05-09-2014, 11:18 PM | #11 |
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Re: एक लम्बी प्रेम कहानी
जैसे ही क्लिनिक पर पहूंचा कि रीना के पिताजी पर नजर पड़ी, वह रो रहे थे। रीना की मां को देखने के लिए दोनों अन्दर गए। वैसे तो मुझे हिम्मत नहीं होती पर मास्टर साहव साथ थे। वे बेहोशी की हालत में थी और कभी कभी उनकी आंख खुल जाती थी। जैसे ही मैं उनके पास जा कर खड़ा हुआ उनकी आंखों में आंसू छलक गए। मैने उनको आश्वासन देने के लिए उनके हाथ का स्पर्श किया कि तभी उन्होने मेरे हाथ का कस कर पकड़ लिया। मैं बिचलित हो गया। एक मां आज अपनी बेचैनी को जाहिर कर रही थी, शायद यह अपनी बेटी के लिए थी।
रीना घर में सबसे छोटी रहने के कारण नकचढ़ी और बदमाश थी पर घर के सभी लोग उसको खूब चाहते थे पर जब से अपना प्र्रसंग आया है उसके घर में उसके मां को छोड़ सबका स्वभाव उसके प्रति बदल गया है जिस बात का जिक्र रीना ने कई बार किया था। एक बार रीना ने यह भी बताया कि मां से अपनी शादी की बात की थी और उसने बाबूजी को भी बताया था पर बाबूजी बहुत गरम होकर बोले कि:- ‘‘मेरी लाश पर ही यह शादी होगी। ओकर रोजिए की है जे हम अपन बेटी के ओकर संग बियाहबै।’’ शाम में जब कोचिंग से लौट कर मैं अपने डेरा में बैठा तभी उधर से मास्टर साहब आए । वह बहुत उदास थे। ‘‘की होलई मास्टर साहब’’ ‘‘की होतई हो, अर्जून दा के कन्याय गुजर गेलखिन। बेचारी लक्ष्मी हलखिन’’ >>>
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