03-02-2013, 08:18 PM | #1 |
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पसंदीदा शेर/ मुक्तक/ कविता/ गजल/ या पद
अपनी जगह चमकता हुआ आफ़ताब है। नाहक ख़याल करते हो दुनिया की बात का, तुम को ख़राब जो कहे वो खुद ख़राब है। -बशीर बद्र
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
03-02-2013, 08:19 PM | #2 |
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Re: पसंदीदा शेर/ मुक्तक/ कविता/ गजल/ या पद
मगर ये हो ना सका और अब ये आलम है,
कि तू नहीं, तेरा ग़म ,तेरी जुस्तजू भी नहीं। गुज़र रही है कुछ इस तरह ज़िंदगी जैसे, इसे किसी के सहारे की आरज़ू भी नहीं।
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03-02-2013, 08:21 PM | #3 |
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Re: पसंदीदा शेर/ मुक्तक/ कविता/ गजल/ या पद
कहूँ कुछ उससे मगर ख़याल होता है
शिकायतों का नतीजा अक्सर मलाल होता है -परवीन शाकिर
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03-02-2013, 08:22 PM | #4 |
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Re: पसंदीदा शेर/ मुक्तक/ कविता/ गजल/ या पद
भाव कुंद कर दे वो पैमाना न दरमियान रख।
मेरे ख्यालों की बस ऊंची उड़ान रख। दिल से दिल का कोई फासला न हो, कुछ इस सलीके से गीता और कुरान रख। बहुत हुई महलों की फिक्र, छोड़ दे, बेघरों के हिस्से में भी कोई मकान रख। -मुनव्वर राना
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03-02-2013, 08:36 PM | #5 |
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Re: पसंदीदा शेर/ मुक्तक/ कविता/ गजल/ या पद
जिनके आँगन में अमीरी का शज़र लगता है,
उसका हर ऐब ज़माने को हुनर लगता है -अंजुम रहबर
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03-02-2013, 08:37 PM | #6 |
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Re: पसंदीदा शेर/ मुक्तक/ कविता/ गजल/ या पद
सच बात मान लीजिये चेहरे पे धूल है
इल्ज़ाम आइनों पे लगाना फ़िज़ूल है -अंजुम रहबर
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03-02-2013, 08:38 PM | #7 |
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Re: पसंदीदा शेर/ मुक्तक/ कविता/ गजल/ या पद
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ख़ुदा महफूज़ रखें आपको तीनों बलाओं से, वकीलों से, हक़ीमों से, हसीनों की निगाहों से। -अकबर इलाहाबादी
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03-02-2013, 08:39 PM | #8 |
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Re: पसंदीदा शेर/ मुक्तक/ कविता/ गजल/ या पद
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हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता -अकबर इलाहाबादी.
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03-02-2013, 08:42 PM | #9 |
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Re: पसंदीदा शेर/ मुक्तक/ कविता/ गजल/ या पद
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हर एक शय और महंगी और महंगी होती जा रही है, बस एक ख़ूने-बशर है जिसकी अर्ज़ानी नहीं जाती। -अली सरदार जाफ़री [(शय = वस्तु, चीज), (ख़ूने-बशर = आदमी/ इंसान का खून), (अर्ज़ानी = सस्तापन)]
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03-02-2013, 08:45 PM | #10 |
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Re: पसंदीदा शेर/ मुक्तक/ कविता/ गजल/ या पद
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आपसे झुक के जो मिलता होगा, उसका क़द आपसे ऊँचा होगा -अहमद नसीम क़ासमी
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