|
06-01-2017, 04:20 AM | #1 |
Diligent Member
|
ग़ज़ल- उसे अपने दिल की सुनाता नहीं मैं
ग़ज़ल- उसे अपने दिल की सुनाता नहीं मैं
●○●○●○●○●○●○●○●○●○●○●○●○● उसे अपने दिल की सुनाता नहीं मैं कि पत्थर पे आँसू बहाता नहीं मैं हूँ मैं ही वजह उसके सारे दुखों का यही सोचकर मुँह दिखाता नहीं मैं वो रूठा है जबसे, सूकूं ही सूकूं है दिगर बात है मुस्कुराता नहीं मैं नज़र में बसाना नज़र से गिराना क्या उसको समझ में ही आता नहीं मैं है "आकाश" कुछ तो सितमगर की खूबी तभी तो उसे भूल पाता नहीं मैं ग़ज़ल- आकाश महेशपुरी ●○●○●○●○●○●○●○●○●○●○● पता- वकील कुशवाहा "आकाश महेशपुरी" ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जिला- कुशीनगर |
06-01-2017, 08:36 PM | #2 | |
Super Moderator
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241 |
Re: ग़ज़ल- उसे अपने दिल की सुनाता नहीं मैं
Quote:
__________________
आ नो भद्रा: क्रतवो यन्तु विश्वतः (ऋग्वेद) (Let noble thoughts come to us from every side) |
|
10-01-2017, 06:13 PM | #3 |
Diligent Member
|
Re: ग़ज़ल- उसे अपने दिल की सुनाता नहीं मैं
|
07-01-2017, 10:17 PM | #4 |
Member
Join Date: Jun 2013
Posts: 15
Rep Power: 0 |
Re: ग़ज़ल- उसे अपने दिल की सुनाता नहीं मैं
बहुत सुन्दर वाहहहह कमाल
|
10-01-2017, 06:14 PM | #5 |
Diligent Member
|
Re: ग़ज़ल- उसे अपने दिल की सुनाता नहीं मैं
|
Bookmarks |
|
|