05-04-2020, 09:51 AM | #1 |
Diligent Member
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कोरोना संकट पर दोहे
■■■■■■■■■■■■■■ ऐसी विपदा आ गयी, हुये सभी मजबूर। लम्बी दूरी नापते, पैदल ही मजदूर।। आया रोग जहाज से, सहम गए हैं लोग। लाये इसे अमीर पर, रंक रहे हैं भोग।। जीवन की हर ओर ही, सूख रही है डाल। मन रोता है देखकर, इस दुनिया का हाल।। शहर नहीं अब गाँव भी, लगते हैं वीरान। अनहोनी की फिक्र में, अटक गई है जान।। नया युद्ध कौशल यही, उचित यही है ढंग। घर में छुपकर ही लड़ें, कोरोना से जंग।। दोहे -आकाश महेशपुरी दिनांक- ०३/०४/२०२० ■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरनाथ जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश मो. 9919080399 Last edited by आकाश महेशपुरी; 05-04-2020 at 11:20 AM. |
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