21-09-2011, 08:27 AM | #1 |
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हिन्दी शायरी
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21-09-2011, 08:28 AM | #2 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“ना दिल से होता है ना दिमाक से होता है
ये प्*यार तो इतफाक से होता है और क्*या कहे प्*यार करके भी प्*यार न मिले ये इतफाक सिर्फ हामारे साथ होता हैं” |
21-09-2011, 08:28 AM | #3 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“आंसू पौछकर हंसाया है मुझे
मेरी गलती पर भी सीने से लगाया है मुझे कैसे प्*यार न हो ऐसे दोस्*त से जिसकी दोस्*ती ने जीना सिखाया है मुझै” |
21-09-2011, 08:28 AM | #4 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“तु दिल में ना जाये तो मैं क्*या करू
तु ख्*यालों से ना जाये तो मैं क्*या करू कहते है ख्*वावों में होगी मुलाकात उनसे पर नींद न आये तो मैं क्*या करू” |
21-09-2011, 08:28 AM | #5 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“प्*यार गुनाह है तो होने ना देना
प्*यार खुदा है तो खोने ना देना करते हो प्*यार जब किसी से तो कभी उस प्*यार को रोने ना देना” |
21-09-2011, 08:28 AM | #6 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“बिकता अगर प्*यार जो कौन नहीं खरीदता
बिकती अगर खुशियां तो कौन उसे बेचता दर्द अगर बिकता तो हम आपसे खरीद लेते और आपकी खुशियों के लिए हम खुद को बेच देते” |
21-09-2011, 08:29 AM | #7 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“काश खुशियों की कोई दुकान होती
हमें भी उसकी पहचान होती भर देते आपकी जिन्*दगी को खुशियों से किमत चाहे उसकी हमारी जान होती” |
21-09-2011, 08:29 AM | #8 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“जिन्*दगी की राहों में बहुत से यार मिलेगें
हम क्*या हमसे भी अच्*छे हजार मिलेगें इन अच्*छों की भीड में हमे ना भूला देना हम कहॉ आपको बार बार मिलेगें” |
21-09-2011, 08:29 AM | #9 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“दिल में बसता है दिल ए यार
जब चाहा सर झुकाया और कर लिया दिदार आखों में है आपके प्*यार का सरूर आप ही ना जाने हमारा क्*या कसूर |
21-09-2011, 08:29 AM | #10 |
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Re: हिन्*दी शायरी
“आप पास रहे या दूर
हम दिल से दिल की आवाज मिला सकते है ना खत के, ना टेलिफोन के मौहजात है हम आपके दिल को एक हिचकी से हिला सकते है हम |
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