28-04-2012, 01:59 AM | #7011 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
बेंगलूरु। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी शुक्रवार से दो दिनों का कर्नाटक दौरा करेंगी जिस दौरान वह सूखा प्रभावित एक गांव का दौरा करेंगी, सिद्दगंगा मठ के संत शिवकुमार स्वामी के 105वें जन्मदिन समारोह में तूमकुर में शिरकत करेंगी और वहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगी। सोनिया यहां शुक्रवार को पहुंचेंगी और राजभवन में रूकेंगी। कार्यक्रम के मुताबिक वह 28 अप्रेल को हेलीकाप्टर से तूमकुर के लिए प्रस्थान करेंगी और चित्रदुर्गा जिले के नागासमुद्र गांव में सूखे की स्थिति का आकलन करेंगी। केपीसीसी अध्यक्ष जी. परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा कि सोनिया ग्रामीणों से आधे घंटे बातचीत करेंगी जो टैंकों के सूखने से पीने के पानी की कमी का सामना कर रहे हैं। ये टैंक 1905 में बने थे और वर्ष 2009 से इन्हें नहीं भरा गया है। बाद में वह सिद्दगंगा मठ जाएंगी जहां शिवकुमार स्वामी के जन्मदिन समारोह में शिरकत करेंगी। स्वामी गरीब बच्चों को शिक्षा और आवास सुविधा मुहैया कराने के क्षेत्र में काम करने के लिए जाने जाते हैं। लिंगायत समुदाय के बीच स्वामी काफी प्रभावशाली गुरु हैं और 2013 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस इसका लाभ उठाना चाहती है ताकि वह सत्ता में वापसी कर सके। कर्नाटक की कुल आबादी का 17 फीसदी हिस्सा लिंगायत समुदाय के लोग हैं और इस समुदाय ने फिलहाल कांग्रेस से दूरी बना रखी है। परमेश्वर ने कहा कि स्वामी का आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद सोनिया तूमकुर स्थित सिद्दगंगा इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी में करीब एक हजार कांग्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगी।
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28-04-2012, 02:00 AM | #7012 |
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माओवादियों के चंगुल से रिहा हुए झिना हिकाका
भुवनेश्वर। एक महीने से ज्यादा समय तक माओवादियों के चंगुल में रहे ओडिशा के विधायक झिना हिकाका को आखिरकार गुरुवार को रिहा कर दिया गया। ओडिशा के कोरापुट जिले के एक गांव से माओवादियों ने 33 दिन पहले हिकाका को अगवा कर लिया था। हरे रंग के कुर्ते और पायजामे में नजर आ रहे हिकाका को माओवादी नारायण पटना इलाके के बलीपेटा गांव में लेकर आए जहां समझा जाता है कि उन्हें माओवादियों की प्रजा अदालत में पेश किया गया और वह उन्हें रिहा करने पर सहमत हो गई। राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक हिकाका को उनकी पत्नी कौशल्या माझी और अदालत में माओवादियों के मुकदमों की पैरवी करने वाले वकील निहार रंजन पटनायक को सौंपा गया। अपने पति से मिलने के बाद काफी खुश दिख रही कौशल्या ने कहा कि मैं जनजातीय समुदाय के लोगो और मीडिया के समर्थन के लिए उनकी शुक्रगुजार हूं। मैं उन्हें देखने के लिए काफी बेचैन थी। बलीपेटा गांव में मौजूद एक मेडिकल टीम 37 साल के विधायक की सेहत की जांच करेगी। विधायक की रिहाई के बारे में आधिकारिक पुष्टि राज्य के गृह सचिव यूएन बेहरा ने की। उन्होंने कहा कि विधायक को माओवादियों ने रिहा कर दिया है। हिकाका को अगवा करने और उन्हें प्रजा अदालत के सामने पेश करने में शामिल रही माओवादियों की आंध्र-ओडिशा सीमा विशेष क्षेत्रीय समिति के मुताबिक विधायक ने एक लिखित हलफनामा दिया है कि वह राज्य विधानसभा और बीजू जनता दल से इस्तीफा देकर लोगों के लिए काम करेंगे।
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28-04-2012, 02:01 AM | #7013 |
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माओवादियों ने मेरे साथ अच्छा बर्ताव किया : हिकाका
बालीपेटा। ओडिशा में कोरापुट जिले के बालीपेटा गांव में माओवादियों के कब्जे में 34 दिनों की कैद के बाद गुरुवार को रिहा हुए बीजू जनता दल (बीजद) विधायक झीना हिकाका ने कहा कि कैद के दौरान माओवादियों ने उनके साथ अच्छा बर्ताव किया। लक्ष्मीपुर क्षेत्र से विधायक हिकाका घने जंगल से कुछ किलोमीटर पैदल चलकर बालीपेटा गांव पहुंचने के बाद कुछ थके नजर आ रहे थे। गांव में हिकाका का बड़ी संख्या में पत्रकार इंतजार कर रहे थे। हिकाका ने कहा कि माओवादियों ने उनके साथ ठीक बर्ताव किया और वह खुश है कि उन्हें माओवादियों ने छोड़ दिया। हिकाका की पत्नी कौशल्या और वकील निहार रंजन पटनायक गांव में उनके पहुंचने का इंतजार कर रहे थे। हिकाका पत्नी को देखने के बाद भावुक हो गए और उन्हे गले से लगा लिया। माओवादियों की कैद में उनके अनभुवों के बारे में पूछे जाने पर हिकाका ने कहा कि पिछले 34 दिनों के दौरान उन्हें कम से कम तीन स्थानों पर रखा गया। उन्होंने कहा कि इन सभी दिनों में माओवादियों ने उनके साथ अच्छा व्यवहार किया। विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के मुद्दे पर हिकाका ने कहा कि वह मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से बात करेंगे और उन्हें इस मुद्दे पर कुछ कहने के लिए और समय चाहिए। निहार रंजन पटनायक ने कहा कि नवीन पटनायक सरकार हिकाका की रिहाई सुनिश्चित कराने में विफल रही है। माओवादियों ने हिकाका पर दया करते हुए उन्हें रिहा कर दिया।
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28-04-2012, 02:02 AM | #7014 |
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विधानसभा और सीएमओ में गूंजी रामधुन
भुवनेश्वर। माओवादियों के चंगुल से बीजू जनता दल के विधायक की रिहाई की खुशी में राज्य विधानसभा और राज्य सचिवालय के मुख्यमंत्री कार्यालय में रामधुन की गूंज सुनाई दी । विधान सभा के अध्यक्ष प्रदीप अमात ने कहा कि हम इस बात से काफी खुश हैं कि लक्ष्मीपुर से विधायक को माओवादियों ने शांतिपूर्ण और अहिंसक तरीके से छोड़ दिया। अमात ने कहा कि महात्मा गांधी की पसंदीदा धुन दोनों जगहों पर करीब ढाई घंटे तक बजाई गई।
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28-04-2012, 02:02 AM | #7015 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
गिलानी दोषी करार, मिली सांकेतिक सजा
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को गुरुवार को अदालत की अवमानना के मामले में दोषी करार दिया और जेल की सजा न देते हुए अदालत के उठने तक यानी सुनवाई खत्म होने तक की सांकेतिक सजा सुनाई। गौरतलब है कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले फिर से खोलने से गिलानी के इंकार के बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री पर अदालत की अवमानना का मुकदमा चलाया और आखिरकार आज उन्हें दोषी करार दे दिया। अदालत की 10 मिनट से भी कम चली कार्यवाही के दौरान न्यायमूर्ति नासिर-उल- मुल्क की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पीठ ने यह फैसला सुनाया और गिलानी से कहा कि उनकी सजा अदालत के उठने तक यानी सुनवाई खत्म होने तक कायम रहेगी। फैसला सुनाने के बाद न्यायाधीश अदालत कक्ष से बाहर चले गए जिससे 56 साल के गिलानी को मिली सजा खत्म हो गई। हालांकि, कानूनी विशेषज्ञ इस मुद्दे पर बंटे हुए हैं कि गिलानी को दोषी करार दिए जाने से उनके प्रधानमंत्री पद पर कोई खतरा पैदा होगा और वह इसके अयोग्य होंगे या नहीं। विशेषज्ञों का कहना है कि अदालत का विस्तृत फैसला इस बारे में तस्वीर साफ करेगा। अदालत से बाहर निकलते हुए गिलानी ने मीडिया से कहा कि हमने न्याय की गुहार लगाई थी। फैसला उचित नहीं था। पाकिस्तान के कानून के मुताबिक अदालत की अवमानना के दोषी को छह महीने की अधिकतम सजा दी जा सकती है। इससे पहले, गिलानी अपने काफिले के साथ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे जहां उनके मंत्रिमंडल के सदस्य उनका इंतजार कर रहे थे। इसके बाद प्रधानमंत्री अपने बेटे और गृह मंत्री रहमान मलिक के साथ अदालत के अंदर गए। इस दौरान प्रधानमंत्री के समर्थकों ने उन पर गुलाब के फूल बरसाए। अदालत की इमारत के अंदर जाने से पहले उन्होंने दरवाजे पर रु ककर और अपने समर्थकों की ओर रु ख कर हाथ हिलाया। खचाखच भरे अदालत कक्ष में कार्यवाही की शुुरुआत करीब साढ़े नौ बजे हुई। न्यायाधीश जब कक्ष के अंदर दाखिल हुए तो गिलानी कानून मंत्री फारूक नाइक और अपने वकील ऐतजाज अहसन के साथ चबूतरे पर खड़े हुए। अवमानना मामले में तीसरी दफा प्रधानमंत्री की पेशी के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया था।
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28-04-2012, 02:05 AM | #7016 |
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पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने गिलानी के इस्तीफे की मांग की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को आगे बढ़ाने के मुद्दे पर अदालत की अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट से दोषी ठहराए जाने के बाद तत्काल प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी के इस्तीफे की गुरुवार को मांग की। मुख्य विपक्षी दल पीएमएल-एन के प्रमुख नवाज शरीफ ने कहा कि फैसले के आलोक में मैं समझता हूं कि प्रधानमंत्री गिलानी को मुद्दे को लंबा खींचने के बजाय तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। शरीफ ने कहा कि पीएमएल-एन गिलानी को बतौर प्रधानमंत्री कतई नहीं स्वीकार करेगा और सरकार गलत दिशा में है जबकि शीर्ष न्यायालय उच्च नैतिक धरातल पर है और लोगों को सच्चाई का समर्थन करना चाहिए। क्रिकेटर से नेता बने पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने ट्विटर पर लिखा है, प्रधानमंत्री के पास जो भी कानूनी और नैतिक अधिकार था, शीर्ष न्यायालय के फैसले के बाद वह उसे खो चुके हैं।
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28-04-2012, 02:06 AM | #7017 |
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पाकिस्तान सरकार गिलानी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ करेगी अपील
इस्लामाबाद। पाकिस्तान सरकार ने अदालत की अवमानना मामले में प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी को दोषी ठहराए जाने के खिलाफ अपील करने का गुरुवार को फैसला किया। सुप्रीम कोर्ट के सात न्यायाधीशों की पीठ ने गिलानी को दोषी ठहराया और 30 सेकेंड की सांकेतिक सजा दी जिसके कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री के वकील ऐतजाज एहसान ने कहा कि प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल और सरकार के सहयोगी दलों ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है और मुझे अपील तैयार करने के लिए अधिकृत किया गया है। ऐहसान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अपील करने के लिए सरकार के पास 30 दिन का समय है। इस संवाददाता सम्मेलन में सूचना मंत्री कमर जमान कैरा भी मौजूद थे। एहसान ने कहा कि अपील दायर किए जाने के बाद शीर्ष अदालत को मामले की फिर से सुनवाई करनी होगी और प्रधानमंत्री को अयोग्य ठहराए जाने की संभावना का कोई आधार नहीं टिक पाएगा। ऐहसान ने कहा कि दरअसल मैं जो कह रहा हूं वह औचित्य या अनौचित्य के बारे में नहीं। यह फैसला अभियोग या आरोप के दायरे से परे है। प्रधानमंत्री को कथित रूप से अदालत की निंदा करने या बदनाम करने के लिए दोषी नहीं ठहराया गया। ऐहसान ने कहा कि यह फैसला आरोप के दायरे के परे है और अतएव सुनवाई के दायरे के बाहर है। उस हद तक, यह फैसला अदालत की टिप्पणी मानी जाएगी। कैरा ने कहा कि मंत्रिमंडल, पीपीपी और उसके सहयोगी दल मानते हैं कि गिलानी को अयोग्य ठहराने के आरोप पर दोषी नहीं ठहराया गया है और ऐसे में हमारे विवेक पर कोई दाग नहीं है। शीर्ष अदालत ने स्वीटरजरलैंड में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ कथित धनशोधन के मामलों को फिर से खोलने के बार-बार आदेश दिए जाने पर कार्रवाई करने में विफल रहने पर गिलानी को अदालत की अवमानना के लिए दोषी ठहराया है। गिलानी और सरकार ने यह कहते हुए जरदारी के खिलाफ कार्रवाई से इनकार कर दिया है कि राष्ट्रपति को देश और विदेश में ऐसी कार्रवाई से छूट प्राप्त है। सुप्रीम कोर्ट दिसंबर, 2009 से ही जरदारी के खिलाफ मामलों को फिर से खोलने के लिए सरकार पर दबाव बना रहा है जब उसने पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ द्वारा जारी भ्रष्टाचार क्षमादान आदेश को खारिज कर दिया था। सत्तारूढ़ पीपीपी न्यायपालिका पर भेदभावपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया है क्योंकि वह (सुप्रीम कोर्ट) केवल जरदारी के खिलाफ कार्रवाई पर बल दे रही है जबकि क्षमादान से 8 हजार से अधिक लोग लाभान्वित हुए थे।
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28-04-2012, 02:07 AM | #7018 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
गिलानी को दोषी ठहराने पर पंजाब प्रांत के कई शहरों में पीपीपी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
लाहौर। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी को सुप्रीम कोर्ट से अदालत की अवमानना का गुरुवार को दोषी करार दिए जाने के तुरंत बाद पंजाब प्रांत के कई हिस्सों में सत्तारूढ़ पीपीपी के नाराज कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। शीर्ष अदालत ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोलने से इनकार करने पर उन्हें सांकेतिक सजा सुनाई गई। इसके बाद गिलानी के गृहनगर मुल्तान समेत कई शहरों और नगरों में पीपीपी कार्यकर्ता फैसले के विरोध में सड़कों उतर आए। मुलतान में एक बहुत बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया गया। प्रदर्शनकारियों ने बहावलपुर बाईपास जाम कर दिया और कई घंटे तक यातायात ठप्प रहा। उन्होंने सड़कों पर टायर जलाए और एक वाहन में आग लगा दी। कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इफ्तिकार चौधरी के पुतले जलाए तथा फैसले एवं शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के खिलाफ नारे लगाए। दक्षिणी पंजाब के भक्कर जिले में प्रदर्शनकारियों ने ग्रांड ट्रक रोड जाम कर दिया और न्यायपालिका के खिलाफ नारेबाजी की।
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28-04-2012, 02:11 AM | #7019 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
चीनी सरजमीं के बाहर पहली बार पंचेन लामा का सम्बोधन
बीजिंग। निर्वासित तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के विरोध में चीन सरकार की ओर से आध्यात्मिक नेता घोषित पंचेन लामा ने चीन की सरजमीं के बाहर गुरुवार को पहली बार भाषण दिया। बाईस वर्षीय भिक्षु ने अपने सम्बोधन में धर्म के भारत में उद्गम और उसे वैश्विक तौर पर प्रचारित करने की जरूरत पर प्रकाश डाला। मुख्य चीनी सरजमीं के बाहर पहली बार हांगकांग में विश्व बौद्ध सम्मेलन में वह सार्वजनिक तौर पर उपस्थित हुए। हांगकांग चीन का विशेष प्रशासित क्षेत्र है, जहां उसका स्वशासन है। उन्होंने कहा कि बुद्ध भारत के आध्यात्मिक गुरु थे जिन्होंने बौद्ध धर्म की नींव डाली। प्राचीन भारत में इस धर्म के फैलने के बाद कई बौद्ध भिक्षु इसे अन्य देशों में लेकर गए। पंचेन लामा ने अपने भाषण में तिब्बत के कुछ इलाकों में जारी असंतोष ओर युवा बौद्ध भिक्षुओं और भिक्षुणियों द्वारा किए जा रहे आत्मदाह की घटनाओं को न छूते हुए सिर्फ धार्मिक मामलों का उल्लेख किया। तिब्बती बौद्ध पदानुक्रम में दलाई लामा के बाद पंचेन लामा को सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति माना जाता है। पंचेन के सम्बोधन का हवाला देते हुए चीन की सरकारी ‘शिन्हुआ’ समाचार एजेंसी ने दलाई लामा का नाम लिए बिना पंचेन लामा को तिब्बती बौद्धों में दूसरा सबसे वरिष्ठ बौद्ध नेता बताया है।
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28-04-2012, 02:12 AM | #7020 |
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Re: एकदम ताज़ा ख़बरें
तिब्बत के लिए अब भी ‘मध्य मार्ग’ सबसे बेहतर : दलाई लामा
शिकागो। तिब्बत के निर्वासित आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने कहा है कि चीन के इस आरोप के बावजूद कि वह तिब्बत में अशांति फैलाने के लिए लोगों को उकसा रहे हैं, वह तिब्बत की स्वायत्तता के लिए अपने अहिंसक आंदोलन के रास्ते को नहीं छोड़ेंगे। चीनी प्रशासन के खिलाफ वर्ष 2011 में शुरू हुए विरोध के बाद से कुल 34 तिब्बतियों ने आत्मदाह कर लिया है, जिसमें अधिकांश बौद्ध भिक्षु और भिक्षुणियां शामिल हैं। इसमें से ज्यादातर ने बीजिंग पर तिब्बत की संस्कृति के दमन का आरोप लगाते हुए खुद को आग लगा ली थी और उसी के चलते उनकी मौत हुई। चीन हमेशा दलाई लामा पर तिब्बतियों को आत्मदाह के लिए उकसाने का आरोप लगाता रहा है लेकिन उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया है। नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं के सम्मेलन में बुधवार को उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में चीजें काफी कठिन हुई है लेकिन हमारा रुख नहीं बदला है। आजादी, पूर्ण आजादी अवास्तविक है- इसका तो सवाल ही नहीं उठता है। दलाई लामा ने कहा कि बदलाव के लिए उनके अहिंसात्मक मध्य मार्ग को अधिकतर तिब्बतियों का समर्थन हासिल है। सम्मेलन खत्म होने के बाद संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा इसलिए हम इसे जारी रख सकते हैं। दलाई लामा ने कहा कि भारत में निर्वासित तिब्बती नेतृत्व चीन सरकार के साथ तिब्बती अल्पसंख्यकों के लिए सार्थक स्वायत्तता पर उद्देयपूर्ण वार्ता के लिए अभी भी प्रतिबद्ध है। विदेशों में स्थित तिब्बती मानव अधिकार समूहों ने कहा है कि पिछले सप्ताह सिचुआन प्रांत में एक युवा तिब्बती जोड़े ने खुद को आग लगा ली। सम्मेलन में दक्षिण अफ्रीकी आर्कबिशप डेसमंड टूटू समेत 12 नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं ने चीन के राष्ट्रपति से दलाई लामा के साथ वार्ता बहाल करने का आग्रह किया। बहरहाल, तिब्बती आध्यात्मिक नेता ने कहा कि अब तक की वार्ता उपयोगी नहीं रही है। हंसते हुए उन्होंने कहा कि कभी-कभार मैंने कहा है कि सर्वाधिकारवादी सत्ता के पास कान नहीं हैं केवल मुंह है। चीनी अधिकारी हमेशा हमें उपदेश देते हैं लेकिन कभी कुछ सुनते नहीं। दलाई लामा ने कहा कि सरकार से सकारात्मक या ठोस परिणाम को लेकर हमारी सारी कोशिश नाकाम रही है लेकिन चीनी जनता या चीनी बुद्धिजीवी या विदेशों में पढ़ने वाले छात्र हमेशा से इस सच्चाई से अवगत हैं।
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