30-12-2012, 09:49 AM | #1 |
Diligent Member
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माफ़ कर मेरे खुदा तुझसे भरोसा उठ गया
मासूम सी एक कली को शैतान दरिंदों ने लूटा
माफ़ कर मेरे खुदा तुझसे भरोसा उठ गया ! माली ने सींचा था जिस बाग़ को अपने पसीने से आकर अचानक से उसे हैवान परिंदा लूट गया !! जिस भरोसे पर भेजते थे बेटियों को घर से बाहर माफ़ कीजिये वो भरोसा भी आज पीछे छुट गया !!! देखे थे सपने जिन्दगी के हरपल जागती आँखों से भाग्य उसको क्यूं जाने उसका रूठ गया !!!! सोमबीर ''नामदेव '' |
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