26-07-2015, 03:14 PM | #1 |
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राष्ट्रविरोधी किसे समझा जाए
आज कल मै उग्र दलों के तर्कों को समझ नहीं पा रहा हु.कृपया मदद करे.आज कल राष्ट्रवाद का प्रचार इतना ज्यादा हो रहा है जैसे की इसे कितना खतरा हो गया हो .क्या राष्ट्रवाद सही चीज़ है या भारतवाद .बचपन में मैंने एक गाना सुना था , एक बंटे दो दो बंटे चार छोटी छोटी बातो पर बट गया संसार, इसका अर्थ मेरे बड़े ये बताते थे की कैसे देश की सीमाए बन गई ये इसी का विरोध है.देखा जाए तो ये तो राष्ट्रवाद का विरोध हुआ तो क्या उस संगीतकार को जेल में डालना चाहिए.
जब राष्ट्र बन्ने को गलत कहा जा रहा है तो इन लोगो को जेल में क्यों नहीं डाला गया . जिसे देखो, खासकर भाजपा दल, राष्ट्रवाद के प्रचार में लगा है, भारत कम सुने पड़ता है राष्ट्रवाद ज्यादा.क्या राष्ट्रवाद इतना जरूरी है, इसकी क्या आवश्यकताए होती है?जमीन बाँटने से ज्यादा कोई आवश्यकता है इसकी?अगर इतने हो हल्ले की जरूरत नहीं तो राष्ट्रवाद का प्रचार क्यों हो रहा है, क्या इनकी बिक्री कम हो गई है? Last edited by manishsqrt; 28-07-2015 at 03:24 PM. |
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