30-07-2022, 10:28 AM | #1 |
Diligent Member
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नेता बनि के आवे मच्छर
■■■■■■■■■■■ सबके नींद उड़ावे मच्छर भन भन गीत सुनावे मच्छर नाम पता बिन पुछले भाई सबके सुई लगावे मच्छर लहू लोग के चूसे खातिर नेता बनि के आवे मच्छर लागेला मरिचा छापल बा जहवाँ टोंड़ गड़ावे मच्छर घन्टन भर खजुवात रहेला जहवें लार गिरावे मच्छर बेमारी के वर्कर हउवे गाँव-नगर में धावे मच्छर डाक्टर लो के चानी हो जा जब डेंगू फइलावे मच्छर चिटकी भर के बाटे बाकिर सौ लइका जनमावे मच्छर जाति धरम 'आकाश' न देखे सबके देहिं फुलावे मच्छर ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी दिनांक- 29/07/2022 ■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274309 मो- 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 02-08-2022 at 09:54 PM. |
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