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Old 15-09-2012, 08:49 PM   #971
Dark Saint Alaick
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Default Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें

होठों का कंपन पढ़ कंप्यूटर बताएगा आपकी भावनाएं

कुआलालंपुर। मलेशिया में एक ऐसे कंप्यूटर को विकसित किया जा रहा है जो किसी भी व्यक्ति के होठों की गतिविधियों (लिप रीडिंग) को देखकर उनकी भावनाओं को प्रदर्शित कर सकेगा। इस कंप्यूटर की मदद से विकलांग लोग ध्वनि संवाहक मशीन (वायस सिंथेसाइजर्स) का इस्तेमाल बखूबी कर सकेंगे। मनिपाल इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता कार्तिगायन मुथुकारप्पन तथा उनके सहयोगियों ने जिनेटिक लॉगरथिम की मदद से एक ऐसी प्रणाली तैयार की है जो चेहरे की विभिन्न मुद्राओं के दौरान होठों की आकृतियों से भावनाओं को दर्शा सकेगा। इन शोधकर्ताओं ने दक्षिण पूर्व एशिया और जापान के लोगों के विभन्न मनोभावों, जैसे खुशी, गम, डर, गुस्सा, आश्चर्य, हताशा और प्राकृतिक हावभाव दर्शाने वाले फोटो इस कंप्यूटर की प्रणाली में डाले गए हैं। जैसे आश्चर्य के समय किसी व्यक्ति के होंठ गोलाकार आकृति ले लेते हैं तो कंप्यूटर यह भांप सकेगा कि उसके सामने वाला किसी चीज को लेकर आश्चर्य में है। गुस्से के दौरान व्यक्तियों का चेहरा तमतमा जाता है और जबड़े एक-दूसरे से टकराने लगते हैं। इस शोध में कहा गया है कि बाहरी मनोदशाओं को दर्शाने में होठों की विशेष भूमिका होती है और हर हावभाव में इनकी आकृति बदल जाती है। कंप्यूटर व्यक्ति के चेहरे और होठों की आकृतियों को पहचान कर उससे मिलती जुलती आवाज निकालेगा। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है जो बोलने की क्षमता खो चुके हैं।
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Old 15-09-2012, 08:49 PM   #972
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Default Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें

काश, मंगल पर न मिले पानी या बर्फ

लॉस एंजिलिस। मंगल ग्रह के रहस्यों का पता लगाने के लिए वहां गया ‘क्यूरोसिटी’ रोवर अब लाल ग्रह की पथरीली सतह को खोदने के लिए तैयार है जबकि नासा के वैज्ञानिक यह दुआ मना रहे हैं कि वहां क्यूरोसिटी को पानी या बर्फ न मिले। लॉस एंजिलिस टाइम्स की खबर में कहा गया है कि क्यूरोसिटी के जिस उपकरण से खुदाई की जानी है वह शायद पृथ्वी के जीवाणुओं से संक्रमित हो क्योंकि वहां पिछली बार इस उपकरण से खुदाई पूरी तरह जीवाणुरहित माहौल में नहीं हुई थी। अगर यह उपकरण खुदाई के दौरान पानी को छू ले तो निश्चित रूप से प्रदूषण फैल सकता है। वैज्ञानिकों ने मंगल के गाले के्रटर के समीप वाले ठंडे, शुष्क विषुवत क्षेत्र को लाल ग्रह के भू-विज्ञान के अध्ययन के लिए चुना है। वह इस ग्रह की सतह पर पानी या बर्फ पाए जाने की संभावना का पता नहीं लगा रहे हैं। खबर में कहा गया है कि अगर रोवर को पानी मिल जाता तो वह विवाद खुल कर सामने आ जाएगा जिसमें नासा करीब साल भर से उलझा हुआ है। हो सकता है कि क्यूरोसिटी के खुदाई करने वाले उपकरण पर पृथ्वी में पाए जाने वाले जीवाणु लगे हों। इस उपकरण के पानी के संपर्क में आने पर जीवाणु पानी में पहुंच कर जीवित रह सकते हैं और उनकी संख्या भी बढ़ सकती है।
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Old 15-09-2012, 08:50 PM   #973
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कम खाना खाते हैं मोटे बच्चे

वाशिंगटन। किसी मोटे बच्चे को देखकर शायद आपको लगे कि वह दिनभर खाना खाता रहता होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। ये मोटे बच्चे अपेन स्वस्थ सहकर्मियों के मुकाबले कम खाना खाते हैं। अमेरिका की यूनिवर्सिटी आफ नार्थ कैरोलिना स्कूल आॅफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने नौ वर्ष से 17 वर्ष तक की उम्र के मोटे बच्चों और उनके आयु वर्ग के स्वस्थ बच्चों की खानपान की आदतों का अध्ययन करके पाया कि स्वस्थ बच्चों की तुलना में मोटे बच्चे कम खाना खाते हैं। ऐसा इसलिए है कि स्वस्थ बच्चे ज्यादा भागदौड़ करते हैं और उनकी कैलोरी खपत ज्यादा होती है, जबकि मोटे और थुलथुल बच्चे भाग-दौड़ नहीं कर पाते। शोध दल के प्रमुख एशले काकरेल स्किनर के मुताबिक बच्चे एक बार थुलथुल हो गए तो वे आगे भी ऐसे ही बने रहते है। बचपन में ज्यादा खाने की आदत से बच्चे मोटे हो जाते हैं और आगे जाकर भी यही क्रम चलता रहता है लेकिन वे स्वस्थ बच्चों की तुलना में कम खाते है।
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Old 16-09-2012, 04:31 AM   #974
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अब आने वाली है अपशिष्ट से चलने वाली कार

वेलिंगटन। अब पेट्रोल की जगह मानव अपशिष्ट से गाड़ी चलाने के लिये तैयार हो जाइये। एक रिपोर्र्ट के अनुसार अगले तीन सालों में एक ऐसी गाड़ी आने वाली है जिसमें पेट्रोल की जगह अपशिष्ट से तैयार सह उत्पाद को र्इंंधन की तरह इस्तेमताल किया जायेगा। जापान की एक कार निर्माता कंपनी ऐसे दल को प्रायोजित कर रही है जो अपशिष्ट को हाईड्रोजन में बदलने की प्रक्रिया पर शोध कर रहा है। इस दल की योजना है कि अपशिष्ट से हाईड्रोजन बनायी जाये और इस ही हाइड्रोजन को इंधन की तरह प्रयोग किया जाये। जापान के ‘निक्की’ समाचार पत्र के अनुसार, फ्यूल सेल (हाइड्रोजन आधारित) वाहनों को बिजली से चलने वाले वाहनों से बेहतर माना जात है क्योंकि वह ज्यादा लंबी दूरी तय कर सकते हैं और कोयले जैसे क्षय स्रोत से पैदा होने वाली बिजली पर आश्रित नहीं होते। इन वाहनों में हाइड्रोजन और आक्सीजन के बीच रसायनिक क्रिया होती है जिससे गाड़ी को चलाने के लिये बिजली पैदा होती है। इन वाहनों में से धुएं की जगह पानी बाहर आता है। हालांकि इन वाहनों के व्यापारिक इस्तेमाल में सबसे बड़ी बाधा हाइड्रोजन की निर्माण प्रक्रिया है। इसके निर्माण में शामिल क्रिया मंहगी और जटिल है। इसमें प्राकतिक गैस या किसी जीवाश्म से बने ईंधन का इस्तेमाल करना होता है। वहीं शोध दल का कहना है कि अपशिष्ट से हाईड्रोजन पैदा करना सस्ता तो है ही साथ ही साथ यह पर्यावरण के लिय परंपरागत प्रक्रिया से ज्यादा हितकारी है। इस प्रक्रिया में अपशिष्ट के कीचड़ को सुखा कर उससे मीथेन गैस बनायी जाती है जिसे गर्म कर उसे हाइड्रोजन में तब्दील किया जाता है।
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Old 16-09-2012, 04:33 AM   #975
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नये अणु के परीक्षण का कार्य दूसरे दौर में: ग्लेनमार्क

दिल्ली। दवा कंपनी ग्लेनमार्क फर्मास्युटिकल्स का आंत के अलसर के इलाज में काम आने वाली नयी दवा के लिए जरूरी अणु के परीक्षण का काम दूसरे चरण में पहुंच गया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसकी सहायक इकाई ग्लेनमार्क फर्मास्युटिकल्स एसए नये अणु जीबीआर 500 के प्रभाव और सुरक्षा के आकलन के वास्ते उत्तरी अमेरिका और यूरोप के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों पर परीक्षण करेगी। बयान में कहा गया है कि उम्मीद है कि परीक्षण का काम आंत अलसर से प्रभावित करीब 84 रोगियों पर किया जाएगा।
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Old 16-09-2012, 04:37 AM   #976
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धूम्रपान करने वाली महिलाओं को ओवेरियन कैंसर का अधिक खतरा

लंदन। धूम्रपान से होने वाले खतरों से तो हम वाकिफ थे ही लेकिन पहली बार धूम्रपान करने वाली महिलाओं के ओवेरियन कैंसर से ग्रसित होने की अधिक आशंका की पुष्टि की गयी है। आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा स्थापित कोलेबोरेटिव ग्रुप आन एवीडमोलोजिकल स्टडीज आफ ओवेरियन कैंसर द्वारा हाल ही में कराये गये अध्ययन में पहली बार यह खुलासा किया गया है। इस अध्ययन में कुर्टिन यूनिवर्सिटी के दो प्रोफेसर एंडी ली और कोलिन बिंस ने हिस्सा लिया। श्री बिंस ने बताया कि इससे पहले भी कराये गये अध्ययनों में महिलाओं में धूम्रमान की आदत का ओवेरियन कैंसर से रिश्ता साबित हुआ था लेकिन इस रिश्ते को साफ तौर पर प्रमाणित नहीं किया जा सका था। इस बार कराये गये अध्ययन से जो परिणाम प्राप्त हुये हैं उनसे पहली बार यह पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है कि धूम्रपान का महिलाओं में एक विशेष प्रकार के ओवेरियन कैंसर म्यूसिनायड ट्यूमर से सीधा.सीधा संबंध है। यूनिवर्सिटी द्वारा जारी बयान के अनुसार महिलाओं में होने वाले ओवेरियन कैंसर में ।5 प्रतिशत मामले म्यूसिनायड ट्यूमर के ही हैं। बिंस ने कहा कि अभी इस संबंध में और शोध किये जाने की जरुरत है लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि महिलाओं को धूम्रपान छोडना चाहिए। बिंस ने कहा ..इस तरह के कैंसर में ग्रीन टी पीने. फल और सब्जियों के सेवन. रोज एक्सरसाइज से काफी फायदा मिलता है लेकिन धूम्रपान छोडना ओवेरियन कैंसर से बचने का सबसे अच्छा उपाय है।
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Old 16-09-2012, 02:56 PM   #977
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ब्रिटेन में बच्चों के कारण साथ रह रहे जीवनसाथी

लंदन। ब्रिटेन में हर दस शादीशुदा जोड़ों में महज एक बस बच्चों के लिए साथ रहते हैं और बच्चों के बड़े हो जाने पर अपने जीवनसाथी से अलग हो जाने की योजना बनाते रहते हैं। एक अध्ययन में कहा गया है कि करीब 83 फीसदी दम्पतियों ने महसूस किया कि बच्चों के भले के लिए उन्होंने आपसी मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन केवल पांच फीसदी लोग अपने प्रयास में सफल हुए। डेली मेल की खबर के मुताबिक जिन शादीशुदा जोड़ों ने कहा कि वे बस बच्चों के साथ-साथ रहे हैं और उनके सामने अपने को दम्पति के रूप में पेश करते हैं, उनमें से 72 फीसदी ने कहा कि वे वाकई में अपने को अपने जीवनसाथी से अलग मानते हैं। हर तीन शादीशुदा जोड़ों में एक ने अपने दोस्तों और परिवार को इस तथ्य से अवगत करा दिया है कि उनकी हमेशा अपने जीवनसाथी के साथ रहने की योजना नहीं है। इस अध्ययन से यह बात भी खुलकर सामने आई कि अलग होने योजना बना रहे हर दस शादीशुदा जोड़ों में छह बस इसलिए साथ रह रहे हैं कि उनके बच्चे कम से कम 18 साल के हो जाएं और अक्सर वे बच्चे के विश्वविद्यालय में पहुंच जाने का इंतजार करते है। ब्रेक अप एंड बेरेवमेंट सपोर्ट वेबसाइट पर यह अध्ययन आया है। अध्ययन में करीब 2000 दम्पतियों से पूछताछ की गई थी।
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Old 16-09-2012, 03:13 PM   #978
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तंबाकू के कारण हो सकता है बांझपन व गर्भपात

नई दिल्ली। तंबाकू के सेवन से न सिर्फ मुंह, ग्रसनी, फेफड़ों और पेट का कैंसर हो सकता है बल्कि आॅस्टियोपोरोसिस, बांझपन, गर्भपात और त्वचा पर झुर्रियां भी इसी निकोटिन की वजह से हो सकते हैं। सीताराम भरतिया इंस्टीट्यूट आफ साइंस एंड रिसर्च के वरिष्ठ आर्थोपेडिक एवं जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. बीरेन नादकर्णी ने बताया कि निकोटिन हड्डियों को कई तरह से प्रभावित करता है। यह हड्डियां बनाने वाली कोशिकाओं ‘आस्टियोब्लास्ट’ को नष्ट करता है, जिससे अधिकतम ‘बोन मास’ का विकास बाधित होता है और हड्डियां ठीक से विकसित नहीं हो पातीं। इसका नतीजा फ्रैक्चर के रूप में सामने आता है। उन्होंने कहा कि निकोटिन से रक्त वाहिनियों को भी क्षति पहुंचती है जिससे हड्डियों, त्वचा या अन्य अंगों को रक्त की आपूर्ति बाधित होती है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुभा सिंह ने कहा कि बांझपन का एक कारण तंबाकू भी हो सकता है। पुरुषों में तंबाकू के सेवन से, शुक्राणुओं की औसत संख्या कम हो जाती है और उनकी गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। महिलाओं में निकोटिन के कारण प्रजनन सम्बंधी हार्मोन प्रभावित होते हैं। गर्भवती महिलाओं का गर्भपात हो सकता है और गर्भस्थ शिशु का विकास भी बाधित हो सकता है। डॉ. सिंह ने बताया कि कभी-कभी गर्भनाल के जरिए तंबाकू के कैंसरकारी तत्व शिशु के शरीर में पहुंच जाते हैं और वह जन्मजात विकृति का शिकार बन सकता है। तंबाकू का सेवन करने वाली महिलाओं के शिशुओं का वजन सामान्य से कम होता है और उनकी प्रतिरोधक क्षमता भी न्यूनतम होती है। डॉ. नादकर्णी ने कहा कि तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन करने वाली महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है, जबकि यह हार्मोन हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत जरूरी है। निकोटिन की वजह से जिगर में एस्ट्रोजन नष्ट करने वाले एंजाइम अधिक मात्रा में बनने लगते हैं। इसके अलावा, निकोटिन हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी अन्य हार्मोनों के उत्पादन पर भी असर डालता है। डॉ नादकर्णी ने बताया कि तंबाकू की वजह से महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद हड्डियों का क्षरण बहुत तेजी से होने लगता है। कॉस्मेटोलॉजिस्ट और होमियोपैथ फिजीशियन डॉ. करुणा महरोत्रा ने कहा कि रक्त नलिकाओं को निकोटिन के कारण क्षति पहुंचने से रक्त प्रवाह बाधित होता है और त्वचा को समुचित आॅक्सीजन तथा पोषण नहीं मिल पाता। तंबाकू के सेवन से उन फाइबर्स को नुकसान पहुंचता है जिनके कारण त्वचा लचीली बनी रहती है। यही वजह है कि तंबाकू का सेवन करने वालों की त्वचा कांतिहीन दिखती है और उसमें समय से पहले झुर्रियां पड़ जाती हैं।
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Old 16-09-2012, 03:15 PM   #979
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महिलाओं को आकर्षक लगते हैं लंबे कद वाले पुरुष

लंदन। जब प्यार की बात हो तो कद महत्व रखता है। एक नए अध्ययन के अनुसार ऊंचे कद वाले लोगों में यौन आकर्षण ज्यादा होता है। अध्ययन में पाया गया कि कोई युगल कद में अंतर के बारे में तय करने के बाद ही चेहरे, व्यक्ति और शरीर के आकार के बारे में सोचता है। डेली मेल में प्रकाशित खबर के अनुसार पुरुष महिलाओं को नीची निगाहों से देखना चाहते हैं जबकि महिलाओं को लंबे कद वाले पुरुष आकर्षित करते हैं। वैज्ञानिकों ने इसके लिए एक आदर्श अनुपात भी तैयार किया है। उनके अनुसार एक पुरुष को अपनी साथी की तुलना में 1.09 गुना लंबा होना चाहिए। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि यह 1.09 : 1 अनुपात में होना चाहिए। पोलैंड के डॉ. बी पवलोवस्की द्वारा किए गए इस अध्ययन को रायल सोसाइटी में प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन के अनुसार लोग प्राय: इसी अनुपात में अपना भागीदार चुनते हैं। अध्ययन के अनुसार 5 फुट आठ इंच वाली महिला के लिए आदर्श साथी का कदम छह फुट दो इंच होना चाहिए।
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कुछ देर रोने से बच्चे की सेहत को नहीं होता खतरा

मेलबर्न। एक नए अध्ययन में आस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि अगर बच्चे कुछ देर तक रोते हैं तो उससे उनकी सेहत पर कोई दीर्घकालिक खतरा पैदा नहीं होता है। मर्डोक चिल्ड्रनस रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए इस अध्ययन में छह वर्षीय बच्चों के समूह पर शुरूआती परवरिश की तकनीकों के प्रभाव का अध्ययन किया गया था। एबीसी की खबर के अनुसार, इस संस्थान की वैज्ञानिक एना प्राइस ने बताया कि मां-बाप द्वारा थोड़े समय के लिए अपने बच्चों को थका हुआ छोड़ देना बच्चों और मां-बाप दोनों के लिए ही फायदेमंद होता है। प्राइस ने कहा कि बच्चों के माता-पिता को एक संक्षिप्त निद्रा कार्यक्रम दिया गया। इसके जरिए वे अपने बच्चे की नींद में भी सुधार ला सके और बच्चे की मां की नींद के साथ-साथ उनके मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधार सके। प्राइस ने सुझाव दिया कि जो माता-पिता अपने बच्चे को रोते हुए नहीं सुनना चाहते उन्हें कुछ समय के लिए बच्चे के कमरे से बाहर चले जाना चाहिए। यह एक अच्छा विकल्प है।
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