20-01-2013, 10:16 PM | #21 |
Diligent Member
|
Re: सोमबीर नामदेव की हरियाणवी रचनाएँ
तन्नै रांझे और मिल ज्यांगे तो मन्नै के हीरां का टोटा सै !! जै आछी ढाल निभावेगी तो तेरी गैल खड्या पाउंगा सुख दुःख के मंह हरदम तेरी आगे अडया पाउंगा जै तू आडी आडी चालैगी तो मेरे के फहरी सै अपनी कसर काढ लिए जो तेरे बाकी मन में रहरी सै ना बस की बात तेरे यो दिल ऐ तेरा छोटा सै !! कर कान उरे नै आ तन्नै याद करा द्यूं पाछले बखत नै ल्याके आगे आज धरा द्यूं तेरे बोले होए बोल तन्ने हटके याद करा द्यूं के बीत रही सै मेरे पै तन्नै खोल के आज बता द्यूं तन्नै बता द्यूं कोंसी आग मैं आज तू मेरे टी झोक्या सै !! कदे ना कदे कोए तन्नै भी तेरे जिसा थ्या ज्यागा ओराँ नै दुःख देवन आली तन्नै कित तै सुख पा ज्यागा इतने दुःख दे ज्यागा कोए दिन पछले याद करा ज्यागा मेरे जान का गम तन्नै भीतर ऐ भीतर खा ज्यागा तू के जाने सर मेरे पै गम का कौन भरोटा सै !! जै कदे आज्या याद तो '' डाया '' के मांह आ जाइये किसे गरीब की गरीबी का ना फायदा और उठाइए जिसकी गैल चाल पड़ी तू बढ़िया ढाल निभाइए सच्ची खोल बता दिए ना सुपने और दिखाइए इतना सा बस जबर''' नामदेव '' का ,ना इसते ज्यादा पोटा सै !! सोमबीर ''''नाम देव '''' |
20-01-2013, 10:17 PM | #22 |
Diligent Member
|
Re: सोमबीर नामदेव की हरियाणवी रचनाएँ
छोड़ के तू जै चाली जागी
कुणसा दुनिया मंह तूफान आज्यागा ! एक दुनिया मंह तू ऐ ना सै दिल मैं नया मेहमान आज्यागा ! इस रूप हसन नै सदा ना रहना तेरे पास देख लिए एक दिन काल खाज्यागा! मेरे बिना ना होवे धरती ख़ाली तन्ने भी कोए और पाज्यागा ! तन्ने ले डुबैगा मान हुसन का . गरूर जवानी आला मन्नै भी खाज्यागा ! कह नामदेव जै समझ के चालें दोनु दोनूँआँ नै एक दूजे का प्यार थ्याज्यागा ! सोमबीर सिंह सरोया गाँव डाया जिला हिसार ( हरियाणा ) मोब नो 9321083377 |
21-01-2013, 12:30 PM | #23 |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 |
Re: सोमबीर नामदेव की हरियाणवी रचनाएँ
[QUOTE=sombirnaamdev;214129]
मेरे बिना ना होवे धरती ख़ाली तन्ने भी कोए और पाज्यागा ! तन्ने ले डुबैगा मान हुसन का . गरूर जवानी आला मन्नै भी खाज्यागा ! कह नामदेव जै समझ के चालें दोनु दोनूँआँ नै एक दूजे का प्यार थ्याज्यागा ! सोमबीर जी, एक उत्कृष्ट रचना के लिए आपको बधाई. अभिव्यक्ति की ऐसी उत्कट तीव्रता बहुत कम देखने में आती है. कविता के आरम्भ से अंत तक जो उलाहने और शिकायत का भाव-संसार दिखाई देता है वह अंतिम दो पंक्तियों में आकर एक सकारात्मक मुकाम पर पहुंचता लगता है. |
21-01-2013, 09:32 PM | #24 | |
Diligent Member
|
Re: सोमबीर नामदेव की हरियाणवी रचनाएँ
[QUOTE=rajnish manga;214178]
Quote:
IS NACHEEJ PAR NIGAHE KARAM BANI RHE AISI MAIN AASHA APSE HAMESHA KE LIYE KARTA HUN |
|
26-01-2013, 11:22 PM | #25 |
Diligent Member
|
Re: सोमबीर नामदेव की हरियाणवी रचनाएँ
के बताऊँ यारो के हाल सै मेरा
इस मंहगाई के मारे बुरा हाल सै मेरा तेल की मंहगाई तो मार के छोड़ेगी आर सोनिया माई भारत ने इटली भेज के छोड़ेगी ... मनमोहन नाम का एक सरदार पाल लिया हमने गल मैं स्यापा अपने आप घाल लिया हमने क्यां का सरदार बता सरदार के इसा होवे सै ... सरदार के आगे तो सारी दुनिया पानी ढ़ोवे सै इस सरदार ने तो सरदारी के बट्टा ला दिया मुह तै बोलन की बजाय मुह कै ताला ल लिया रामदेव बिचारे की चालन कोणी देवे अन्ना ने अनशन पे उठन कोणी देवे के करले एकला नरेंदर मोदी भाजपा की साख गडकरी ने खोदी केजरी वाल तो बिचारा लड़े भी घना सै ऐकले पे ना फुटे भाड़ बिचारा कल्ला चना सै यो नामदेव कुन्सा इन कसाई यां नै एकला फस गया महंगाई आला नाग तो सब नै बराबर डस ग्या सोमबीर नामदेव ( हरियाने आला ) Last edited by Dark Saint Alaick; 01-02-2013 at 10:31 PM. |
27-01-2013, 03:04 PM | #26 | |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 |
Re: सोमबीर नामदेव की हरियाणवी रचनाएँ
Quote:
महंगाई और भृष्टाचार की दुधारी तलवार से हलाल होते हुए लहू-लुहान एक सीधे सच्चे नागरिक की आर्त पुकार और जुगुप्सा ही आपकी कविता में गुंजायमान हो रही है. हम जानते हैं कि सियासी लीडरान कटु भाषा समझते हैं और उसी में समझाने योग्य हैं, किन्तु क्या ऐसा करने से हम अपने हेतु में सफल हो पायेंगे? मेरा अपना विचार है कि परिवर्तन के लिए सही मंच पर आवाज़ उठाना जरूरी है और राजनैतिक आकाओं का नया चैप्टर भी राजनैतिक चौसर पर सही पांसे फेंक कर ही लिखा जा सकता है. एक अति सुन्दर रचना के लिए धन्यवाद. Last edited by Dark Saint Alaick; 01-02-2013 at 10:34 PM. |
|
27-01-2013, 10:04 PM | #27 |
Diligent Member
|
Re: सोमबीर नामदेव की हरियाणवी रचनाएँ
महंगाई और भृष्टाचार की दुधारी तलवार से हलाल होते हुए लहू-लुहान एक सीधे सच्चे नागरिक की आर्त पुकार और जुगुप्सा ही आपकी कविता में गुंजायमान हो रही है. हम जानते हैं कि सियासी लीडरान कटु भाषा समझते हैं और उसी में समझाने योग्य हैं, किन्तु क्या ऐसा करने से हम अपने हेतु में सफल हो पायेंगे? मेरा अपना विचार है कि परिवर्तन के लिए सही मंच पर आवाज़ उठाना जरूरी है और राजनैतिक आकाओं का नया चैप्टर भी राजनैतिक चौसर पर सही पांसे फेंक कर ही लिखा जा सकता है. एक अति सुन्दर रचना के लिए धन्यवाद.
राजेश माँगा जी एक बार फिर से धन्यावाद देता हूँ आपको लेकिन किन्तु क्या ऐसा करने से हम अपने हेतु में सफल हो पायेंगे? यहाँ पर दिए ? मार्क मतलब नही समझा पाया थोडा विस्तार से बताएँगे तो आपकी अति कृपा होगी |
27-01-2013, 10:05 PM | #28 |
Diligent Member
|
Re: सोमबीर नामदेव की हरियाणवी रचनाएँ
इस कांग्रेस नै बारह साल में रेल मंत्रालया थ्यागा
भाड़े बधान का सुनहरी मोका हाथ लाग्या महंगाई की मारी जनता पहले ऐ घनी कूके थी फेर भी या जालिम सरकार मौका क्याने चुके थी तेल में पांच रपिये बढ़ा के दो कम कर दिए जनता पै तरस खान के सो सो स्यान धर दिए घोटाले बाज मंत्री तो घने घने पाल लिए इमानदार के सर के ऊपर लाखों इलज़ाम धर दिए नामदेव कद तक बचेगा इस महंगाई की मार तै जद कोई ना लड़ सक्या इस इटली आली माई की सरकार तै सोमबीर नामदेव थ्याग्या = मिल गया कूके थी =रो रही थी कयाने = क्यों स्यान = अहसान करना जद = जब |
01-02-2013, 10:10 PM | #29 |
Diligent Member
|
Re: सोमबीर नामदेव की हरियाणवी रचनाएँ
मेरे हरियाणा की व्यथा
छोरे ना सै घाट किसे तै म्हारे हरियाने के पर इनने तो या यो यो आली फसल मारगी ! कद थी घाट किसे तै ये छोरी म्हारे हरियाने की बस उनने तो या अंग्रेजी आली चटर पटर मारगी ! शिक्षा बोर्ड की पढ़ाई कम ना थी म्हारे हरियाने की बस उसने तो बैरन मरजान जोगी नक़ल मारगी ! पहलवानी मंह नाम होया करदा कदे म्हारे हरियाने का बस उसने तो या बोतल में बंद सै जो वा तरल मारगी ! ना अफसर थे घाट कदे किसे तै म्हारे हरियाने के उन बेचारया नै तो रोज रोज की फेर बदल मारगी ! आयाराम गयाराम की रही राजनीती सदा म्हारे हरियानेकी सरकारां नै तो हर बार बिकाऊ नेताओ की दल बदल मारगी ! एक नै लगा दिए दूजे नै हटा दिए कर्मचारी म्हारे हरियाने मैं कर्मचारी उपर हावी रही सदा या राजनीती आली पहल मारगी ! सब जगह यो हाल होरया है '''सोमबीर नामदेव ''' हरियाने मैं (फेसबुक का ) तनै कौनसी ऐकले नै या छाप काटनिया की कलम मारगी सोमबीर '''नामदेव ''' 9321083377 |
01-02-2013, 10:27 PM | #30 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: सोमबीर नामदेव की हरियाणवी रचनाएँ
बहुत बढ़िया सोमवीरजी। जारी रखिए, किन्तु जल्दी-जल्दी। आजकल आप ईद का चांद हो रहे हैं।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
Bookmarks |
|
|