27-04-2013, 08:33 AM | #31 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: श्री कृष्ण महिर थे इन ६४ क्लो में
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
27-04-2013, 08:34 AM | #32 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: श्री कृष्ण महिर थे इन ६४ क्लो में
53- चित्रकारी 54- दांत, वस्त्र और अंगों को रंगना 55- शय्या-रचना 56- मणियों की फर्श बनाना यानी घर के फर्श के कुछ हिस्से में मोती, रत्नों से जड़ना।
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
27-04-2013, 08:35 AM | #33 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: श्री कृष्ण महिर थे इन ६४ क्लो में
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
27-04-2013, 08:36 AM | #34 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: श्री कृष्ण महिर थे इन ६४ क्लो में
57- कूटनीति 58- ग्रंथों के पढ़ाने की चातुरी 59- नयी-नयी बातें निकालना 60- समस्यापूर्ति करना
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
27-04-2013, 08:36 AM | #35 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: श्री कृष्ण महिर थे इन ६४ क्लो में
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
27-04-2013, 08:38 AM | #36 |
VIP Member
Join Date: Nov 2012
Location: MP INDIA
Posts: 42,448
Rep Power: 144 |
Re: श्री कृष्ण महिर थे इन ६४ क्लो में
61- समस्त कोशों का ज्ञान 62- मन में कटक रचना करना यानी किसी श्लोक आदि में छूटे पद या चरण को मन से पूरा करना। 63-छल से काम निकालना 64- कानों के पत्तों की रचना करना यानी शंख, हाथीदांत सहित कई तरह के कान के गहने तैयार करना
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !! दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !! |
27-04-2013, 08:53 PM | #37 |
VIP Member
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 244 |
Re: श्री कृष्ण महिर थे इन ६४ कलाओं में
|
Bookmarks |
|
|