11-11-2010, 02:50 PM | #1 |
Exclusive Member
|
दोस्तों की नजर
कृप्या ध्यान रखे कि अभद्र भाषा के प्रयोग पर पाबन्दी रहेगी. हमेँ सिर्फ अपने मित्रोँ के बारे मेँ अपनी स्वतंत्र राय देनी हैँ. उनका अपमान करने का उद्देश्य नहीँ हैँ Last edited by aksh; 11-11-2010 at 03:21 PM. |
11-11-2010, 03:22 PM | #2 |
Diligent Member
Join Date: Oct 2010
Location: जयपुर (राजस्थान)
Posts: 1,366
Rep Power: 18 |
सबसे पहले मुन्ना :
मैं खुद मानता हूँ कि मैं नियम पालन और अनुशासन में कठोर हूँ लेकिन आप मेरे व्यवहार से क्या सोचते हैं ?? |
11-11-2010, 03:31 PM | #3 |
Special Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 3,421
Rep Power: 33 |
सबसे पहला व्यक्ति चुनने का अधिकार मुझे दिया है अनुज खालिद ने तो मैं चुनता हूँ इस कार्य के लिए सबसे पहले जय भैया को.
जय भैया ( भाईजी ) मजबूत पक्ष 1) कुशल नियामक २) डांट और प्यार का अनोखा संगम. ३) ज्यादातर काम प्यार से निकालने में महारत. ४) हिंदी पर बहुत ही कुशल नियंत्रण और पकड़. ५) कवि ह्रदय. ६) स्वच्छ और साफ़ सुथरी छवि. ७) कम लेकिन सार गर्भित प्रविष्टियाँ. ८) लाग लपेट कर बात ना करना. कमजोर पक्ष १) कवि ह्रदय का होना. २) अंग्रेजी भाषा को बिलकुल भी उपयोग नहीं करते. ३) कभी कभी गलतियों को ध्यान नहीं देते. ४) मजबूत पक्ष का ज्यादा होना.
__________________
|
11-11-2010, 03:33 PM | #4 |
Diligent Member
Join Date: Oct 2010
Location: जयपुर (राजस्थान)
Posts: 1,366
Rep Power: 18 |
|
11-11-2010, 03:40 PM | #5 |
Administrator
|
मेरे बारे में आप लोगो के क्या ख़यालात है...
__________________
अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
11-11-2010, 03:42 PM | #6 |
Special Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 3,421
Rep Power: 33 |
बड़े भैया ये आपका मजबूत पक्ष मिल गया मुझे. आप गलती तुरंत ही पकड़ लेते है. मेरा मतलब था कि मेरे विचार से कोई भी भाषा तब ही सम्रद्ध हो पाती है जब उसके अन्दर दूसरी भाषाओँ के प्रचलित और लोकप्रिय शब्दों को समय समय पर अपनाया जाता रहे. जैसे कि अंग्रेजी ने, जंगल, डकैत, सिपाही, लूट, गुरु, आदि को अंग्रेजी में अपनाया और इस्तेमाल किया. उसी तरह हमको भी हिंदी भाषा के क्लिष्ट शब्दों के स्थान पर कुछ शब्द अंग्रेजी जैसी भाषाओँ से भी ले लेने चाहिए. जैसे कि होटल, सेकण्ड ( द्वितीय ) थर्ड ( तृतीय ) . ये मेरे अपने निजी विचार हैं कि अगर हिंदी वो होगी जो हिंदी फिल्मों में बोली जाती है तो जल्दी से फैलेगी और फ़ैल भी रही है. कल्पना करें कि निजी जीवन में जो हिंदी हम यूज करते हैं अगर उसकी जगह क्लिष्ट हिंदी का प्रयोग करें तो कैसा लगेगा.
मुझे भी जय भैया की हिंदी पर नाज है. आपने देखा नहीं कि कवि ह्रदय होना दोनों पक्षों में लिखा है.
__________________
Last edited by aksh; 11-11-2010 at 03:50 PM. |
11-11-2010, 03:49 PM | #7 |
Special Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 3,421
Rep Power: 33 |
इस पर सूत्र के चेयर मैन श्री खालिद जी और md अक्ष शीघ्र ही फैसला सुनायेंगे. पहले जय भैया के बारे में ही चलेगा एक दिन तक. फिर एक समय पर जय भैया के बारे में विचार प्रविष्ट करना खालिद जी बंद कर देंगे तब जय भैया को एक आख़िरी प्रविष्टि करनी होगी अपने बारे में रखे गए सभी पक्षों पर अपने विचार रखते हुए. और खास तौर पर ये बताने के लिए कि वो अपने कमजोर पक्षों को कैसे मजबूत करेंगे. अभी जय भैया को कोई प्रविष्टि नहीं करनी है और ना ही किसी और के बारे में कोई राय अभी देनी है. साक्षात्कार की तरह ये भी पूरे एक दिन चलेगा. और कल के लिए मुन्ना भैया को चुन लिया गया है. उसके अगले दिन अभिषेक जी आप आयेंगे. धन्यवाद.
__________________
|
11-11-2010, 03:50 PM | #8 |
Exclusive Member
|
|
11-11-2010, 03:51 PM | #9 | |
Administrator
|
Quote:
काफी अच्छा सूत्र चालू किया है.. आपने और खालिद जी ने..
__________________
अब माई हिंदी फोरम, फेसबुक पर भी है. https://www.facebook.com/hindiforum |
|
11-11-2010, 03:54 PM | #10 |
Special Member
Join Date: Oct 2010
Posts: 3,421
Rep Power: 33 |
आपके लिए पूरी रिसर्च कमेटी लगी हुयी है. बड़े भैया ! आपके पास नौरंगा है आपके अन्दर कोई कमी हमको तो दिखाई देगी नहीं नहीं. फिर भी जैसा कि अभी एक प्रविष्टि में बताया गया है. कि आपके बारे में कल चर्चा करेंगे. और हाँ खालिद और अक्ष के बारे में कोई चर्चा नहीं ......
__________________
|
Bookmarks |
Tags |
dost, dosto ki nazar, friends, opinions, yaar |
|
|