03-12-2012, 04:24 PM | #11 |
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Re: मेरी रचनाये- दीपक खत्री 'रौनक'
गुनाह है इतना सा तो बवाल क्या होगा गम करू या मने जश्न तेरी आमद पर ना मालूम हूँ तेरे जाने का हाल क्या होगा पात्र खोजती है वफ़ा इश्क के सवाल पर है आगाज़ ऐसा तो अजाल क्या होगा खौफजदा नहीं दिल किसी भी सवाल पर सवाल ये है की अगला सवाल क्या होगा पस्त है हौंसले बहुत जिंदगी की दौड़ मे गैर माहौल मे जीने का ख्याल क्या होगा गुजर रही है खान-ए-खाक से मोहब्बत 'रौनक' अब इश्क का इससे बुरा हाल क्या होगा दीपक खत्री 'रौनक' |
03-12-2012, 04:29 PM | #12 |
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Re: मेरी रचनाये- दीपक खत्री 'रौनक'
मुक्करर तो है तारीख गुनाहों की
है दरकार भी बाँहों मे पनाहों की जवाबदारी बयां कर ही देंगे उसूल बात तो यहाँ है तेरी निगाहों की उड़ी जो गर्द तो मैले करेगी चेहरे फ़िक्र हो गर तूझे छूटे निशानों की उठा तो सही मुद्दा तू बदलाव का जुटा ही लेगा हिम्मत तू इम्तिहानो की रात गई बात गई बेफिक्र है तू बहुत मगर होगी अमोघ सुनवाई आहों की ख्याल है बहुत अच्छे भी बुरे भी 'रौनक' ये मांग वक्त की है या के फनकारों की ----दीपकखत्री 'रौनक'---- |
03-12-2012, 04:34 PM | #13 |
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Re: मेरी रचनाये- दीपक खत्री 'रौनक'
कलमकार हूँ मै, लिखने की तलब रखता हूँ
मजहब है इश्क मेरा, रिश्तों की समझ रखता हूँ तलबगार नहीं खैरात का, कर्म-प्रशाद की उम्मीद है 'रौनक' धर्म का गुलाम नहीं मै, इन्सान की परख रखता हूँ........ दीपकखत्री 'रौनक' |
03-12-2012, 11:06 PM | #14 | |
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Re: मेरी रचनाये- दीपक खत्री 'रौनक'
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जो सब में है किन्तु सबसे जुदा है ......................... वही तो खुदा है जो सब को देख ले, कोई उसको न देख पाता है ........................................ वही तो विधाता है जो कण कण में व्याप्त है और प्रकृति में महान है ............................................वही तो भगवान् है जो हर किसी के दुःख, पीड़ा और भावनाओं को समझता है ....................वही तो मानव 'जय' और यही तो मानवता है
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर । परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।। विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम । पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।। कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/ यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754 |
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04-12-2012, 06:15 AM | #15 |
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Re: मेरी रचनाये- दीपक खत्री 'रौनक'
आपका अत्यधिक आभार बड़े भाई साहब.......बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ लिखी है आपने
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