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12-12-2014, 04:06 PM | #1 |
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अनसुलझे रहस्य
अनसुलझे रहस्य नाम ही काफी है सूत्र को समझाने के लिए
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************************************ मेरी चित्रशाला : दिल दोस्ती प्यार ....या ... . तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,... तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये .. एक " तुम " और एक मोहब्बत तेरी, बस इन दो लफ़्ज़ों में " दुनिया " मेरी.. ************************************* |
12-12-2014, 04:13 PM | #2 |
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Re: अनसुलझे रहस्य
कुछ पुरातात्विक खोजे जिन्होंने वैज्ञानिकों को कर रखा है हैरान और परेशान विशव में हर साल बहुत सी पुरातात्विक खोजे की जाती है। इन खोजो से हमे हमारे पिछले समय के बारे में काफी जानकारी मिलती है। लेकिन कभी कभी कुछ ऐसी खोजे हो जाती है जिसका रहस्य वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाते है जैसे की सहारा के सुदूर रेगिस्तान में बना पत्थरो का ढांचा , या फिर कुछ ऐसी खोजे होती है जो वैज्ञानिको को हैरान कर के रख देती है जैसे की नवाडा में मिला विशाल इंसानी जबड़ा। हम आपको आज कुछ ऐसी ही खोजो के बारे में विस्तार से बताएँगे। 1. शुद्ध लोहे से बना करोडो साल पुराना हथोड़ा (Hammer of the purest iron alloy) :- इस धरती पर अब तक हुई पुरातात्विक खोजो में से इस खोज ने वैज्ञानिको को सबसे ज्यादा हैरान किया है। अमेरिका में सन 1934 में 140 मिलियन साल पुरानी लाइमस्टोन की चट्टानों में एक लोहे की हथोडी मिली। जब वैज्ञानिको ने इसका प्रयोगशाला मेंअध्यन्न किया तो वो दो कारणों से हैरान रह गए। पहला की हथौड़े में लगा हुआ लकड़ी का हैंडल अंदर से कोयल बन चूका था, यानी की वो कई मिलियन साल पुरानी थी। दूसरा हैरान करने वाला कारण लोहे की एक दम शुद्ध अवस्था थी। इतना शुद्ध लोहा धरती की किसी भी खदान से आज तक नहीं निकला है। लोहे की शुद्धता का अंदाज़ा इस बात से पता चलता है की 1934 में उसे चट्टान से निकलते वक़्त खरोच लगी थी पर 80 साल बाद आज तक भी उस पर जंग लगने के कोई लक्षण नहीं है। वैज्ञानिक इस हथौड़े का अनुमानित समय 145 से 60 मिलियन साल पूर्व मानते है यानी की करोडो साल पूर्व जबकि मानव जाती ने 10000 साल पहले ही इस तरह के औजार बनाना सीखा है।
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12-12-2014, 04:15 PM | #3 |
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Re: अनसुलझे रहस्य
2.सहारा रेगिस्तान में पत्थरों से बना खगोलीय ढांचा (Astronomically aligned stones in Sahara desert ) :- Astronomically aligned stones in Sahara desert सहारा के सुदूर रेगिस्तान में स्तिथ पत्थरो का यह ढांचा दुनिया के सबसे बड़े रहस्यों में से एक है। 1973 में पुरातत्व शास्त्री पहली बार यहां पहुंचे थे। 1998 में प्रोफेसर फ्रेड वैंडोर्फ की टीम ने पत्थरों के इस स्ट्रक्चर का अध्ययन किया तो पता चला कि ये करीब 6000 साल ईसा पूर्व में बनाया गया है। नाब्टा प्लाया में मिले पत्थर के स्ट्रक्चर पर रिसर्च करने से पता चला है कि ये खगोल शास्त्र और ज्योतिष से संबंधित थे। सवाल ये है कि इतनी सहस्र शताब्दियों पहले उन लोगों ने इतना विकास कैसे कर लिया था। तब वे इसका इस्तेमाल किस तरह करते थे? ये आज भी एक रहस्य बना हुआ है।
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12-12-2014, 04:17 PM | #4 |
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Re: अनसुलझे रहस्य
3. चीनी मोजैक लाइन्स (Chinese Mosaic lines) :- Chinese mosaic lines तस्वीर में दिख रहे ये अजीबो-गरीब लकीरें 40 डिग्री 27'28.56 उत्तर व 93 डिग्री 23'24.42 पूर्व दिशा में देखी गई हैं। इस विचित्र कृति के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। चीन के गानसू शेंग के रेगिस्तान में ये लकीरें बनी हुई हैं। अंग्रेजी में इसे चीनी मोजैक लाइन्स कहा जाता है। कुछ आंकड़े बताते हैं कि 2004 में इन लकीरों को खींचा गया था। अहम बात ये है कि ये लकीरें मोगाओ की गुफा के आसपास बनाई गई हैं, जिसे वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा प्राप्त है। दिलचस्प पहलू यह है कि चट्टान के ऊबड़-खाबड़ होने के बाद भी लंबे अरसे से लकीरें बिल्कुल सीधी ही हैं।
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12-12-2014, 04:19 PM | #5 |
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Re: अनसुलझे रहस्य
4. पत्थर की गुड़िया (Stone Doll) :- Stone Doll 1889 में ईदाहो के नाम्पा में अचानक वैज्ञानिकों का रूझान बढ़ गया। वजह थी खुदाई के दौरान मिली पत्थर की गुड़िया। इसे मानव हाथों द्वारा बनाया गया है। पत्थर की ये गुड़िया 320 फीट की गहराई में खुदाई के दौरान मिली थी। इसे देख तब अंदाजा लगाया गया कि दुनिया में मानव जाति के अस्तित्व में आने के बाद शायद इस गुड़िया को बनाया गया होगा। हालांकि, पर्दे के पीछे की सच्चाई अभी भी अबूझ रहस्य बनी हुई है।
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12-12-2014, 04:21 PM | #6 |
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Re: अनसुलझे रहस्य
5. तीन सौ मिलियन साल पुराना लोहे का पेंच (Iron bolt, age 300 million years) :- Iron bolt, age 300 million years 1998 में रूसी वैज्ञानिक दक्षिण-पश्चिम मॉस्को से करीब 300 किलोमीटर दूर एक उल्का के अवशेष की जांच कर रहे थे। इस दौरान उन्हें एक पत्थर का टुकड़ा मिला, जिसमें लोहे का पेंच संलग्न था। भूवैज्ञानिकों के मुताबिक, ये पत्थर 300 मिलियन (30 करोड़) साल पुराना है। तब न तो कोई प्रबुद्ध प्रजाति हुआ करती थी और न ही धरती पर डायनासोर हुआ करते थे। पत्थर के बीच लोहे का पेंच साफ दिखाई पड़ता है। इसकी लंबाई एक सेंटीमीटर और व्यास तीन मिलीमीटर है।
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12-12-2014, 04:31 PM | #7 |
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Re: अनसुलझे रहस्य
11. भीमकाय इंसानी जबड़ा - नेवाडा, अमेरिका (Giant Human Jaws, Nevada -America ) :-
(Giant Human Jaws, Nevada -America ऐसा कहा जाता है कि नेवाडा में लाल बाल वाले 12 फीट लंबे इंसान रहा करते थे। ये कहानी अमेरिकियों द्वारा एक गुफा में भीमकाय लोगों की हत्या से जुड़ी है। 1911 में खुदाई के दौरान ये मानव जबड़ा मिला है। तस्वीर में सामान्य व भीमकाय जबड़े को एकसाथ तुलना कर दिखाया गया है। इसके अलावा 1931 में दो मानव कंकाल भी मिले थे, जिनकी लंबाई 8 व 10 फीट थी।
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12-12-2014, 04:33 PM | #8 |
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Re: अनसुलझे रहस्य
12. एल्युमीनियम कील - रोमानिया (Aluminium Wedge - Romania) :-
Aluminium Wedge - Romania [IMG]12. एल्युमीनियम कील - रोमानिया (Aluminium Wedge - Romania) :- Aluminium Wedge - Romania 1974 में त्रानसिलवेनिया की मुर्स नदी में 20, 000 साल पुराने मैस्तदन की हड्डियों के साथ एक अलुमिनिम की कील मिली थी। इस कील पर आक्साइड की एक मिलीमीटर मोटी परत चढ़ी हुई थी। वैज्ञानिकों के मुताबिक, कील 300-400 साल पुरानी है। गौरतलब है कि अलुमिनियम हमेशा अन्य धातुओं के साथ मिश्रित पाया जाता है, लेकिन चार सौ साल पुरानी ये कील विशुद्ध अलुमिनियम की बनी हुई है। वैज्ञानिकों के बीच अबूझ पहेली ये है कि 1808 के पहले तक अलुमिनियम की खोज ही नहीं हुई थी। ऐसे में चार सौ साल पहले विशुद्ध अलुमिनियम कैसे आ सकता है।[/IMG] 1974 में त्रानसिलवेनिया की मुर्स नदी में 20, 000 साल पुराने मैस्तदन की हड्डियों के साथ एक अलुमिनिम की कील मिली थी। इस कील पर आक्साइड की एक मिलीमीटर मोटी परत चढ़ी हुई थी। वैज्ञानिकों के मुताबिक, कील 300-400 साल पुरानी है। गौरतलब है कि अलुमिनियम हमेशा अन्य धातुओं के साथ मिश्रित पाया जाता है, लेकिन चार सौ साल पुरानी ये कील विशुद्ध अलुमिनियम की बनी हुई है। वैज्ञानिकों के बीच अबूझ पहेली ये है कि 1808 के पहले तक अलुमिनियम की खोज ही नहीं हुई थी। ऐसे में चार सौ साल पहले विशुद्ध अलुमिनियम कैसे आ सकता है।
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12-12-2014, 05:15 PM | #9 |
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Re: अनसुलझे रहस्य
ऋषि-मुनियों और अवतारों की भूमि 'भारत' एक रहस्यमय देश है। यदि धर्म कहीं है तो सिर्फ यहीं है। यदि संत कहीं हैं तो सिर्फ यहीं हैं। माना कि आजकल धर्म, अधर्म की राह पर चल पड़ा है। माना कि अब नकली संतों की भरमार है फिर भी यहां की भूमि ही धर्म और संत है।
एक बार ओशो ने जानकारी दी थी कि 1937 में तिब्*बत और चीन के बीच बोकाना पर्वत की एक गुफा में 716 पत्*थर के रिकार्डर मिले हैं- पत्*थर के। आकार में वे रिकॉर्ड हैं। महावीर से 10 हजार साल पुराने यानी आज से कोई साढ़े 13 हजार साल पुराने। ये रिकॉर्डर बड़े आश्*चर्य के हैं, क्*योंकि ये रिकॉर्डर ठीक वैसे ही हैं, जैसे ग्रामोफोन का रिकॉर्ड होता है। ठीक उसके बीच में एक छेद है और पत्*थर पर ग्रूव्*ज है, जैसे कि ग्रामोफोन के रिकॉर्ड पर होते हैं। अब तक राज नहीं खोला जा सका है कि वे किस यंत्र पर बजाए जा सकेंगे। लेकिन एक बात तो हो गई है- रूस के एक बड़े वैज्ञानिक डॉ. सर्जीएव ने वर्षों तक मेहनत करके यह प्रमाणित कर दिया है कि वे हैं तो रिकॉर्ड ही। किस यंत्र पर और किस सुई के माध्*यम से वे पुनर्जीवित हो सकेंगे, यह अभी तय नहीं हो सका। अगर एकाध पत्*थर का टुकड़ा होता तो सांयोगिक भी हो सकता है। 716 हैं। सब एक जैसे, जिनमें बीच में छेद हैं। सब पर ग्रूव्*ज है और उनकी पूरी तरह सफाई धूल-ध्वांस जब अलग कर दी गई और जब विद्युत यंत्रों से उनकी परीक्षा की गई, तब बड़ी हैरान हुई। उनसे प्रति पल विद्युत की किरणें विकिरणित हो रही हैं। लेकिन क्*या आदमी के आज से 12 हजार साल पहले ऐसी कोई व्*यवस्*था थी कि वह पत्*थरों में कुछ रिकॉर्ड कर सके? तब तो हमें सारा इतिहास और ढंग से लिखना होगा। भारत में ऐसे कई स्थान हैं जिनका आज भी रहस्य बरकरार है। इन अनसुलझे रहस्यों को सुलझाने का क्या कोई प्रयास कर रहा है? वैसे तो भारत में हजारों अनसुलझे रहस्य हैं लेकिन यहां प्रस्तुत हैं प्रमुख 10 अनसुलझे रहस्य।
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13-12-2014, 02:10 PM | #10 |
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Re: अनसुलझे रहस्य
मित्र देवराज जी, इस सूत्र में आपने बहुमूल्य योगदान दिया है. आपका लिखने का स्टाइल रोचक है सभी पोस्टों में गज़ब की जानकारी दी गई है. इनमे से कुछ के बारे में पहले पढ़ा भी है जैसे मेक्सिको में प्राप्त प्रस्तर संरचनाएं और तिब्बत में मिले पत्थर के रिकॉर्ड. इनके बारे में हर जिज्ञासु को पता होना चाहिए. कृपया सूत्र को अपडेट करते रहें. आपक बहुत बहुत धन्यवाद.
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आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
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