21-11-2012, 10:38 PM | #11 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
-6 मई 2010 : निचली अदालत ने कसाब को मौत की सजा सुनाई। 21 फरवरी 2011 : बंबई उच्च न्यायालय ने कसाब को मौत की सजा बरकरार रखी। - मार्च 2011 : कसाब ने उच्चतम न्यायालय को पत्र लिख कर उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी। -10 अक्टूबर 2011 : उच्चतम न्यायालय ने कसाब को सुनाई गई मौत की सजा की तामील पर रोक लगाई। 10 अक्टूबर 2011 : कसाब ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि हमले के लिए उसके दिमाग में ‘रोबोट’ की तरह बातें भरी गईं और वह कम उम्र होने की वजह से मौत की सजा पाने का हकदार नहीं है। -18 अक्टूबर 2011 : उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार की अपील विचारार्थ स्वीकार की, जिसमें कसाब के सह आरोपियों फहीम अंसारी और सबाउद्दीन अहमद को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती दी गई थी। -31 जनवरी 2012 : कसाब ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि उसके खिलाफ मामले में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष सुनवाई नहीं हुई।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
21-11-2012, 10:41 PM | #12 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
-23 फरवरी 2012 : उच्चतम न्यायालय में मुंबई हमले के षड़यंत्रकारियों और उनके पाकिस्तानी आकाओं के बीच हुई बातचीत के अंश सुनवाए गए और नरसंहार के सीसीटीवी फुटेज दिखाए गए।
-25 अप्रेल 2012 : उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रखा। -29 अगस्त 2012 : उच्चतम न्यायालय ने कसाब की मौत की सजा तथा मामले में दो कथित भारतीय सह आरोपियों को बरी किए जाने का फैसला बरकरार रखा। :16 अक्टूबर 2012 : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से कसाब की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की। -5 नवंबर 2012 : राष्ट्रपति ने कसाब की दया याचिका ठुकराई। -आठ नवंबर 2012 : महाराष्ट्र सरकार को राष्ट्रपति के फैसले की सूचना मिली। -21 नवंबर 2012 : कसाब को पुणे स्थित यरवदा जेल में फांसी दी गई।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
21-11-2012, 11:01 PM | #13 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
मुंबई हमले के अपराधी अजमल कसाब को फांसी
मुंबई पर आतंकी हमले के करीब चार साल बाद अजमल कसाब को आज सुबह पुणे के यरवदा केन्द्रीय कारागार में फांसी पर लटका दिया गया। महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर. आर. पाटिल ने कसाब को फांसी दिए जाने के फौरन बाद मुंबई में बताया कि 25 वर्ष के कसाब को सुबह साढे सात बजे फांसी दे दी गई। पाकिस्तान को कसाब की फांसी के बारे में सूचित कर दिया गया था। मुंबई हमले की कानूनी प्रक्रिया समाप्त होने से इस हादसे से जुड़े लोगों को राहत मिली। चार बरस पहले पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने देश की वाणिज्यिक राजधानी पर वहशियाना हमला कर 166 लोगों की जान ले ली थी। 26 नवंबर 2008 को हुए इस हमले की गिरफ्त से मुंबई को मुक्त कराने में 60 घंटे का समय लगा और इस दौरान नौ उग्रवादियों को मार गिराया गया। दसवां हमलावर अजमल कसाब जीवित पकड़ लिया गया। जेल के अधिकारियों ने कसाब को फांसी देने के अभियान के विवरण के बारे में चुप्पी साधे रखी और पूरे अभियान को बड़ी गोपनीयता से अंजाम दिया गया। पता चला है कि फांसी से पहले कसाब ने कोई आखरी ख्वाहिश नहीं बताई। कसाब की सजा से बचने की तमाम कोशिशें असफल होने के बाद उसे फांसी पर लटकाया गया। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय के परामर्श पर कसाब की दया याचिका ठुकरा दी थी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान ने बताया कि कसाब को मुंबई की आर्थर रोड जेल से 19 नवंबर को पुणे की यरवदा जेल ले जाया गया था। महाराष्ट्र में कारागार महानिरीक्षक मीरन बोरवंकर ने कसाब की फांसी पर मीडिया के सवालों का जवाब देने से इंकार कर दिया। कसाब की फांसी का समाचार फैलते ही जेल के सामने तमाशबीनों की भीड़ लग गई। कसाब के अंतिम संस्कार के बारे में जेल अधिकारियों की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई और आधिकारिक तौर पर भी इस संबंध को कोई सूचना नहीं दी गई है। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि पाकिस्तान को कसाब की फांसी के संबंध में सूचित कर दिया गया था। शिंदे ने दिल्ली में कहा, ‘कसाब की फांसी से 26:11 मामले की कानूनी प्रक्रिया पूरी हो गई।’ इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तान सरकार को एक पत्र के जरिए कसाब की फांसी के संबंध में सूचित किया, लेकिन पाकस्तिान ने वह पत्र लेने से इंकार कर दिया, लिहाजा उसे फैक्स भेजा गया। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि फांसी के बारे में पाकिस्तान को सूचित करने का दायित्व निभाया गया। विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने कसाब को फांसी दिए जाने को देश की ‘जीत’ बताया। मामले में निकम पुलिस की तरफ से पेश हुए थे। पाटिल ने कहा, ‘कानून की स्थापित प्रक्रिया का पालन किया गया।’ उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा 8 नवंबर को कसाब की दया याचिका नामंजूर किए जाने के बाद उसे फांसी दी गई। उन्होंने बताया कि कसाब ने कोई आखरी ख्वाहिश जाहिर नहीं की। उन्होंने कहा, ‘यह बेगुनाह पीड़ितों, जिनमें पुलिसकर्मी और सुरक्षा अधिकारी शामिल थे, को सच्ची श्रद्धांजलि थी, जिन्होंने अपनी जान गंवा दी।’ पाटिल ने कहा, ‘मुंबई पर हमला पूरे देश पर हमला था।’ शिंदे ने कहा कि अब तक किसी ने कसाब के पार्थिव शरीर के लिए दावा नहीं किया है और अगर पाकिस्तान चाहेगा तो भारत कसाब के पार्थिव शरीर को पड़ोसी देश के हवाले कर देगा। गृह मंत्री ने कहा कि अगर कसाब को भारत में दफनाया जाता है तो कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि कोई समस्या होगी (अगर कसाब को भारत में दफनाया गया तो) क्योंकि भारत ने बहुत कुछ झेला है और सबने ... और इस देश ने त्रासदी को देखा है। मानवता के खिलाफ तीन दिन तक चले संघर्ष में 166 लोग मारे गए।’ खुर्शीद ने कहा कि पाकिस्तान ने कसाब का पार्थिव शरीर सौंपे जाने के बारे में भारत से कोई अनुरोध नहीं किया है। निकम ने कहा कि कसाब को फांसी देकर देश ने उन तमाम पुलिसकर्मियों और बेगुनाह लोगों को श्रद्धांजलि दी है, जिन्होंने इस हमले में अपने प्राण गंवाए। निकम ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, ‘कसाब को दोषी ठहराकर और फांसी देकर हमने यह साबित कर दिया कि पूरी साजिश को किस तरह से पाकिस्तान में रचा गया। हमने यह नजीर कायम की है कि भारत इस तरह के हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा और आरोपियों को कानून के दायरे में लाया जाएगा।’ निकम ने सत्र अदालत और उच्च न्यायालय में मामले की पैरवी की और उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमणियम के सहायक रहे। शिव सेना के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कसाब को फांसी दिए जाने का स्वागत करते हुए यरवदा जेल के बाहर ‘वन्दे मातरम’ के नारे लगाए और संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरू का इंसाफ भी जल्द किए जाने की मांग की। कसाब को मुंबई पर 2008 में हुए हमले में गिरफ्तार किए जाने के बाद से मुंबई की आर्थर रोड जेल में रखा गया था। उसे निचली अदालत ने छह मई 2010 को फांसी की सजा सुनाई, जिसे 21 फरवरी 2011 को बम्बई उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा। उच्चतम न्यायालय ने इस वर्ष 29 अगस्त को सजा को बहाल रखा। कसाब और अन्य हमलावरों ने 26 नवंबर 2008 को नौका से मुंबई में प्रवेश किया। उनके पास मोबाइल फोन, हथगोले और अत्याधुनिक हथियार थे। वह मुंबई में चारों तरफ फैल गए और आलीशान होटलों ताज महल और ओबेरॉय ट्राइडेंट, यहूदी केन्द्र चबाड हाउस और शहर के मुख्य रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस को निशाना बनाया।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
21-11-2012, 11:27 PM | #14 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
उम्मीद है कि मुंबई हमला मामले में पाकिस्तान कानून का पालन करेगा : खुर्शीद
भारत ने आज उम्मीद जताई कि पाकिस्तान में मुंबई हमला मामले की सुनवाई में कानून का पालन किया जाएगा जैसा यहां अजमल कसाब के मामले में किया गया । विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘साफ कहूं तो, हमने (अजमल कसाब के मामले में) कानून को अपना काम करने दिया । इसी तरह हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान में भी कानून का पालन किया जाएगा । भारत और पाकिस्तान में आपराधिक प्रक्रियाओं के बीच अधिक अंतर नहीं है ।’ खुर्शीद, मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले में जीवित पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी कसाब को फांसी दिए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे । पाकिस्तानी आतंकवादी कसाब को पुणे की यरवदा जेल में आज सुबह फांसी दे दी गई । खुर्शीद ने कहा कि ‘अत्यंत दुखद घटना’ में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई थी और पाकिस्तान में इस हमले के षड्यंत्रकारियों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है । उन्होंने कहा कि कसाब के मामले में भारत ने कानून का पालन किया और यहां तक कि, उसे (कसाब को) राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल करने का मौका भी दिया गया । विदेश मंत्री ने कहा ‘इससे पता चलता है कि हम सबको बराबर समझते हैं । कानून सब पर लागू होता है और यह सबके लिए बराबर होता है ।’ खुर्शीद ने कहा कि कानूनी जरूरतों के मुताबिक भारत ने पाकिस्तान सरकार और कसाब के परिवार को उसे फांसी दिए जाने के बारे में सूचित किया है । उन्होंने कहा ‘हमने पाकिस्तान विदेश मंत्रालय को एक फैक्स संदेश भेजा है । :इस घटनाक्रम पर: संवाद का और दूसरा तरीका नहीं है। हालांकि संदेश स्वीकार नहीं किया गया लेकिन हमने अपना दायित्व पूरा किया ।’ खुर्शीद ने कहा कि कसाब ने अपने अपराध की स्वीकारोक्ति के दौरान जो पता बताया था, उस पते पर उसकी फांसी की सूचना देते हुए एक कूरियर भी भेजा गया है । उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान सरकार या कसाब के परिवार ने उसका पार्थिव शरीर सौंपे जाने के लिए भारत से कोई अनुरोध किया है ? इस पर खुर्शीद ने कहा कि ऐसा कोई अनुरोध नहीं मिला है । एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अपने नागरिक के बारे में पूछना पाकिस्तान की जिम्मेदारी है । उन्होंने कहा ‘हमने इस अपरिहार्य घटनाक्रम के बारे में पाकिस्तान में एक पते पर सूचना दी है ।’ विदेश मंत्री ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक की भारत यात्रा कसाब को फांसी की वजह से टाल दी गई । उन्होंने कहा ‘मैं नहीं सोचता कि इन बातों में कोई संबंध है । यात्रा का फैसला जरूरत के आधार पर किया जाता है । गृह मंत्रालय ने आकलन किया है । इस बात पर सहमति बनी है कि संसद का सत्र चालू रहने की वजह से यह अनुकूल समय नहीं होगा । बाद में अनुकूल समय पर फैसला किया जाएगा।’
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
21-11-2012, 11:34 PM | #15 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
पाकिस्तान ने कसाब की फांसी के फैसले पर भेजा पत्र नहीं लिया : शिंदे
भारत ने 2008 के मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब को फांसी दिए जाने के फैसले के बारे में पाकिस्तान सरकार और कसाब के परिवार के सदस्यों को पहले ही सूचना दे दी थी, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने इस संबंध में भेजे गए पत्र को लेने से इंकार कर दिया। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने यह जानकारी दी। शिंदे ने मुंबई हमले के एकमात्र जीवित अपराधी अजमल कसाब को फांसी दिए जाने के कुछ घंटों बाद यहां संवाददाताओं को बताया, ‘विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के जरिए पाकिस्तान सरकार को कसाब को फांसी दिए जाने के बारे में सूचित किया था। जब उन्होंने संबंधित पत्र को स्वीकार नहीं किया तो उन्हें फैक्स के जरिए सूचित किया गया।’ केन्द्रीय गृह सचिव आर के सिंह ने बताया कि पाकिस्तान में रहने वाले कसाब के परिवार के सदस्यों को इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने इस बारे में सूचित किया। सिंह ने कहा, ‘उसके परिवार के सदस्यों को हमारे उच्चायोग ने कूरियर भेजकर सूचित किया। हमारे पास उस कूरियर की रसीद है, जिसे महाराष्ट्र सरकार को सौंप दिया गया है।’ शिंदे ने कहा कि अब तक किसी ने 25 वर्षीय कसाब का पार्थिव शरीर लेने के लिए संपर्क नहीं किया है और अगर पाकिस्तान इसे लेने के लिए दावा करता है तो भारत उसे पड़ोसी देश के हवाले कर देगा। गृह मंत्री ने कहा कि अगर कसाब को भारत में भी दफनाया जाता है तो कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि कोई समस्या होगी (अगर कसाब को भारत में दफनाया गया तो) क्योंकि भारत ने बहुत कुछ झेला है और सबने ... और इस देश ने त्रासदी को देखा है। मानवता के खिलाफ तीन दिन तक चले संघर्ष में 166 लोग मारे गए।’ कसाब को फांसी पर लटकाए जाने के पहले के घटनाक्रम के बारे में जानकारी देते हुए शिंदे ने कहा कि गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से सिफारिश की थी कि वह कसाब की दया याचिका को ठुकरा दें और उन्होंने ऐसा ही किया। कसाब की दया याचिका को राष्ट्रपति ने पांच नवंबर को नामंजूर किया। शिंदे ने फांसी के पूरे घटनाक्रम को गोपनीय रखे जाने को महत्वपूर्ण करार देते हुए बताया, ‘राष्ट्रपति ने पांच नवंबर को दया याचिका ठुकराई। मैंने सात नवंबर को उसपर दस्तखत किए और आठ नवंबर को महाराष्ट्र सरकार से कार्रवाई करने को कहा गया । यह फैसला किया गया कि कसाब को 21 नवंबर को सवेरे साढे सात बजे फांसी दी जाएगी और उसी के अनुसार आज सुबह यह प्रक्रिया समाप्त हुई।’ गृह मंत्रालय ने एक संक्षिप्त आधिकारिक बयान में कहा कि मौत की सजा पाए आरोपी मोहम्मद अजमल मोहम्मद आमिर कसाब की दया याचिका राष्ट्रपति ने पांच नवंबर को ठुकरा दी। आज सुबह साढे सात बजे पुणे के यरवदा केन्द्रीय कारागार में सजा की तामील की गई। शिंदे को फांसी पर लटकाने के लिए आज के दिन का चुनाव क्यों किया गया, इस बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने कहा कि अदालत ने पहले इस बारे में फैसला किया था और कसाब की फाइल में भी यह दर्ज है और गृह मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की। यह पूछे जाने पर कि क्या संप्रग सरकार कसाब की फांसी के जरिए राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है, शिंदे ने कहा, ‘फायदा उठाने का कोई सवाल ही नहीं है। यह फैसला पहले ही हो चुका था।’ गृह मंत्री ने इस बारे में कुछ कहने से इंकार कर दिया कि संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरू के मामले में फैसला कब किया जाएगा, क्योंकि उसकी दया याचिका भी राष्ट्रपति के विचारार्थ है।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
22-11-2012, 12:28 AM | #16 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
भारत ने की जल्दबाजी, सरबजीत पर होगा असर -पाक
मुंबई आतंकवादी हमले के सजायाफ्ता आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को फांसी पर पाकिस्तान ने कहा है कि भारत के राष्टñपति ने कसाब की दया याचिका खारिज करने में जल्दबाजी की तथा पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत की दया याचिका पर भी इसका असर पड़ने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। हालांकि पाकिस्तान ने यह भी कहा है कि वह भारत की न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करता है। पाकिस्तान की मीडिया में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास ने पाकिस्तान सरकार को कसाब की फांसी के बारे में सूचना पत्र से दी गई, लेकिन पाकिस्तान ने इसे लेने से इन्कार कर दिया। पाकिस्तान ने कहा कि कसाब से पहले अन्य लोगों की दया याचिका लंबित थी, लेकिन भारत के राष्टñपति ने कसाब की याचिका उनसे पहले ही खारिज कर दी। इस बीच 26/।। के इस हमले की जांच कर रहे पाकिस्तानी पैनल के एक वकील ने कहा कि यदि कसाब जीवित होता तो उससे अहम जानकारियां हासिल की जा सकतीं थीं। वकील ने सवाल किया कि यह संदेह उठता है कि उसे फांसी पर चढ़ाए जाने के राजनीतिक आयाम तो नहीं हैं। यदि कसाब को पाकिस्तान की अदालत में पेश किया गया होता या पैनल को उससे पूछताछ करने दिया गया होता तो वह अहम सबूत साबित हो सकता था, लेकिन उसे फांसी पर चढ़ाद जाने का कुछ राजनीतिक मकसद होने का संदेह होता है। पाकिस्तान में स्वतंत्र न्यायपालिका है। पाकिस्तान प्रशासन ने अगस्त में भारत से आग्रह किया था कि वह उसके वकीलों को कसाब समेत प्रमुख चश्मदीद गवाहों से पूछताछ की अनुमति दी।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
22-11-2012, 01:21 AM | #17 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
पाली की मासूम देविका ने भी दी थी गवाही
आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी के तख्ते तक पहुंचाने में पाली की एक 11 वर्षीय बालिका देविका की भी अहम भूमिका रही। आतंकी वारदात की चश्मदीद गवाह देविका ने कसाब के खिलाफ मुंबई अदालत में बयान दिए थे। पाली के व्यवसायी नटवरलाल रोटावर की बेटी मुंबई में आतंकी हमले के वक्त सीएसटी पर खड़ी थी, तभी कसाब और उसके दो साथियों ने अंधाधुध गोलीबारी की, जिसमें 72 लोगों की जान चली गई थी। अपने पिता की अंगुली पकड़ कर वहां स्टेशन के बाहर खड़ी देविका के पैर में गोली लगी थी। गोली लगने से देविका विकलांग हो गए है और उसे बैसाखी का सहारा लेकर चलना पड़ रहा है। जून 2011 को देविका ने मुंबई की भरी अदालत में हमलावर अजमल कसाब को पहचान लिया था। देविका के पिता नटवरलाल ने भी तब अदालत में गवाही दी थी।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
22-11-2012, 01:31 AM | #18 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
आपरेशन-एक्स से हुआ द एंड
कसाब को फांसी पर लटकाने के पूरे प्लान को नाम दिया गया आपरेशन-एक्स, जबकि महाराष्ट्र में इसे ‘आपरेशन बुद्धा स्माइल’ नाम दिया गया। इस आपरेशन को पूरी तरह से गुप्त रखा गया था। इसे अंजाम देने के लिए 17 अधिकारियों की स्पेशल टीम बनाई गई थी, जिनमें से 15 अधिकारी मुंबई पुलिस से ही थे। जिस वक्त आपरेशन-एक्स को अंजाम दिया जा रहा था, उस दौरान 17 में से 15 अधिकारियों के फोन बंद थे। इनमें से सिर्फ ऐंटिटेरर सेल के चीफ राकेश मारिया और जॉइंट कमिश्नर आफ पुलिस देवेन भारती के सेलफोन आन थे।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
22-11-2012, 01:32 AM | #19 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
5 नवंबर को लगी थी मौत पर मुहर
अजमल कसाब की फांसी 5 नवंबर को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा दया याचिका खारिज करने के बाद ही तय हो गई थी। 5 नवंबर को राष्ट्रपति ने पत्र को हस्ताक्षर करके गृह मंत्रालय के पास भेज दिया था, जिसके बाद 7 नवंबर को गृह मंत्री ने भी इसपर हस्ताक्षर कर दिए। 8 नवंबर को महाराष्ट्र सरकार को बताने के बाद 21 नवंबर को कसाब की फांसी तय हो गई थी।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
22-11-2012, 01:33 AM | #20 |
Super Moderator
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182 |
Re: कसाब को फांसी से मनी दूसरी दिवाली
दोबारा ऐसी गलती नहीं करूंगा
फांसी पर लटकाए जाने से पहले कसाब को काफी पछतावा था। यह पछतावा उसके अंतिम बोल में दिखा। पुणे के जेल में सुबह साढ़े सात बजे फांसी पर लटकाए जाने से कुछ देर पहले कसाब से उसकी अंतिम इच्छा पूछी गई, इस पर कसाब ने कथित तौर पर यरवदा जेल के जेलर से कहा कि उसकी कोई अंतिम इच्छा नहीं है। साथ ही वसीयत के बारे में भी उसने कहा कि उसकी कोई वसीयत नहीं है। कसाब ने कहा कि अल्लाह की कसम, दोबारा ऐसी गलती नहीं करूंगा। उसने कहा कि मैरी मौत की खबर अम्मी को दे देना। जेल अधिकारी ने बताया कि उसके हावभाव से हमने यह अंदाजा लगाया कि वह बहुत घबराया हुआ था। हालांकि जब उसे फांसी पर चढ़ाने के लिए उसकी कोठरी से बाहर लाया गया तो वह शांत बना रहा। कसाब ने नमाज पढ़ी और सवाल किया कि क्या उसके परिवार को उसकी फांसी के बारे में सूचना दी गई है, जिस पर जेल अधिकारियों ने सकारात्मक जवाब दिया। डेथ वारंट पर किए हस्ताक्षर कसाब को पता था कि उसे 21 नवंबर की सुबह फांसी पर लटकाया जाएगा। कसाब को मुंबई की आर्थर रोड जेल से 19 नवंबर को पुणे की यरवदा जेल ले जाए जाने से पहले उससे उसके डेथ वारंट (मौत का वारंट) पर हस्ताक्षर कराए गए थे। यरवडा जेल में फांसी और दफन कसाब को पुणे की यरवडा जेल में बुधवार सुबह फांसी दिए जाने के बाद उसे वहीं जेल परिसर में दफना दिया गया। कसाब को मुम्बई की आॅर्थर रोड जेल से पुणे की यरवडा जेल में स्थानांतरित किया गया था। डॉक्टरों द्वारा मृत घोषित किए जाने के बाद उसे जेल परिसर में ही सुबह करीब साढेþ नौ बजे दफना दिया गया। फांसी चढ़ाए जाने से पहले अधिकारियों ने जेल मैन्युअल का पूरा पालन किया। कसाब के मामले में वही नियम अपनाए गए, जो आम कैदियों को फांसी चढ़ाते वक्त अपनाए जाते हैं। सुबह फांसी पर लटकाने से पहले डॉक्टरों ने कसाब का चेकअप किया।
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु |
Bookmarks |
|
|