My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Art & Literature > Mehfil
Home Rules Facebook Register FAQ Community

 
 
Thread Tools Display Modes
Prev Previous Post   Next Post Next
Old 15-09-2016, 10:39 AM   #1
आकाश महेशपुरी
Diligent Member
 
आकाश महेशपुरी's Avatar
 
Join Date: May 2013
Location: कुशीनगर, यू पी
Posts: 920
Rep Power: 23
आकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud ofआकाश महेशपुरी has much to be proud of
Send a message via AIM to आकाश महेशपुरी
Default आकाश महेशपुरी के दोहे

आकाश महेशपुरी के दोहे-
...
1-
कलयुग के इस दौर मेँ, बस हैँ दो ही जात।
एक अमीरी का दिवस, अरु कंगाली रात॥
...
2-
कौन यहाँ है जानता, कब आ जाए अन्त।
चलना अच्छी राह पर, कर देँ शुरू तुरन्त॥
...
3-
मौसम मेँ है अब कहाँ, पहले जैसी बात।
जाड़े मेँ जाड़ा नहीँ, गलत समय बरसात॥
...
4-
यारी राजा रंक की, या दोनोँ की प्रीत।
अक्सर क्योँ लगती मुझे, ये बालू की भीत॥
...
5-
ध्यान रखे जो वक्त का, रहता है खुशहाल।
जो इससे है चूकता, दुख भोगे तत्काल।।
...
6-
कुछ कहने से पूर्व ही, कर लेँ सोच विचार।
ऐसा ना हो बाद मेँ, बढ़ जाए तकरार।।
...
7-
हिन्दू-मुस्लिम से बड़ा, अपना भारत देश।
ये लड़ते तो देश के, दिल को लगती ठेस।।
...
8-
यह भी तो अच्छा नहीँ, भरना केवल पेट।
कर लेते हैँ जानवर, भी भोजन से भेँट॥
....
9-
कैसी उसकी सोच है, कैसा है इंसान।
छोटी-मोटी बात से, हो जाती पहचान॥
...
10-
मौसम तो बरसात का, किन्तु बरसते नैन।
सूखी सूखी ये धरा, पंक्षी भी बेचैन।।
...
11-
थोड़ा कम भोजन करेँ, काम करेँ भरपूर।
निर्धनता इससे डरे, रोग रहेँ सब दूर।।
...
12-
रूप सलोना हो भले,मन मेँ बैठा मैल।
ऐसे मानव से भले, लगते मुझको बैल।।
...
13-
यदि बूढ़े माँ-बाप को, पुत्र करे लाचार।
उससे पापी कौन है, तुम ही बोलो यार।।
...
14-
आग लगे जब गाँव मेँ, संकट हो घनघोर।
कितनी छोटी सोच है, खुश हो जाते चोर।।
...
15-
आँखोँ मेँ बादल नहीँ, दिल के सूखे खेत।
हरियाली गुम हो चली, दिखती केवल रेत॥
...
16-
खाता है जो धन यहाँ, बिना किये कुछ काम।
माफ उसे करते नहीँ, अल्ला, साईँ, राम।।
...
17-
ये हैँ शत्रु समाज के, ताड़ी और शराब।
हो जाते विद्वान भी, पीकर बहुत खराब।।
...
18-
ना कोई छोटा यहाँ, बड़ा न कोई आज।
सब हारे इस वक्त से, जग मेँ इसका राज।।
...
19-
प्रेम भाव घर मेँ अगर, तो दौलत है फूल।
वरना ये लगता जहर, चुभता बन के शूल।।
...
20-
वह धन धन होता नहीँ, जो रखता है चोर।
धन चोरी का आग है, बचे न कोई कोर।।
...
21-
चाहे धूप कठोर हो, या जलता हो पाँव।
काम धाम करते सदा, वे ही पाते छाँव।।
...
22-
मीठा भी फीँका लगे, इतना मीठा बोल।
पर इस चक्कर मेँ कहीँ, झूठ न देना घोल।।
...
23-
आ जाओ हे कृष्ण तुम, लिए विष्णु का अंश।
एक नहीँ अब तो यहाँ, कदम-कदम पर कंस॥
...
24-
कंसो का ही राज है, रावण हैँ चहुँ ओर।
भला आदमी मौन है, जैसे कोई चोर।।
...
25-
होता यदि दूजा हुनर, होते हम भी खास।
भूखे कबसे फिर रहे, ले कविता आकाश।।
...
26-
कविता का आकाश ले, हम तो खाली पेट।
लौटे हैँ बाजार से, लेकर केवल रेट।।
...
27-
मुझ पर मातु जमीन का, इतना है उपकार।
इसके खातिर छोड़ दूँ, जी चाहे घर-बार।।
...
28-
मातु-पिता घर-बार से, धरती बहुत महान।
इसके आगे मैँ तुझे, भूल गया भगवान।।
...
29-
चालू हो जाता पतन, सुनेँ लगाकर ध्यान।
आ जाता इंसान मेँ, जिस दिन से अभिमान।।
...
30-
बादल के दल आ गये, ले दलदल का रूप।
रूप दलन का देख कर, बिलख रही है धूप।।
...
31-
वे जग मेँ हैँ मर चुके, सत्य न जिनके संग।
बिन डोरी कबतक उड़े, जैसे कटी पतंग।।
...
32-
बोली से ही सुख मिले, बोली से संताप।
बोली से मालूम हो, मन के कद की नाप।।
...
33-
संकट हो भारी बहुत, अंधेरा घनघोर।
उसमेँ भी कुछ रास्ते, जाते मंजिल ओर।।
...
34-
दारू पीने के लिए, जो भी बेचे खेत।
बन जाता है एक दिन, वह मुट्ठी की रेत।।
...
35-
धरती की चन्दा तलक, जाती है कब गंध।
इसीलिए करिए सदा, समता मेँ सम्बन्ध।।
...
36-
आलम ये बरसात का, देख रहे हैँ नैन।
धनी देखकर मस्त हैँ, मुफलिस हैँ बेचैन।।
...
37-
पशुओँ को बन्धक बना, हम लेते आनन्द।
आजादी खुद चाहते, कितने हैँ मतिमन्द।।
...
38-
कल की बातेँ याद रख, पर ये रखना याद।
आगे जो ना सोचते, हो जाते बरबाद।।
...
39-
भारत देश महान की, यह भी है पहचान।
घर आए इंसान को, कहते हैँ भगवान।।
...
40-
अच्छाई की राह पर, चलते रहिए आप।
दुःख चाहे जो भी मिले, या कोई संताप।।
...
41-
जिसके डर से सौ कदम, रहती चिन्ता दूर।
कहते उसको कर्म हैँ, दुख जिससे हो चूर।।
...
42-
पूजा करने से नहीँ, या लेने से नाम।
आगे बढ़ते हैँ सभी, बस करने से काम।।
...
43-
अच्छी बातेँ सोचिए, अच्छी कहिए बात।
अच्छाई अच्छी लगे, दिन हो चाहे रात।।
...
44-
जाति धर्म के नाम पर, लड़ते जो दिन रात।
भारत माँ के लाल वे, करते माँ से घात।।
...
45-
कथनी करनी एक हो, और इरादा नेक।
बैर भाव जाता रहे, मिलते मित्र अनेक।।
...
46-
रोगी सब संसार है, और पेट है रोग।
रोटी एक इलाज है, दर-दर भटकेँ लोग।।
...
47-
इस लोभी संसार मेँ, जीना है दुश्वार।
यारी भी झूठी लगे, झूठा लगता प्यार।।
...
48-
कहते हैँ वैभव किसे, जाने कहाँ किसान।
फुरसत कब देते उसे, कष्टोँ के फरमान।।
...
49-
धीरे धीरे ही सही, करते कोशिश रोज।
वे ही भर पाते यहाँ, जीवन मेँ कुछ ओज।।
...
50-
एक सफलता है यही, चैन अगर हो पास।
यह पाने के वास्ते, कर आलस का नाश।।
...
51-
धन असली है खो रहा, यह पूरा संसार।
नाम कहूँ तो पेड़ है, जो धरती का सार।।
...
52-
कैसे हो सकता भला, अमर किसी का नाम।
अमर नहीँ जब ये धरा, नश्वर सारे धाम।।
...
53-
असली धन है गाँव मेँ, हरियाली है नाम।
याद करूँ जब शहर को, दिखलाई दे जाम।।
...
54-
अगर किसी भी भष्ट को, वोट दे रहे आप।
तो समझेँ हैँ दे रहे, निज बच्चोँ को श्राप।।
...
55-
जीवन है जो देश का, भूखों देता जान।
देता सबको रोटियां, कहते उसे किसान।।
...
56-
सोना ही महँगा नहीं, महँगे आलू प्याज।
पर सबसे महँगा हुआ, भाई-चारा आज।।
...
57-
कानों पर होता नहीं, तनिक मुझे विश्वास।
गाली देते देश को, इसके ही कुछ खास।।
...
58-
अपनी ही वह सम्पदा, कर देते हैं नष्ट।
और माँगते भीख तो, सुनकर होता कष्ट।।
...
59-
हम सबके ही वास्ते, सैनिक देते जान।
जाति-धर्म के नाम पर, क्यों लड़ते नादान।।
...
60-
एक धर्म होता अगर, होती दुनिया एक।
बिना किसी मतभेद क्या, होते युद्ध अनेक।।

दोहे- आकाश महेशपुरी
आकाश महेशपुरी is offline   Reply With Quote
 

Bookmarks


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 07:24 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.