My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Hindi Forum > Blogs
Home Rules Facebook Register FAQ Community

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 10-06-2019, 10:40 AM   #1
dipu
VIP Member
 
dipu's Avatar
 
Join Date: May 2011
Location: Rohtak (heart of haryana)
Posts: 10,193
Rep Power: 91
dipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond reputedipu has a reputation beyond repute
Send a message via Yahoo to dipu
Default Tips: ऐसे बढ़ाएं अपनी याददाश्त

Tips: ऐसे बढ़ाएं अपनी याददाश्त

संगीत के सकारात्मक प्रभाव दुनिया में शायद ही कोई मनुष्य ऐसा होगा, जिसे संगीत प्यारा न लगता हो। जब हम अकेला महसूस करते हैं तो संगीत सुनते हैं। जब मन दुखी होता है तो हम संगीत सुनते हैं। जब किसी की याद आती है तब सुगीत हमें संबल देता है। कहा भी गया है कि संगीत सुनने से हमारे दिमाग की संरचना बदल जाती है। याददाश्त को मजबूत रखने के लिए तथा कई मानसिक बीमारियों के लिए भी संगीत थेरेपी बहुत कारगर सिद्ध हुई है।



किसी ने सही कहा है कि ‘याददाश्त की वजह से ही हमारी जिंदगी अर्थवान बनती है। अगर याददाश्त न होती तो हर सुबह हम अपने लिए ही अजनबी होते। आईना भी हमारी पहचान न करा पाता।’ अमेरिका के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक विलियम जेम्स कहते हैं कि दिमाग के सही इस्तेमाल के लिए जरूरी चीजों को याद रखना भी एक कला है। यदि हम हर चीज को याद रखने की कोशिश करेंगे तो हमारा दिमाग परेशान हो जाएगा और सही वक्त पर एक चीज भी याद नहीं आएगी। हमें चाहिए कि हम केवल जरूरी चीजों को ही याद रखें। इंसानी दिमाग में सीखने और याद रखने की कमाल की काबिलियत है। हमें इस काबिलियत का बेहतरीन ढंग से इस्तेमाल करना आना चाहिए।

इस्तेमाल से और बढ़ेगा दिमाग: हमारे दिमाग का औसत वजन करीब 1.4 किलोग्राम होता है। छोटे से दिमाग में करीब 100 अरब तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं। तंत्रिकाओं के फैले जाल में दुनियाभर की जानकारियां इकट्ठा करने तथा उसे सुरक्षित रखने की क्षमता होती है। कहा जाता है कि सामान्यत: हम अपने मस्तिष्क की क्षमता का 8 से 10 फीसदी भाग ही इस्तेमाल करते हैं। याददाश्त को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए मस्तिष्क की क्षमता का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए। कुछ न कुछ ऐसा करते रहना चाहिए, जिसमें दिमाग का उपयोग हो।
अच्छी नींद से बढ़ाएं क्षमता: अच्छी नींद का असर दिमाग की कार्यशैली पर पड़ता है। अगर रात में अच्छी नींद न आए, तो सुबह दिमाग की कार्यशैली में जबरदस्त फर्क पड़ता है, जो याददाश्त और सीखने के लिए जरूरी है। यूनिवर्सिटी ऑफ जेनेवा के एक शोध से भी इस बात का खुलासा हुआ है कि अच्छी नींद से दिमाग सीखे गए अनुभवों को और मजबूत करके इकट्ठा कर लेता है। उनके शोध में यह निष्कर्ष भी निकले कि हम दिन में चीजें सीखते हैं और रात में उसे करीने से सजाकर याद करते हैं।
नए-नए हुनर की तालीम: हम अपने दिमाग को नए-नए हुनर की तालीम देकर अपनी याददाश्त बढ़ा सकते हैं। अध्ययन बताते हैं कि हमारी याददाश्त हमारी मांसपेशियों की तरह होती है। हम जितना ज्यादा इनका इस्तेमाल करेंगे, वे उतनी ही मजबूत होंगी। फिर चाहे हम कितने ही बूढ़े क्यों न हो जाएं। वैज्ञानिक शोधों से भी इस बात की पुष्टि होती है कि बचपन में सीखी गई भाषाएं वृद्धावस्था में व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती हैं। नए-नए हुनर, नई भाषाएं या कोई साज-बजाना सीखने के जरिए हम अपनी याददाश्त को और पैना कर सकते हैं।

सीखें शॉर्ट टेक्निक: पहले के समय में भाषण देने वाले वक्ता लंबे-लंबे भाषण बिना नोट्स के दे देते थे। इसके लिए वे लघु तकनीक (जिसे ‘निमेनिक’ कहते हैं) का इस्तेमाल करते थे। यह एक ऐसी तकनीक है, जिसमें विचारों के संगठन, कल्पना या संबंध जुड़ जाते हैं, जैसे किसी बात को याद रखने के लिए सड़क का कोई खास पहचान चिह्न्, कमरे या घर की कोई खास वस्तु ध्यान में रखना। तमाम ऐसे लोग किसी जानकारी को मन में सिलसिलेवार ढंग से रख लेते हैं। वे जिन बातों को याद रखना चाहते हैं, उन्हें किसी खास पहचान चिह्न् या वस्तु के साथ जोड़ देते हैं। उदाहरण के लिए, इंद्रधनुष के सात रंगों- बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल को याद करने के लिए उन रंगों के पहले अक्षर को जोड़कर एक नया शब्द ‘बैंजानीहपीनाला’ बनाया जा सकता है।
सजाएं रंगों की दुनिया: हमारा दिमाग हमारे पूरे शरीर की जानकारियों का स्टोररूम है। कहा गया है नीले व हरे रंग का प्रभाव इस स्टोररूम पर बहुत अच्छा पड़ता है। याददाश्त को चुस्त रखने के लिए इन रंगों का सहारा लिया जा सकता है। ड्राइंग तथा पेंटिंग में रंगों का इस्तेमाल याददाश्त को चुस्त रखने में सहायक हो सकता है।
कुछ सिखाइए भी: याददाश्त को तंदुरुस्त रखने के लिए जहां सीखना जरूरी है, वहीं दूसरों को सिखाने में भी कुछ न कुछ समय लगाएं।
सोर्स : अमर उजाला
__________________



Disclamer :- All the My Post are Free Available On INTERNET Posted By Somebody Else, I'm Not VIOLATING Any COPYRIGHTED LAW. If Anything Is Against LAW, Please Notify So That It Can Be Removed.
dipu is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks


Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 09:59 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.