|
25-11-2010, 04:22 PM | #1 | |
Member
Join Date: Nov 2010
Posts: 168
Rep Power: 15 |
Re: हिन्दू धर्म - हज़ार करम ???
Quote:
|
|
25-11-2010, 04:26 PM | #2 |
Exclusive Member
Join Date: Oct 2010
Location: Bihar
Posts: 6,259
Rep Power: 34 |
Re: हिन्दू धर्म - हज़ार करम ???
|
25-11-2010, 04:32 PM | #3 |
Banned
Join Date: Nov 2010
Location: राँची, झारखण्ड
Posts: 3,682
Rep Power: 0 |
Re: हिन्दू धर्म - हज़ार करम ???
|
25-11-2010, 05:52 PM | #4 |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Posts: 1,519
Rep Power: 21 |
Re: हिन्दू धर्म - हज़ार करम ???
काफी सारे मित्रों ने विचार रखे हैं, सभी का आभार |
मेरा उत्तर इस बार थोडा अपेक्षाकृत लम्बा है और कुछ तथ्यों को मैं पुनः पुष्ट करना चाहता हूँ अतः कल रखूँगा किन्तु मुझे विश्वास है की वह जानकारी आपको चौंकाएगी और एक सुखद आश्चर्य होगा | -अमित |
25-11-2010, 07:22 PM | #5 | |
Special Member
|
Re: हिन्दू धर्म - हज़ार करम ???
मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ
Quote:
सबसे पहले बेहतरीन सूत्र बनाने हेतु अटल को बधाई भाई धर्म में मेरी रूचि कम ही है अतः क्षमा करना अगर कुछ गलती हो जाये मेरा मानना है की हिन्दू धर्म सही मायनो में लोकतंत्र की तरह है जीतनी डफली उतनी राग, सभी को अपना अपना करने की आजादी और सबको अपने में समाने को सर्वथा तैयार जितना लचीलापन इस धर्म में है कहीं नहीं रही बात रामायण और महाभारत की तो ऐसा मेरा मानना है की ये बहुत ही चतुर लेखकों की बेहतरीन रचना है जो आज तक प्रशांगिक है
__________________
घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
|
25-11-2010, 09:02 PM | #6 | |
Diligent Member
Join Date: Oct 2010
Location: चांदनी चौक
Posts: 812
Rep Power: 16 |
Re: हिन्दू धर्म - हज़ार करम ???
Quote:
निशांत भाई, मैं आपके विचारों की कद्र करता हूँ .. तथा आपके सभी कथनों का समर्थन करता हूँ .. लेकिन यह कहना की 'रामायण' और 'महाभारत' केवल लेखकों की रचनाएं हैं'. .... मैं इस बात से सहमत नहीं हूँ. मित्र, रामायण तथा महाभारत में जिन स्थानों और समय या व्यक्तियों तथा घटनाओं का जिक्र है वो सभी या उनके निशान आज भी मौजूद हैं. महाभारत कल के सभी शहर (कुरुक्षेत्र,कंधार,इन्द्रप्रस्थ,मथुरा आदि ) आज भी मौजूद हैं. उनके बनाए हुए कुछेक किलों आदि के अवशेष भी मौजूद हैं. और यह एक ऐतिहासिक घटना थी इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता. हाँ कहीं कहीं अतिश्योक्ति अलंकर का उदाहरण देखने को मिल सकता है लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है की यह केवल मिथ्या बात है. रामायण काल के अवशेष केवल भारत ही नहीं अपितु श्रीलंका में भी मौजूद हैं. यहाँ तक की वानर सेना द्वारा बनाया गया सेतु भी अभी तक मौजूद है. इसी प्रकार के हजारों उदाहरण आपको भारत और विश्व के कई देशों में देखने को मिल जाएंगे जो इन ग्रंथों से सम्बंधित हैं. मित्र, उस ज़माने में कितना ही चतुर लेखक क्यों न हो पूरे भारत का और श्रीलंका का भ्रमण करके इतना बड़ा मनगढ़ंत ग्रन्थ नहीं लिख सकता. हाँ कहीं कहीं अलंकारों का प्रयोग अवश्य है लेकिन सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता. मित्र अटल जी, आपसे निवेदन है की कृपया पटाक्षेप करें तथा अपने अनमोल विचारों से इस सूत्र को जल्दी आगे बढाएं. धन्यवाद.
__________________
अच्छा वक्ता बनना है तो अच्छे श्रोता बनो, अच्छा लेखक बनना है तो अच्छे पाठक बनो, अच्छा गुरू बनना है तो अच्छे शिष्य बनो, अच्छा राजा बनना है तो अच्छा नागरिक बनो |
|
27-11-2010, 12:21 PM | #7 |
Diligent Member
Join Date: Nov 2010
Location: मुंबई
Posts: 1,335
Rep Power: 19 |
Re: हिन्दू धर्म - हज़ार करम ???
मेरी राय इस विषय पर यह है की पहले जब धर्म संस्थापकों ने जो की बहुत ही बुद्धिमान व आगे की सोचने वाले थे, उन्होंने समाज की भलाई के लिए नियम बनाये और उन्ही नियमों को धार्मिक नियमों में पिरो कर लागु करवाया जो की आज भी प्रासंगिक है. उदहारण:-
- सगोत्र में विवाह नहीं करना. आज विज्ञानं यह मानता है की सगोत्र में शादी से बहुत ही जटिलता उत्पन्न होती है. - सूर्यास्त के पहले भोजन करना. पहले आज की तरह बिजली नहीं थी, अंधरे में या कम रौशनी में आपके खाने में किट पतंग गिर जाये तो मालूम भी नहीं चले. -रजस्वला स्त्री का ५ दिन तक रसोई में वर्जना, पति से अलग सोना इत्यादि . इस समय स्त्री में दुर्बलता तथा चिडचिडापन आ जाता है तथा साफ सफाई के हिसाब से स्त्री को इन दिनों सम्पूर्ण आराम मिल जाता है. इसी प्रकार जब हम सामाजिक नियमों को मनन पूर्वक गौर करेगे तो हमें उनके होने पर और पालन करने में सार्थकता नजर आएगी. |
27-11-2010, 03:46 PM | #8 | |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Posts: 1,519
Rep Power: 21 |
Re: हिन्दू धर्म - हज़ार करम ???
Quote:
यदि आप पिछली पोस्ट को पढ़ें तो स्पष्ट होगा की ६०० BC तक हम अपनी देव कल्पना में ही सुधार कर रहे हैं | सर्व प्रमुख देव ही फिक्स नहीं हो पाए, त्रिदेव की संकल्पना नहीं है, जाती व्यवस्था है किन्तु कर्मप्रधान | आगे आप कुछ प्रविष्टियों बाद देखेंगे की कैसे धर्म में ये सारी चीजें घोली गयीं और देव रचित बना दिया गया जबकि वो ऐसे व्यक्ति द्वारा लिख दिए गए जिससे ज्यादा बाहरी दुनिया की जानकारी आजकल ४-५ साल के बच्चों को होती है | अरे बच्चों से बात याद आती है की ज़रा गौर फरमाइए आजकल बछ्स कितनी जल्दी मोबाइल ओपरेट करना सीख जाते हैं बनिस्पत घर के बुजुर्गों के ...यह विषय से सम्बंधित नहीं है, Just like that. |
|
27-11-2010, 03:55 PM | #9 | |
Special Member
Join Date: Nov 2010
Location: ♕★ ★ ★ ★ ★♕
Posts: 2,316
Rep Power: 27 |
Re: हिन्दू धर्म - हज़ार करम ???
यह विषय से सम्बंधित नहीं है ... aur sari duniya me in baato ko maana bhi nahi jaata ...
Quote:
|
|
Bookmarks |
|
|