02-02-2015, 10:33 AM | #1 |
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हरी हरी पत्तियां स्वास्थ्य के लिए गुणकार
नीम : नीम की 10-12 पत्तियों को पीसकर सुबह खाली पेट पीने से गर्मी की घमौरियों व चर्मरोग का शमन होता है। नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर सिर धोने से बाल झड़ना रुक जाता है व जुएँ, लीख मर जाते हैं।
तुलसी : तुलसी के 8-10 पत्तों को पीसकर चीनी में मिलाकर पीने से लू नहीं लगती है। अगर लू लग गई है तो आराम मिल जाता है। रोज प्रातः खाली पेट तुलसी के चार पत्ते नियमित खाने से बीमारी नहीं होती है। बबूल : बबूल की पत्तियों को उबालकर उस पानी को कुल्ला करने से दाँत व मसूड़े मजबूत होते हैं। बबूल की पत्तियों का रस निकालकर सरसों के तेल में मिलाकर लगाने से गर्मी के फोड़े-फुंसी में आराम मिलता है। बड़ : बड़ के दूध में एक नींबू का रस मिलाकर सिर में आधे घंटे तक लगा रहने दें। फिर सिर को गुनगुने पानी से धो लें। इससे बालों का झड़ना बंद हो जाता है व बाल तेजी से बढ़ते हैं। बेर : बेर की पत्तियों व नीम की पत्तियों को बारीक पीसकर उसमें नींबू का रस मिलाकर बालों में लगा लें व दो घंटे बाद बालों को धो लें। इसका एक माह तक प्रयोग करने से नए बाल उग आते हैं व बाल झड़ना बंद हो जाते हैं। -----------------------------------मेथी के गुणकारी उपाय -------------------------------भारतीय घरों में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाला मैथीदाना पोषक तत्वों की खान है। मैथीदाने के अलावा, मैथी की भाजी भी घरों को उपयोग की जाती है। मैथी की भाजी में फायबर भरपूर होते हैं और पेट संबंधी तकलीफों में यह बहुत कारगर है। मैथी का इस्तेमाल पाचन तंत्र सुधारने में खासतौर पर किया जाता है। मैथी लीवर के कार्य करने की क्षमता को भी बढ़ाती है। मैथी के पत्तों से बने पेस्ट को सिर पर लगाने से बालों संबंधी समस्याओं से निजात मिलती है। शोधों के अनुसार मैथीदाने में एंटीडायबीटिक तत्व बहुतायत में होते हैं। मैथीदानों में पाए जाने वाले घुलनशील फायबर और अमीनों एसिड 4 के कारण इसमें में शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने का गुण होता है। सूजन और जलन कम करना भी मैथीदाने के अनगिनत गुणों में शामिल है। 1. मैथीदानों में मधुमेह को नियंत्रित करने का गुण होता है। डायबीटिज (मधुमेह) में बढने वाले ब्लड शुगर और लिपिड के स्तर को मैथीदाने के उपयोग से नियंत्रित किया जा सकता है। यह शरीर में इंसुलिन के स्त्राव को भी सुचारु बनाती है 2. मैथीदाने में ह्र्दय को स्वस्थ रखने का गुण भी होता है। इनके उपयोग से शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर भी गिरता है। पानी में भीगे हुए मैथीदानों का दिन में दो बार सेवन करना चाहिए। 3. उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए मैथीदानों का प्रयोग बहुत कारगर है। मैथीदानों को सुआ {(Anethum sowa/ dill seeds} के दानों के साथ मिलाकर पाउडर बनाकर दिन में दो बार दो चम्मच लेना चाहिए। 4. मैथीदानों की तासीर गर्म होती है। इनका उपयोग सर्दी,खांसी, और थोड़े बुखार में भी किया जाता है। मैथीदानों को कुछ घंटों के लिए पानी में गलाकर रखना चाहिए। इस पानी का दिन में दो बार उबालकर सेवन करना चाहिए। 5.मैथीदानों का उपयोग डायरिया और दस्त लगने में बहुत कारगर है। मैथीदानों को भूनकर उनके पाउडर को दिन में दो से तीन बार शहद के साथ इस्तेमाल करना चाहिए। 6. अपनी गर्म तासीर के कारण के, मैथीदाने दमा रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी है। मैथीदानों को पानी में उबालकर, उनका पेस्ट बनाकर शहद के साथ दिन में दो बार एक माह तक लेने से दमे में आराम मिलता है। ७. गठिया रोगियों,जोडों में दर्द और सूजन जैसी तकलीफों में मैथीदानों के उपयोग से आराम मिलता है। ग्राम मैथीदानों के पाउडर को दिन में दो बार उपयोग करने से जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। ८. बालों से जुडी हुई हर प्रकार की समस्याओं से छुटकारे के लिए मैथीदानों का उपयोग बहुत कारगर है। मैथीदानों का पेस्ट को बालों पर लगाने से रुसी खत्म होती है और बाल झड़ना बंद हो जाता है साथ ही साथ नए बाल भी उगते हैं। मैथीदानों के पाउडर से चेहरे पर नई चमक आती है। इससे चेहरे की गहराई तक सफाई होती है और चेहरा खिल उठता है। मैथीदानों के स्वस्थ्य संबंधी गुण अनगिनत हैं परंतु कुछ लोगों में इनके इस्तेमाल में ध्यान रखना जरुरी भी है , खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त जानकारी है ये जो मुझे अछ्छी लगी इसलिए आप लोगो के साथ शेयर किया है |
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