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Old 10-01-2011, 08:34 AM   #31
VIDROHI NAYAK
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Default Re: शाकाहार या मांसाहार?

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Originally Posted by yuvraj View Post
सबसे पहली बात शत्रुभाव किसी से भी न रखा जाये और पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों के प्रति समानभाव रखा जाये/
युवराज जी शत्रुभाव आपके शब्दों में है ! वैसे शत्रुभाव तो किसी से नही होना चाहिए !
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( वैचारिक मतभेद संभव है )
''म्रत्युशैया पर आप यही कहेंगे की वास्तव में जीवन जीने के कोई एक नियम नहीं है''

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Old 10-01-2011, 08:51 AM   #32
YUVRAJ
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Default Re: शाकाहार या मांसाहार?

सभी की भावनाओं को शब्द दिए है नायक जी और कुछ खास नहीं लिखा है ...

पहले ही सूचित कर चुका हूँ अतः इन प्रविष्टियों को गौर से देखें ...

http://myhindiforum.com/showpost.php...8&postcount=12
http://myhindiforum.com/showpost.php...0&postcount=24

अब मुद्दे पर आता हूँ ...
हमारी तमाम जरूरतें इन वध किए जानावारों से ही पूरी होती हैं , जो की मरे जानावारों की संख्या से नहीं हो सकती ... न ही जूतों की आवश्यकता पूरी होगी न ही कमर में बाधी जाने बाली बेल्ट की /
यदि जरूरत के लिए पेड़ काटा जा सकता है तो भोजन और जरूरत के लिए पाले जाने वाले पशु-पक्षियों ko क्यू नहीं ...

Last edited by YUVRAJ; 10-01-2011 at 08:55 AM. Reason: link
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Old 10-01-2011, 10:39 AM   #33
ABHAY
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Post Re: शाकाहार या मांसाहार?

बात तों आपकी बिलकुल सही है मगर आज के यूग में मानब से बड़ा दानब कोई नहीं है ! अगर पीछे से सोचा जाये तों १०० में से ५० लोग राछस योनी में आते है ! मगर आज का इतिहास ही दूसरा है ! दुनिया में कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे आज के मानब ने नहीं खाया हो ! अब यहाँ पे शाकाहार मानब न के बराबर है ! चाणक्य ने कहा है ज्ञान के लिए कुसल गुरु की जरुरत होती है उसी तरह सरीर में मांस की पूर्ति के लिए मांस की जरुरत होती है ! चाणक्य ने तों कुछ और कहा था मगर मैंने इसे बदल के कुछ इस तरह लिखा है !
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Old 10-01-2011, 12:25 PM   #34
VIDROHI NAYAK
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Default Re: शाकाहार या मांसाहार?

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Originally Posted by yuvraj View Post



यदि जरूरत के लिए पेड़ काटा जा सकता है तो भोजन और जरूरत के लिए पाले जाने वाले पशु-पक्षियों ko क्यू नहीं ...
वो इसलिए युवराज जी की पशुओ की वेदनाओ की अनुभूति करना सहज है क्योंकि वो चिल्लाकर , चीखकर हमें आहसास करते हैं ! दूसरी बात यह की वनस्पतियो का ज़न्म स्रष्टि में भोज्य के लिए ही हुआ है जिसका सबसे बड़ा प्रमाण मनुष्यों के दांत हैं ! स्रष्टि भी हमें शाकाहारी होने का ही संकेत देती है!

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Originally Posted by abhay View Post
बात तों आपकी बिलकुल सही है मगर आज के यूग में मानब से बड़ा दानब कोई नहीं है ! अगर पीछे से सोचा जाये तों १०० में से ५० लोग राछस योनी में आते है ! मगर आज का इतिहास ही दूसरा है ! दुनिया में कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे आज के मानब ने नहीं खाया हो ! अब यहाँ पे शाकाहार मानब न के बराबर है ! चाणक्य ने कहा है ज्ञान के लिए कुसल गुरु की जरुरत होती है उसी तरह सरीर में मांस की पूर्ति के लिए मांस की जरुरत होती है ! चाणक्य ने तों कुछ और कहा था मगर मैंने इसे बदल के कुछ इस तरह लिखा है !
क्या अभय जी कोई शाकाहारी मनुष्य अपना पूरा जीवन नहीं जीता? क्या वो दूसरों (मांसाहारियो ) से निर्बल होता है ? पर वैसे भी चाणक्य का राजनीतिशास्त्र अच्छा था न की शरीरविज्ञान !
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Old 10-01-2011, 01:12 PM   #35
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Default Re: शाकाहार या मांसाहार?

अहा हा हा हा ...
आप ये ही बताओ कि जो जूते या बेल्ट आप पहनते हैं उनसे किस जानवर की वेदना आती है ??? यदि आती है तो आप क्या सोच कर उसका उपयोग करते हैं !!!
आजकल जो भी खाने का समान बजार में मिलते हैं, सामान्यतः रसायनों से भरे होते हैं और आपके लिए "स्लो प्वाइजन" से कम नहीं हैं/
मांसाहारी न होने के किस तरह के संकेत मिलते हैं जरा विस्तार से जानकारी प्रदान करें !!!

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Originally Posted by vidrohi nayak View Post
वो इसलिए युवराज जी की पशुओ की वेदनाओ की अनुभूति करना सहज है क्योंकि वो चिल्लाकर , चीखकर हमें आहसास करते हैं ! दूसरी बात यह की वनस्पतियो का ज़न्म स्रष्टि में भोज्य के लिए ही हुआ है जिसका सबसे बड़ा प्रमाण मनुष्यों के दांत हैं ! स्रष्टि भी हमें शाकाहारी होने का ही संकेत देती है!
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Old 10-01-2011, 01:33 PM   #36
VIDROHI NAYAK
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Default Re: शाकाहार या मांसाहार?

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Originally Posted by yuvraj View Post
अहा हा हा हा ...
आप ये ही बताओ कि जो जूते या बेल्ट आप पहनते हैं उनसे किस जानवर की वेदना आती है ??? यदि आती है तो आप क्या सोच कर उसका उपयोग करते हैं !!!

आप यकीं करे या न करे मै व्यक्तिगत रूप से सामान्यतः चमड़े की बनी वस्तुओ से परहेज करता हूँ ! रही बात वेदना की तो...देख कर तो मक्खी भी नहीं निगली जा सकती !
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Originally Posted by yuvraj View Post
आजकल जो भी खाने का समान बजार में मिलते हैं, सामान्यतः रसायनों से भरे होते हैं और आपके लिए "स्लो प्वाइजन" से कम नहीं हैं/
मांसाहारी न होने के किस तरह के संकेत मिलते हैं जरा विस्तार से जानकारी प्रदान करें !!!
आपकी बात बिलकुल उचित है इसलिए बड़ेबुज़ुर्ग घर के खाने की ही सलाह देते रहे हैं ! और इन्ही सलाहों पर अमल भी करना चाहिए ! मै खुद पूरी तरह से अमल तो नहीं कर पता परन्तु कोशिश हमेशा किसी को कष्ट न देने की रहती है ! और जहाँ तक संकेत की बात है तो श्रष्टि का सबसे बड़ा संकेत मांसाहारी न होने का हमारी बुद्धि है इसी की समझ से हम निर्णय कर सकते हैं !
युवराज जी एक बात आप ध्यान रखियेगा ...मै आपके नहीं बल्कि मांसाहार के विरोध में हूँ !!!
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Old 11-01-2011, 06:15 AM   #37
Kumar Anil
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Default Re: शाकाहार या मांसाहार?

मैँ विद्रोही जी के तथ्योँ और तर्कोँ से अक्षरशः सहमत हूँ कि हमारी शारीरिक संरचना शाकाहार के ही अनुरूप है । मासाँहार के सम्बन्ध मेँ मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि इसमेँ एक अलग स्वाद के अतिरिक्त और कुछ नहीँ जो शायद मसालोँ की वजह से ही होगा । इतनी ही प्रोटीन और शक्ति हमेँ दालोँ और शाकभाजी मेँ भी प्राप्य है । हमारे भीतर की तामसिक मनोवृत्ति हमेँ माँसाहार के लिये उकसाती है अन्यथा जो आनन्द शाकाहार मेँ है वो भला माँसाहार मेँ कहाँ । शाकाहार सुपाच्य है जबकि माँसाहार की गरिष्ठता , मसालोँ की अधिकता सर्वविदित है । जहाँ तक बेल्ट इत्यादि की बात उठायी गयी तो वो चर्म शिल्प का हिस्सा है न कि माँसाहार का ।
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दूसरोँ को ख़ुशी देकर अपने लिये ख़ुशी खरीद लो ।
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Old 11-01-2011, 10:24 AM   #38
YUVRAJ
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Default Re: शाकाहार या मांसाहार?

इस बात की बहुत ही खुशी है कि आप की जीवनशैली बहुत ही सुन्दर है, रही वेदना की बात तो क्या आप सोचते हैं कि मांसाहार करने वालों में इस की कमी या होती ही नहीं !!!
आपको आश्चर्य होगा कि मांसाहार करने वाले भी मख्खी को नहीं निगलते/
विरोध तो हम .... न आपका, न शाकाहार करने वालों का या मांसाहार करने वालों का .... किसी का भी नहीं...

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Originally Posted by vidrohi nayak View Post
आप यकीं करे या न करे मै व्यक्तिगत रूप से सामान्यतः चमड़े की बनी वस्तुओ से परहेज करता हूँ ! रही बात वेदना की तो...देख कर तो मक्खी भी नहीं निगली जा सकती !

आपकी बात बिलकुल उचित है इसलिए बड़ेबुज़ुर्ग घर के खाने की ही सलाह देते रहे हैं ! और इन्ही सलाहों पर अमल भी करना चाहिए ! मै खुद पूरी तरह से अमल तो नहीं कर पता परन्तु कोशिश हमेशा किसी को कष्ट न देने की रहती है ! और जहाँ तक संकेत की बात है तो श्रष्टि का सबसे बड़ा संकेत मांसाहारी न होने का हमारी बुद्धि है इसी की समझ से हम निर्णय कर सकते हैं !
युवराज जी एक बात आप ध्यान रखियेगा ...मै आपके नहीं बल्कि मांसाहार के विरोध में हूँ !!!
कुमार भाई जी,
मसाले से नुक्सान तभी है जब आप अत्यधिक मात्रा में ग्रहण करें और इस का चलन कुछ ही व्यंजनों और रसोई घरों में है/ संसार भर की रेसेपी अलग-अलग है और मसाले का प्रयोग भी अलग-अलग मात्रा में होता है/
चर्म शिल्प का एक अभिन्न हिस्सा मांसाहार भी है/ आप खुद ही सोचो शिल्पकार काम कैसे करता होगा यदि कच्चा माल ही न मिले !!! टेनरी कैसे चलेगी ...आदि-आदि...



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Originally Posted by kumar anil View Post
मैँ विद्रोही जी के तथ्योँ और तर्कोँ से अक्षरशः सहमत हूँ कि हमारी शारीरिक संरचना शाकाहार के ही अनुरूप है । मासाँहार के सम्बन्ध मेँ मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि इसमेँ एक अलग स्वाद के अतिरिक्त और कुछ नहीँ जो शायद मसालोँ की वजह से ही होगा । इतनी ही प्रोटीन और शक्ति हमेँ दालोँ और शाकभाजी मेँ भी प्राप्य है । हमारे भीतर की तामसिक मनोवृत्ति हमेँ माँसाहार के लिये उकसाती है अन्यथा जो आनन्द शाकाहार मेँ है वो भला माँसाहार मेँ कहाँ । शाकाहार सुपाच्य है जबकि माँसाहार की गरिष्ठता , मसालोँ की अधिकता सर्वविदित है । जहाँ तक बेल्ट इत्यादि की बात उठायी गयी तो वो चर्म शिल्प का हिस्सा है न कि माँसाहार का ।
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Old 11-01-2011, 11:07 AM   #39
VIDROHI NAYAK
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Default Re: शाकाहार या मांसाहार?

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Originally Posted by yuvraj View Post
इस बात की बहुत ही खुशी है कि आप की जीवनशैली बहुत ही सुन्दर है, रही वेदना की बात तो क्या आप सोचते हैं कि मांसाहार करने वालों में इस की कमी या होती ही नहीं !!!
आपको आश्चर्य होगा कि मांसाहार करने वाले भी मख्खी को नहीं निगलते/
विरोध तो हम .... न आपका, न शाकाहार करने वालों का या मांसाहार करने वालों का .... किसी का भी नहीं...


कुमार भाई जी,
मसाले से नुक्सान तभी है जब आप अत्यधिक मात्रा में ग्रहण करें और इस का चलन कुछ ही व्यंजनों और रसोई घरों में है/ संसार भर की रेसेपी अलग-अलग है और मसाले का प्रयोग भी अलग-अलग मात्रा में होता है/
चर्म शिल्प का एक अभिन्न हिस्सा मांसाहार भी है/ आप खुद ही सोचो शिल्पकार काम कैसे करता होगा यदि कच्चा माल ही न मिले !!! टेनरी कैसे चलेगी ...आदि-आदि...
युवराज जी वेदना तो सभी में होती है चे वो शाकाहारी हो या मांसाहारी ! यहाँ वेदना होना और दूसरों की वेदना की अनुभूति करना..दोनों बाते अलग अलग हैं ! और जहाँ तक विरोध की बात है तो मेरे शब्द पर ध्यान दीजिए ...मै मांसाहार के विरोध में हूँ न की मांसाहारियो के ! मक्खी वाली बात तो अतिशियोक्ति थी जिसे आपने कुछ ज्यादा ही गंभीरता से ले लिया ! अनिल जी की बात का थोडा स्पष्टीकरण देना चाहूँगा की इस बात को तो आप भी मानते होंगे की मांसाहार भोज्यो में मसाले का प्रयोग शाकाहार भोज्यो की अपेक्षा ज्यादा होता है ! शायद इसी बात को अनिल जी ने स्पष्ट करना चाहा है ! हो सकता है की चर्मशिल्प मांसाहार का हिस्सा हो परन्तु चर्मशिल्प प्राकृतिक रूप से मरे हुए जानवरों के इस्तेमाल से भी की जा सकता है परन्तु मांसाहार नहीं !
वह अलग बात है की व्यवहारिक रूप से चर्मशिल्प के लिए भी पशुओ की हत्या की जाती है !
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Old 11-01-2011, 11:29 AM   #40
khalid
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Default Re: शाकाहार या मांसाहार?

मित्रोँ जिनके मन को जो भाए वो खाए
जो माँस का सेवन करतेँ हैँ वो भी जिन्दा हैँ जो नहीँ करतेँ वो भी जिन्दा रहतेँ हैँ कुछ लोग अण्डे तक का सेवन को मना करतेँ हैँ
कुछ लोग कहतेँ हैँ संडे हो या मंडे रोज खाओ अंडे
अब जिनको जैसे संस्कार मिलेगा वो वैसे हीँ करतेँ हैँ
एक बात ध्यान देने योग्य हैँ दोनो तरह के लोग बिमार भी होता हैँ और डाक्टर के पास भी जातेँ हैँ
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दोस्ती करना तो ऐसे करना
जैसे इबादत करना
वर्ना बेकार हैँ रिश्तोँ का तिजारत करना
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