धनवान लोगों को ठंडा करने के लिए ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा देना कहाँ का न्याय है? कुछ लोग ठन्डे हो जाएँ और बाकी सभी गर्म? तरबूज के भारी दाम को देखते हुए जो लोग तरबूज खरीदने में सक्षम हैं वही तो गर्मी के महीने में ठन्डे-ठन्डे तरबूज का आनंद ले सकते हैं. वैसे तो सरकार को चाहिए कि गरीबों के लिए ‘तरबूज फंड’ बनाए जिससे गरीब भी तरबूज खरीद सकें, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग घटाने के लिए मैंने तरबूज की खेती के खिलाफ प्रचार करना शुरू किया और यह बड़ी खुशी कि बात है कि कुछ किसानों ने हमारी बात की गहराई को समझा और तरबूज की खेती कम कर दी.
---------------------------------------
टिप्पणी- लाल रंग से लिखा हुआ सभी कॉपी-पेस्ट है.
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Old 25-09-2014, 08:23 PM   #35
Rajat Vynar
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Talking Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है

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Originally Posted by pavitra View Post

1- बहुत ही अच्छी बात कही है उन लेखिका ने , हम अक्सर ऐसे लोगों के साथ रिश्ते निभाने का प्रयास करते हैं जो असल में हमारे लिए बने ही नहीं होते। हमें जो भी मिलता है उसे ही भाग्य समझकर अपना लेते हैं , स्वीकार कर लेते हैं , उसके अनुरूप खुद को और अपने अनुरूप उसको बदलने का प्रयास करते हैं , ज़बरदस्ती उस रिश्ते को सच्चा प्यार का टैग भी लगा देते हैं। एक अभिनय सा करने लगते हैं , उसके सामने , दुनिया के सामने और अपने सामने भी कि हम बहुत खुश हैं। पर झूठ की नींव पर टिकी इमारत ज़्यादा समय तक नहीं टिक सकती। तो ज़बरदस्ती झूठी सांत्वना पर चलने वाला रिश्ता कैसे लम्बे समय तक टिक सकता है ? ज़बरदस्ती के रिश्ते एक दिन ताश के पत्तों के महल की भाँती बिखर जाते हैं।
देखिए, पवित्रा जी.. लेखिका की बात तो ठीक ही प्रतीत होती है, क्योंकि यदि दूसरा पक्ष आपकी भावनाओं को स्वीकार न करे और किसी भी हालत में सच्चा प्यार के ढाँचे में ढलने के लिए तैयार न हो तो? ...इसके आगे अपडेट के लिए प्रतीक्षा करें.
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Old 25-09-2014, 08:57 PM   #36
emptymind
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Originally Posted by Rajat Vynar View Post
वाह-वाह, अपने खाली दिमाग से क्या ऊँची बात कही आपने. आपका उत्तर पढ़कर लावारिस फिल्म का एक पुराना गीत याद आ गया-
..............

आपने अपने खाली दिमाग से ज्ञान का सिक्का जमा दिया और हम सब अपने भरे दिमाग से सोचते ही रह गए! आपके ज्ञान भरे उत्तर के लिए
11 पॉइंट नगद इनाम मेरी ओर से. अब यह कहकर हड़ताल न करियेगा कि ‘सभी को आप बड़ा-बड़ा इनाम बाँटते है और मुझे इतना कम?’ बहुधा यही होता है हमारे देश में. बड़ा-बड़ा फंड जान-पहचान, खास लोगों और रिश्तेदारों में बंट जाता है!
रजत जी, मुझे अभी-अभी हंसने के लिए नाइट्र्स ऑक्साइड का डोज़ लेना पड़ा।
लगता है आप भी मेरी तरह ही होते जा रहे है। जब मैंने तीन बार पाइसा, पाइसा, पाइसा बोला, तो कम से से 11 रुपये तो दे देते। फोकटिया 11 पॉइंट्स का क्या करूंगा।

कोई बात नहीं, हमे कोई फोकट मे जहर भी दे तो, हम वो भी नहीं छोड़ते।
11 पॉइंट्स accepted।
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Old 25-09-2014, 11:21 PM   #37
Pavitra
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जिज्ञासा - दोस्ती क्या है ?
किन लोगों को दोस्त की श्रेणी में रखना चाहिए। आपके हिसाब से कौन सी खूबियां एक व्यक्ति में होनी चाहिए एक दोस्त बनने के लिए ?
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Old 25-09-2014, 11:28 PM   #38
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पता नहीं किसने कहा था, पर क्या खूब कहा था - वाह-वाह।
आप भी सुनिये-

पैसा खुदा तो नहीं है....
मगर खुदा से कम भी नहीं है।

अगर मेरी बात समझ मे ना आए तो दिमाग पर ज़ोर ना दे, क्योंकि मेरा तो ......
हीहीही, समझ गए ना?

उच्च विचार …।अब कहने को बचा ही क्या , आपने एक ही बार शब्द में सारे प्रश्नों का उत्तर दे दिया। .
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Old 25-09-2014, 11:35 PM   #39
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Originally Posted by rajat vynar View Post
वित्रा जी, कहीं आपका आशय यह तो नहीं सामने वाले के गुण-दोषों के आधार पर ही यह निर्णय लेना चाहिए कि उसका सम्मान किया जाए या नहीं? और जहाँ तक सम्मान की बात है आप किस प्रकार के सम्मान की बात कर रही हैं? respect, regard, revere or venerate? थोडा स्पष्ट कीजिये?
रजत जी , मैं सोचती हूँ कि अगर सामने वाला व्यक्ति बुरा है तो हमें उसके साथ बुरा नहीं बनना चाहिए , बल्कि उसके साथ और भी अच्छा व्यवहार करना चाहिए जिससे उसको समझ आये कि उसमें और हम में क्या फर्क है ? किसी बुरे के लिए अपनी अच्छाई छोड़ना समझदारी नहीं है।

हाँ कुछ लोग बहुत ही बुरे होते हैं तो उनके साथ तो चाहे कितना अच्छा कर लो उन्हें कोई फर्क ही नहीं पड़ता , उल्टा वो आपकी अच्छाई को आपकी कमज़ोरी ही समझते हैं।

और मैं रेस्पेक्ट वाले सम्मान की ही बात कर रही थी।
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Old 26-09-2014, 11:37 AM   #40
Deep_
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Originally Posted by Pavitra View Post
जिज्ञासा - दोस्ती क्या है ?
किन लोगों को दोस्त की श्रेणी में रखना चाहिए। आपके हिसाब से कौन सी खूबियां एक व्यक्ति में होनी चाहिए एक दोस्त बनने के लिए ?
बाप रे! ईतना सोच के कोई अगर दोस्ती करता तो हो चुका बंटाधार!
पवित्राजी, जैसे शादी का जोड़ा बनना उपर से तय है, मेरे विचार से दोस्त भी 'उपर वाला' ही बनाता है। एसा नही हो सकताकी एक बौध्धिक विचारशील व्यक्ति का मित्र कोई पगला सा व्यक्ति हो? आप ही देख ही लो उदाहरण....ईस फोरम पर लेखकों के साथ मेरी और मेरे ही जैसे 'एम्प्टी माईन्ड' की दोस्ती आपके सामने मौजुद है

वैसे आपका प्रश्न बहुत अच्छा लगा...काश एक दोस्त एसा हो जिसकी सारी खुबी-खामी हमें अच्छी लगे।
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