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Old 25-10-2013, 09:56 AM   #21
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Default Re: रोचक जानकारियाँ

महीनों के नाम कैसे पड़े?
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महीने के नामों को तो हम सभी जानते हैं, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि महीनों के यह नाम कैसे पड़े एवं किसने इनका नामकरण किया। नहीं न! तो जानिए......

जनवरी : रोमन देवता 'जेनस' के नाम पर वर्ष के पहले महीने जनवरी का नामकरण हुआ। मान्यता है कि जेनस के दो चेहरे हैं। एक से वह आगे तथा दूसरे से पीछे देखता है। इसी तरह जनवरी के भी दो चेहरे हैं। एक से वह बीते हुए वर्ष को देखता है तथा दूसरे से अगले वर्ष को। जेनस को लैटिन में जैनअरिस कहा गया। जेनस जो बाद में जेनुअरी बना जो हिन्दी में जनवरी हो गया।

फरवरी : इस महीने का संबंध लेटिन के फैबरा से है। इसका अर्थ है 'शुद्धि की दावत।' पहले इसी माह में 15 तारीख को लोग शुद्धि की दावत दिया करते थे। कुछ लोग फरवरी नाम का संबंध रोम की एक देवी फेबरुएरिया से भी मानते हैं। जो संतानोत्पत्ति की देवी मानी गई है इसलिए महिलाएं इस महीने इस देवी की पूजा करती थीं ताकि वे प्रसन्न होकर उन्हें संतान होने का आशीर्वाद दें।

मार्च : रोमन देवता 'मार्स' के नाम पर मार्च महीने का नामकरण हुआ। रोमन वर्ष का प्रारंभ इसी महीने से होता था। मार्स मार्टिअस का अपभ्रंश है जो आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। सर्दियां समाप्त होने पर लोग शत्रु देश पर आक्रमण करते थे इसलिए इस महीने को मार्च नाम से पुकारा गया।

अप्रैल : इस महीने की उत्पत्ति लैटिन शब्द 'एस्पेरायर' से हुई। इसका अर्थ है खुलना। रोम में इसी माह कलियां खिलकर फूल बनती थीं अर्थात बसंत का आगमन होता था इसलिए प्रारंभ में इस माह का नाम एप्रिलिस रखा गया। इसके पश्चात वर्ष के केवल दस माह होने के कारण यह बसंत से काफी दूर होता चला गया। वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के सही भ्रमण की जानकारी से दुनिया को अवगत कराया तब वर्ष में दो महीने और जोड़कर एप्रिलिस का नाम पुनः सार्थक किया गया।

मई : रोमन देवता मरकरी की माता 'मइया' के नाम पर मई नामकरण हुआ। मई का तात्पर्य 'बड़े-बुजुर्ग रईस' हैं। मई नाम की उत्पत्ति लैटिन के मेजोरेस से भी मानी जाती है।

जून : इस महीने लोग शादी करके घर बसाते थे। इसलिए परिवार के लिए उपयोग होने वाले लैटिन शब्द जेन्स के आधार पर जून का नामकरण हुआ। एक अन्य मतानुसार जिस प्रकार हमारे यहां इंद्र को देवताओं का स्वामी माना गया है उसी प्रकार रोम में भी सबसे बड़े देवता जीयस हैं एवं उनकी पत्नी का नाम है जूनो। इसी देवी के नाम पर जून का नामकरण हुआ।

जुलाई : राजा जूलियस सीजर का जन्म एवं मृत्यु दोनों जुलाई में हुई। इसलिए इस महीने का नाम जुलाई कर दिया गया।

अगस्त : जूलियस सीजर के भतीजे आगस्टस सीजर ने अपने नाम को अमर बनाने के लिए सेक्सटिलिस का नाम बदलकर अगस्टस कर दिया जो बाद में केवल अगस्त रह गया।

सितंबर : रोम में सितंबर सैप्टेंबर कहा जाता था। सेप्टैंबर में सेप्टै लेटिन शब्द है जिसका अर्थ है सात एवं बर का अर्थ है वां यानी सेप्टैंबर का अर्थ सातवां किन्तु बाद में यह नौवां महीना बन गया।

अक्टूबर : इसे लैटिन 'आक्ट' (आठ) के आधार पर अक्टूबर या आठवां कहते थे किंतु दसवां महीना होने पर भी इसका नाम अक्टूबर ही चलता रहा।

नवंबर : नवंबर को लैटिन में पहले 'नोवेम्बर' यानी नौवां कहा गया। ग्यारहवां महीना बनने पर भी इसका नाम नहीं बदला एवं इसे नोवेम्बर से नवंबर कहा जाने लगा।

दिसंबर : इसी प्रकार लैटिन डेसेम के आधार पर दिसंबर महीने को डेसेंबर कहा गया। वर्ष का 12वां महीना बनने पर भी इसका नाम नहीं बदला।
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Old 25-10-2013, 09:57 AM   #22
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कुछ जानकारियां पक्षियों के बारे में
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- पक्षियों के कंकाल का भार उनके पंखों से कम होता है।

- एक मुर्गे के शरीर में 75 प्रतिशत पानी होता है।

- शुतुरमुर्ग की आंख का आकार उसके दिमाग से बड़ा होता है।

- शुतुरमुर्ग के अंडे का भार साढ़े तीन पाउंड होता है।

- कोकाटूस और मकाऊ सबसे बड़े तोते हैं ये 75 साल तक जीते हैं।

- *विश्वभर में तोते की 328 प्रजातियां पाई जाती हैं।

- चॉकलेट्स तोते के लिए जहर समान होती हैं।

- हमिंग बर्ड अकेली ऐसी पक्ष*ी है जो विपरीत दिशा में उड़ सकती है।

- हमिंग बर्ड का दिल एक मिनिट में 615 बार धड़कता है।

- उल्लुओं के दांत नहीं होते हैं।

- मादा उल्लू नर उल्लू से आकार और भार में बड़ी होती है।

- बाज के पंख एक हवाई जहाज के पंख से ज्यादा शक्तिशाली होते हैं।

- उत्तेजित होने पर टर्कि अपने सिर का रंग बदलती है।

- कबूतर पराबैंगनी किरणों को देखने में सक्षम हैं।

- हम सामान्यत: पक्षियों के झुंड को वी अक्षर के आकार में उड़ते हुए देखते हैं। ऐसा करने से उन्हें ऊर्जा बचाने में सहायता मिलती है।

- कीवी विश्व का अकेला ऐसा पक्ष*ी है जिसके पंख नहीं होते।

- आर्कियोप्टेरिक्स सबसे पुराना पक्ष*ी है।

- ऑस्ट्रेलियाई पेलिकन की चोंच सारे पक्षियों में सबसे बड़ी है।

- बाज की नजर बहुत पैनी होती है, वह 1 मील की ऊंचाई से चूहे की स्थिति को सही-सही देख सकता है।

- कौवे अन्य जंतुओं की आवाज की नकल करने में सक्षम होते हैं।

- सूटी टर्न ऐसा पक्ष*ी है जो लगातार 3-4 घंटे उड़ सकता है।
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मानवाधिकार घोषणा पत्र
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कोई मनुष्य किसी का दास नहीं है
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सभी मनुष्य अपने अधिकारों के लिए जन्मजात स्वतंत्र और समान हैं। घोषणापत्र में निर्धारित मानवाधिकार हर नस्ल, राष्ट्रीयता, धर्म और वर्ग के व्यक्ति के लिए समान हैं।

* हर मनुष्य को जीवनयापन करने, स्वतंत्र रहने और अपनी रक्षा करने का अधिकार है।
* कोई भी मनुष्य किसी अन्य व्यक्ति का दास नहीं है।
* किसी व्यक्ति को प्रताडि़त करना या उससे क्रूरतापूर्ण व्यवहार करना उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
* किसी भी व्यक्ति को बगैर किसी कारण गिरफ्*तार नहीं किया जा सकेगा।

* हर व्यक्ति को न्यायालय की शरण में जाने का अधिकार है।
* कोई भी व्यक्ति आरोप सिद्ध होने तक अपराधी नहीं माना जा सकता।
किसी भी व्यक्ति की निजता के साथ मनमानीपूर्वक खिलवाड़ नहीं किया जा सकता।
* हर व्यक्ति को अपने राज्य की सीमाओं के भीतर आवास बनाने या अन्यत्र जाने का अधिकार है।
* सभी को विदेश जाने या लौटकर अपने देश आने का अधिकार है।

* प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्रीयता का अधिकार है। किसी को भी उसकी राष्ट्रीयता से वंचित नहीं किया जा सकता।
* पुरुषों और महिलाओं को विवाह करने और अपना परिवार बनाने का अधिकार है। हर महिला के मातृत्व के अधिकार की रक्षा जरूरी है, चाहे उसकी संतान की उत्पत्ति विवाह संबंधों से हुई हो या नहीं।
* परिवार समाज की बुनियादी इकाई हैं। उन्हेंसमाज और राज्य से सुरक्षा प्राप्त करने का अधिकार है।
* सभी को संपत्ति रखने का हक है। किसी को भी मनमानीपूर्वक उसकी संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता।

* सभी को निजी विचार और धार्मिक आस्था की स्वतंत्रता है।
* सभी को अपने देश की सरकार में सहभागिता करने का हक है।
* सभी को काम और आराम करने का अधिकार है।

(वर्ष 1948 में जारी किए गए अंतरराष्ट्रीय घोषणा पत्र के अंश)
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Old 25-10-2013, 09:57 AM   #24
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भारत के बारे में रोचक तथ्*य
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भारत ने अपने आखिरी 100000 वर्षों के इतिहास में किसी भी देश पर हमला नहीं किया है।

जब कई संस्कृतियों में 5000 साल पहले घुमंतू वनवासी थे, तब भारतीयों ने सिंधु घाटी (सिंधु घाटी सभ्यता) में हड़प्पा संस्कृति की स्थापना की।

भारत का अंग्रेजी में नाम ‘इंडिया’ इं*डस नदी से बना है, जिसके आस पास की घाटी में आरंभिक सभ्*यताएं निवास करती थी। आर्य पूजकों में इस इंडस नदी को सिंधु कहा।

ईरान से आए आक्रमणकारियों ने सिंधु को हिंदु की तरह प्रयोग किया। ‘हिंदुस्तान’ नाम सिंधु और हिंदु का संयोजन है, जो कि हिंदुओं की भूमि के संदर्भ में प्रयुक्त होता है।

शतरंज की खोज भारत में की गई थी।

बीज गणित, त्रिकोण मिति और कलन का अध्*ययन भारत में ही आरंभ हुआ था।

‘स्*थान मूल्*य प्रणाली’ और ‘दशमलव प्रणाली’ का विकास भारत में 100 बी सी में हुआ था।

विश्*व का प्रथम ग्रेनाइट मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में बृहदेश्*वर मंदिर है। इस मंदिर के शिखर ग्रेनाइट के 80 टन के टुकड़ों से बने हैं। यह भव्*य मंदिर राजाराज चोल के राज्*य के दौरान केवल 5 वर्ष की अवधि में (1004 ए डी और 1009 ए डी के दौरान) निर्मित किया गया था।

भारत विश्*व का सबसे बड़ा लोकतंत्र और विश्*व का सातवां सबसे बड़ा देश तथा प्राचीन सभ्*यताओं में से एक है।

सांप सीढ़ी का खेल तेरहवीं शताब्*दी में कवि संत ज्ञान देव द्वारा तैयार किया गया था इसे मूल रूप से मोक्षपट कहते थे। इस खेल में सीढियां वरदानों का प्रतिनिधित्*व करती थीं जबकि सांप अवगुणों को दर्शाते थे। इस खेल को कौडियों तथा पांसे के साथ खेला जाता था। आगे चल कर इस खेल में कई बदलाव किए गए, परन्*तु इसका अर्थ वहीं रहा अर्थात अच्*छे काम लोगों को स्*वर्ग की ओर ले जाते हैं जबकि बुरे काम दोबारा जन्*म के चक्र में डाल देते हैं।

दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट का मैदान हिमाचल प्रदेश के चायल नामक स्*थान पर है। इसे समुद्री सतह से 2444 मीटर की ऊंचाई पर भूमि को समतल बना कर 1893 में तैयार किया गया था।

भारत में विश्*व भर से सबसे अधिक संख्*या में डाक खाने स्थित हैं।

भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा नियोक्ता है। यह दस लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है।

विश्*व का सबसे प्रथम विश्*वविद्यालय 700 बी सी में तक्षशिला में स्*थापित किया गया था। इसमें 60 से अधिक विषयों में 10,500 से अधिक छात्र दुनियाभर से आकर अध्*ययन करते थे। नालंदा विश्*वविद्यालय चौथी शताब्*दी में स्*थापित किया गया था जो शिक्षा के क्षेत्र में प्राचीन भारत की महानतम उपलब्धियों में से एक है।

आयुर्वेद मानव जाति के लिए ज्ञात सबसे आरंभिक चिकित्*सा शाखा है। शाखा विज्ञान के जनक माने जाने वाले चरक में 2500 वर्ष पहले आयुर्वेद का समेकन किया था।

भारत 17वीं शताब्*दी के आरंभ तक ब्रिटिश राज्*य आने से पहले सबसे सम्*पन्*न देश था। क्रिस्*टोफर कोलम्*बस भारत की सम्*पन्*नता से आकर्षित हो कर भारत आने का समुद्री मार्ग खोजने चला और उसने गलती से अमेरिका को खोज लिया।

नौवहन की कला और नौवहन का जन्*म 6000 वर्ष पहले सिंध नदी में हुआ था। दुनिया का सबसे पहला नौवहन संस्*कृ*त शब्*द नव गति से उत्*पन्*न हुआ है। शब्*द नौ सेना भी संस्*कृत शब्*द नोउ से हुआ।

भास्*कराचार्य ने खगोल शास्*त्र के कई सौ साल पहले पृथ्*वी द्वारा सूर्य के चारों ओर चक्*कर लगाने में लगने वाले सही समय की गणना की थी। उनकी गणना के अनुसार सूर्य की परिक्रमा में पृथ्*वी को 365.258756484 दिन का समय लगता है।

भारतीय गणितज्ञ बुधायन द्वारा ‘पाई’ का मूल्*य ज्ञात किया गया था और उन्*होंने जिस संकल्*पना को समझाया उसे पाइथागोरस का प्रमेय करते हैं। उन्*होंने इसकी खोज छठवीं शताब्*दी में की, जो यूरोपीय गणितज्ञों से काफी पहले की गई थी।

बीज गणित, त्रिकोण मिति और कलन का उद्भव भी भारत में हुआ था। चतुष्*पद समीकरण का उपयोग 11वीं शताब्*दी में श्री धराचार्य द्वारा किया गया था। ग्रीक तथा रोमनों द्वारा उपयोग की गई की सबसे बड़ी संख्*या 106 थी जबकि हिन्*दुओं ने 10*53 जितने बड़े अंकों का उपयोग (अर्थात 10 की घात 53), के साथ विशिष्*ट नाम 5000 बीसी के दौरान किया। आज भी उपयोग की जाने वाली सबसे बड़ी संख्*या टेरा: 10*12 (10 की घात12) है।

वर्ष 1896 तक भारत विश्*व में हीरे का एक मात्र स्रोत था।
(स्रोत: जेमोलॉजिकल इंस्*टी*ट्यूट ऑफ अमेरिका)

बेलीपुल विश्*व* में सबसे ऊंचा पुल है। यह हिमाचल पर्वत में द्रास और सुरु नदियों के बीच लद्दाख घाटी में स्थित है। इसका निर्माण अगस्*त 1982 में भारतीय सेना द्वारा किया गया था।

सुश्रुत को शल्*य चिकित्*सा का जनक माना जाता है। लगभग 2600 वर्ष पहले सुश्रुत और उनके सहयोगियों ने मोतियाबिंद, कृत्रिम अंगों को लगना, शल्*य क्रिया द्वारा प्रसव, अस्थिभंग जोड़ना, मूत्राशय की पथरी, प्*लास्टिक सर्जरी और मस्तिष्*क की शल्*य क्रियाएं आदि की।

निश्*चेतक का उपयोग भारतीय प्राचीन चिकित्*सा विज्ञान में भली भांति ज्ञात था। शारीरिकी, भ्रूण विज्ञान, पाचन, चयापचय, शरीर क्रिया विज्ञान, इटियोलॉजी, आनुवांशिकी और प्रतिरक्षा विज्ञान आदि विषय भी प्राचीन भारतीय ग्रंथों में पाए जाते हैं।

भारत से 90 देशों को सॉफ्टवेयर का निर्यात किया जाता है।

भारत में 4 धर्मों का जन्*म हुआ – हिन्*दु, बौद्ध, जैन और सिक्*ख धर्म और जिनका पालन दुनिया की आबादी का 25 प्रतिशत हिस्*सा करता है।

जैन धर्म और बौद्ध धर्म की स्*थापना भारत में क्रमश: 600 बी सी और 500 बी सी में हुई थी।

इस्*लाम भारत का और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है।

भारत में 3,00,000 मस्जिदें हैं जो किसी अन्*य देश से अधिक हैं, यहां तक कि मुस्लिम देशों से भी अधिक।

भारत में सबसे पुराना यूरोपियन चर्च और सिनागोग कोचीन शहर में है।
इनका निर्माण क्रमश: 1503 और 1568 में किया गया था।

ज्*यू और ईसाई व्*यक्ति भारत में क्रमश: 200 बी सी और 52 ए डी से निवास करते हैं।

विश्*व में सबसे बड़ा धार्मिक भवन अंगकोरवाट, हिन्*दु मंदिर है जो कम्*बोडिया में 11वीं शताब्*दी के दौरान बनाया गया था।

तिरुपति शहर में बना विष्*णु मंदिर 10वीं शताब्*दी के दौरान बनाया गया था, यह विश्*व का सबसे बड़ा धार्मिक गंतव्*य है। रोम या मक्*का धार्मिक स्*थलों से भी बड़े इस स्*थान पर प्रतिदिन औसतन 30 हजार श्रद्धालु आते हैं और लगभग 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रति दिन चढ़ावा आता है।

सिक्*ख धर्म का उद्भव पंजाब के पवित्र शहर अमृतसर में हुआ था। यहां प्रसिद्ध स्*वर्ण मंदिर की स्*थापना 1577 में गई थी।

वाराणसी, जिसे बनारस के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन शहर है जब भगवान बुद्ध ने 500 बी सी में यहां आगमन किया और यह आज विश्*व का सबसे पुराना और निरंतर आगे बढ़ने वाला शहर है।

भारत द्वारा श्रीलंका, तिब्*बत, भूटान, अफगानिस्*तान और बांग्*लादेश के 3,00,000 से अधिक शरणार्थियों को सुरक्षा दी जाती है, जो धार्मिक और राजनैतिक अभियोजन के फलस्*वरूप वहां से निकल गए हैं।

माननीय दलाई लामा तिब्*बती बौद्ध धर्म के निर्वासित धार्मिक नेता है, जो उत्तरी भारत के धर्मशाला में अपने निर्वासन में रह रहे हैं।

युद्ध कलाओं का विकास सबसे पहले भारत में किया गया और ये बौद्ध धर्म प्रचारकों द्वारा पूरे एशिया में फैलाई गई।

योग कला का उद्भव भारत में हुआ है और यह 5,000 वर्ष से अधिक समय से मौजूद है।
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भारत के बारे में रोचक तथ्य
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भारत ने अपने आखिरी 100000 वर्षों के इतिहास में किसी भी देश पर हमला नहीं किया है।

जब कई संस्कृतियों में 5000 साल पहले घुमंतू वनवासी थे, तब भारतीयों ने सिंधु घाटी (सिंधु घाटी सभ्यता) में हड़प्पा संस्कृति की स्थापना की।

भारत का अंग्रेजी में नाम ‘इंडिया’ इंडस नदी से बना है, जिसके आस पास की घाटी में आरंभिक सभ्यताएं निवास करती थी। आर्य पूजकों में इस इंडस नदी को सिंधु कहा।

ईरान से आए आक्रमणकारियों ने सिंधु को हिंदु की तरह प्रयोग किया। ‘हिंदुस्तान’ नाम सिंधु और हिंदु का संयोजन है, जो कि हिंदुओं की भूमि के संदर्भ में प्रयुक्त होता है।

शतरंज की खोज भारत में की गई थी।

बीज गणित, त्रिकोण मिति और कलन का अध्ययन भारत में ही आरंभ हुआ था।

‘स्थान मूल्य प्रणाली’ और ‘दशमलव प्रणाली’ का विकास भारत में 100 बी सी में हुआ था।

विश्व का प्रथम ग्रेनाइट मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में बृहदेश्वर मंदिर है। इस मंदिर के शिखर ग्रेनाइट के 80 टन के टुकड़ों से बने हैं। यह भव्य मंदिर राजाराज चोल के राज्य के दौरान केवल 5 वर्ष की अवधि में (1004 ए डी और 1009 ए डी के दौरान) निर्मित किया गया था।

भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र और विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश तथा प्राचीन सभ्यताओं में से एक है।

सांप सीढ़ी का खेल तेरहवीं शताब्दी में कवि संत ज्ञान देव द्वारा तैयार किया गया था इसे मूल रूप से मोक्षपट कहते थे। इस खेल में सीढियां वरदानों का प्रतिनिधित्व करती थीं जबकि सांप अवगुणों को दर्शाते थे। इस खेल को कौडियों तथा पांसे के साथ खेला जाता था। आगे चल कर इस खेल में कई बदलाव किए गए, परन्तु इसका अर्थ वहीं रहा अर्थात अच्छे काम लोगों को स्वर्ग की ओर ले जाते हैं जबकि बुरे काम दोबारा जन्म के चक्र में डाल देते हैं।

दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट का मैदान हिमाचल प्रदेश के चायल नामक स्थान पर है। इसे समुद्री सतह से 2444 मीटर की ऊंचाई पर भूमि को समतल बना कर 1893 में तैयार किया गया था।

भारत में विश्व भर से सबसे अधिक संख्या में डाक खाने स्थित हैं।

भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा नियोक्ता है। यह दस लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है।

विश्व का सबसे प्रथम विश्वविद्यालय 700 बी सी में तक्षशिला में स्थापित किया गया था। इसमें 60 से अधिक विषयों में 10,500 से अधिक छात्र दुनियाभर से आकर अध्ययन करते थे। नालंदा विश्वविद्यालय चौथी शताब्दी में स्थापित किया गया था जो शिक्षा के क्षेत्र में प्राचीन भारत की महानतम उपलब्धियों में से एक है।

आयुर्वेद मानव जाति के लिए ज्ञात सबसे आरंभिक चिकित्सा शाखा है। शाखा विज्ञान के जनक माने जाने वाले चरक में 2500 वर्ष पहले आयुर्वेद का समेकन किया था।

भारत 17वीं शताब्दी के आरंभ तक ब्रिटिश राज्य आने से पहले सबसे सम्पन्न देश था। क्रिस्टोफर कोलम्बस भारत की सम्पन्नता से आकर्षित हो कर भारत आने का समुद्री मार्ग खोजने चला और उसने गलती से अमेरिका को खोज लिया।

नौवहन की कला और नौवहन का जन्म 6000 वर्ष पहले सिंध नदी में हुआ था। दुनिया का सबसे पहला नौवहन संस्कृत शब्द नव गति से उत्पन्न हुआ है। शब्द नौ सेना भी संस्कृत शब्द नोउ से हुआ।

भास्कराचार्य ने खगोल शास्त्र के कई सौ साल पहले पृथ्वी द्वारा सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने में लगने वाले सही समय की गणना की थी। उनकी गणना के अनुसार सूर्य की परिक्रमा में पृथ्वी को 365.258756484 दिन का समय लगता है।

भारतीय गणितज्ञ बुधायन द्वारा ‘पाई’ का मूल्य ज्ञात किया गया था और उन्होंने जिस संकल्पना को समझाया उसे पाइथागोरस का प्रमेय करते हैं। उन्होंने इसकी खोज छठवीं शताब्दी में की, जो यूरोपीय गणितज्ञों से काफी पहले की गई थी।

बीज गणित, त्रिकोण मिति और कलन का उद्भव भी भारत में हुआ था। चतुष्पद समीकरण का उपयोग 11वीं शताब्दी में श्री धराचार्य द्वारा किया गया था। ग्रीक तथा रोमनों द्वारा उपयोग की गई की सबसे बड़ी संख्या 106 थी जबकि हिन्दुओं ने 10*53 जितने बड़े अंकों का उपयोग (अर्थात 10 की घात 53), के साथ विशिष्ट नाम 5000 बीसी के दौरान किया। आज भी उपयोग की जाने वाली सबसे बड़ी संख्या टेरा: 10*12 (10 की घात12) है।

वर्ष 1896 तक भारत विश्व में हीरे का एक मात्र स्रोत था।
(स्रोत: जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका)

बेलीपुल विश्व में सबसे ऊंचा पुल है। यह हिमाचल पर्वत में द्रास और सुरु नदियों के बीच लद्दाख घाटी में स्थित है। इसका निर्माण अगस्त 1982 में भारतीय सेना द्वारा किया गया था।

सुश्रुत को शल्य चिकित्सा का जनक माना जाता है। लगभग 2600 वर्ष पहले सुश्रुत और उनके सहयोगियों ने मोतियाबिंद, कृत्रिम अंगों को लगना, शल्य क्रिया द्वारा प्रसव, अस्थिभंग जोड़ना, मूत्राशय की पथरी, प्लास्टिक सर्जरी और मस्तिष्क की शल्य क्रियाएं आदि की।

निश्चेतक का उपयोग भारतीय प्राचीन चिकित्सा विज्ञान में भली भांति ज्ञात था। शारीरिकी, भ्रूण विज्ञान, पाचन, चयापचय, शरीर क्रिया विज्ञान, इटियोलॉजी, आनुवांशिकी और प्रतिरक्षा विज्ञान आदि विषय भी प्राचीन भारतीय ग्रंथों में पाए जाते हैं।

भारत से 90 देशों को सॉफ्टवेयर का निर्यात किया जाता है।

भारत में 4 धर्मों का जन्म हुआ – हिन्दु, बौद्ध, जैन और सिक्ख धर्म और जिनका पालन दुनिया की आबादी का 25 प्रतिशत हिस्सा करता है।

जैन धर्म और बौद्ध धर्म की स्थापना भारत में क्रमश: 600 बी सी और 500 बी सी में हुई थी।

इस्लाम भारत का और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है।

भारत में 3,00,000 मस्जिदें हैं जो किसी अन्य देश से अधिक हैं, यहां तक कि मुस्लिम देशों से भी अधिक।

भारत में सबसे पुराना यूरोपियन चर्च और सिनागोग कोचीन शहर में है।
इनका निर्माण क्रमश: 1503 और 1568 में किया गया था।

ज्यू और ईसाई व्यक्ति भारत में क्रमश: 200 बी सी और 52 ए डी से निवास करते हैं।

विश्व में सबसे बड़ा धार्मिक भवन अंगकोरवाट, हिन्दु मंदिर है जो कम्बोडिया में 11वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था।

तिरुपति शहर में बना विष्णु मंदिर 10वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था, यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक गंतव्य है। रोम या मक्का धार्मिक स्थलों से भी बड़े इस स्थान पर प्रतिदिन औसतन 30 हजार श्रद्धालु आते हैं और लगभग 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रति दिन चढ़ावा आता है।

सिक्ख धर्म का उद्भव पंजाब के पवित्र शहर अमृतसर में हुआ था। यहां प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर की स्थापना 1577 में गई थी।

वाराणसी, जिसे बनारस के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन शहर है जब भगवान बुद्ध ने 500 बी सी में यहां आगमन किया और यह आज विश्व का सबसे पुराना और निरंतर आगे बढ़ने वाला शहर है।

भारत द्वारा श्रीलंका, तिब्बत, भूटान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के 3,00,000 से अधिक शरणार्थियों को सुरक्षा दी जाती है, जो धार्मिक और राजनैतिक अभियोजन के फलस्वरूप वहां से निकल गए हैं।

माननीय दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धर्म के निर्वासित धार्मिक नेता है, जो उत्तरी भारत के धर्मशाला में अपने निर्वासन में रह रहे हैं।

युद्ध कलाओं का विकास सबसे पहले भारत में किया गया और ये बौद्ध धर्म प्रचारकों द्वारा पूरे एशिया में फैलाई गई।

योग कला का उद्भव भारत में हुआ है और यह 5,000 वर्ष से अधिक समय से मौजूद है।
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100 साल से लगातार जल रहा है यह अनोखा बल्ब
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लंदन। ब्रिटेन में 230 वोल्ट और 55 वाट का डीसी ओसराम बल्ब पिछले सौ साल से रोशनी दे रहा है। उसने एक हजार घंटे तक रोशनी देने की किसी बल्ब की क्षमता को कहीं पीछे छोड़ दिया है। टाईटेनिक जहाज के डूबने के कुछ ही महीने बाद 1912 में यह बल्ब बना था।

द सन में प्रकाशित खबर के मुताबिक रोजर डायबॉल (74) ने इस बल्ब के बारे में बताया कि सफोल्क के लोवस्टोफ स्थित उनके घर के बरामदे में यह बल्ब अभी तक रोशनी दे रहा है। जब 45 साल पहले वह इस मकान में आये थे तब भी यह वहां लगा था। डायबॉल उत्तरी लंदन में वेम्बले में बने इस बल्ब से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने इसके सीरियल नम्बर और अन्य व्योरे के साथ कम्पनी ओसराम-जीईसी के लंदन स्थित मुख्यालय को पत्र लिखा।

चिट्ठी के जवाब में कंपनी ने 1968 में बताया कि इस बल्ब का निर्माण जुलाई 1912 में हुआ था। उनको ऐसी उम्मीद है कि यह बल्ब ऐसे ही जलता रहेगा। ऐसा कहा जाता है कि सामान्यता एक बल्ब 1000 घंटे जलने के बाद फ्यूज हो जाते है। इस बल्ब ने तकनीकि रूप से सारी अवधारणाओं को पीछे छोड़ दिया है। इससे पहले मार्गेट केंट नामक स्थान पर ब्रिटेन में सबसे अधिक समय तक जलने वाले बल्ब का पता चला था। ऐसा अनुमान है कि थॉमस अल्वा एडीसन के बिजली का आविष्कार करने के बाद इसको बनाया गया था।
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फोन करते समय क्यों कहते हैं हैलो....
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हम किसी को फोन करने पर हैलो ही क्यों कहते हैं ? हम चाहे फोन रिसीव करें या कॉल करें। हमारा सबसे पहला शब्द होता है हैलो। आखिर हम इसी शब्द का इस्तेमाल क्यों करते हैं? अगर ये कहा जाय कि यह किसी का नाम है तो आप सोंच में पड़ जायेंगे। जी हां, यह नाम था वैज्ञानिक ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का। जिसका पूरा नाम मारग्रेट हैलो था। ग्राहम बेल जिसे प्यार से हैलो कहते थे।

ग्राहम बेल ने टेलीफोन का आविष्कार किया था। वह जब भी अपनी गर्लफ्रेंड को फोन करते तो उसे हैलो कहते थे तब से यह शब्द प्रचलित हो गया। वैसे यह भी खूब है कि लोग भले ही यह न जानते हों कि टेलीफोन का आविष्कार किसने किया लेकिन हैलो को तो जानते ही हैं। पूरी दुनिया में जब भी कोई किसी को फोन करता है तो उसे हैलो से ही अपनी बात शुरू करनी होती है।

आपको यह भी बता दें कि वैज्ञानिक एलेक्जेंडर ग्राहम बेल ने ही 'मेटल डिटेक्टर' का आविष्कार भी किया था। जिसे आज सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है।
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तनोट माता मंदिर (जैसलमेर) - जहा पाकिस्तान के गिराए 3000 बम हुए थे बेअसर
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तनोट माता का मंदिर जैसलमेर से करीब 130 किलो मीटर दूर भारत - पाकिस्तान बॉर्डर के निकट स्थित है। यह मंदिर लगभग 1200 साल पुराना है। वैसे तो यह मंदिर सदैव ही आस्था का केंद्र रहा है पर 1965 कि भारत - पाकिस्तान लड़ाई के बाद यह मंदिर देश - विदेश में अपने चमत्कारों के लिए प्रशिद्ध हो गया।
1965 कि लड़ाई में पाकिस्तानी सेना कि तरफ से गिराए गए करीब 3000 बम भी इस मंदिर पर खरोच तक नहीं ला सके, यहाँ तक कि मंदिर परिसर में गिरे 450 बम तो फटे तक नहीं। ये बम अब मंदिर परिसर में बने एक संग्रहालय में भक्तो के दर्शन के लिए रखे हुए है।

1965 कि लड़ाई के बाद इस मंदिर का जिम्मा सीमा सुरक्षा बल ( BSF ) ने ले लिया और यहाँ अपनी एक चोकी भी बना ली।
इतना ही नहीं एक बार फिर 4 दिसंबर 1971 कि रात को पंजाब रेजिमेंट और सीमा सुरक्षा बल कि एक कंपनी ने माँ कि कृपा से लोंगेवाला में पाकिस्तान कि पूरी टैंक रेजिमेंट को धूल चटा दी थी और लोंगेवाला को पाकिस्तानी टैंको का कब्रिस्तान बना दिया था। लोंगेवाला भी तनोट माता के पास ही है।
लोंगेवाला कि विजय के बाद मंदिर परिदसर में एक विजय स्तंभ का निर्माण किया गया जहा अब हर वर्ष 16 दिसंबर को सैनिको कि याद में उत्सव मनाया जाता है।

तनोट माता को आवड माता के नाम से भी जाना जाता है तथा यह हिंगलाज माता का ही एक रूप है। हिंगलाज माता का शक्तिपीठ पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है। हर वर्ष आश्विन और चैत्र नवरात्र में यहाँ विशाल मेले का आयोजन किया जाता है।

इतिहास :- बहुत पहले मामडि़या नाम के एक चारण थे। उनकी कोई संतान नहीं थी। संतान प्राप्त करने की लालसा में उन्होंने हिंगलाज शक्तिपीठ की सात बार पैदल यात्रा की। एक बार माता ने स्वप्न में आकर उनकी इच्छा पूछी तो चारण ने कहा कि आप मेरे यहाँ जन्म लें।

माता कि कृपा से चारण के यहाँ 7 पुत्रियों और एक पुत्र ने जन्म लिया। उन्हीं सात पुत्रियों में से एक आवड़ ने विक्रम संवत 808 में चारण के यहाँ जन्म लिया और अपने चमत्कार दिखाना शुरू किया। सातों पुत्रियाँ देवीय चमत्कारों से युक्त थी। उन्होंने हूणों के आक्रमण से माड़ प्रदेश की रक्षा की।

काँस्टेबल कालिकांत सिन्हा जो तनोट चौकी पर पिछले चार साल से पदस्थ हैं कहते हैं कि माता बहुत शक्तिशाली है और मेरी हर मनोकामना पूर्ण करती है। हमारे सिर पर हमेशा माता की कृपा बनी रहती है। दुश्मन हमारा बाल भी बाँका नहीं कर सकता है।
माड़ प्रदेश में आवड़ माता की कृपा से भाटी राजपूतों का सुदृढ़ राज्य स्थापित हो गया। राजा तणुराव भाटी ने इस स्थान को अपनी राजधानी बनाया और आवड़ माता को स्वर्ण सिंहासन भेंट किया। विक्रम संवत 828 ईस्वी में आवड़ माता ने अपने भौतिक शरीर के रहते हुए यहाँ अपनी स्थापना की।


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