07-10-2012, 01:44 PM | #1 |
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बीरबल की साजिश
आगरा की गलियों में आजकल एक ही गीत गुनगुनाया जा रहा है ” अनारकली डिस्को चली”. तानसेन के सुरों की तान भी इस गीत ने फीकी कर दी है, वो भी दीपक राग छोड़कर डिस्को राग पर ज्यादा रियाज़ कर रहे हैं जिस से की शहंशाह – ए – हिन्दोस्तान जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर को नए नए राग सुना सकें.
हुआ यूँ की अचानक शहंशाह अकबर ने अपना पुराना फरमान की “अनारकली को दीवार में चुनवा दिया जाए” को वापस ले लिया और अनारकली को आज़ाद कर दिया उसकी जंजीरें खोल दी गयीं, बस कैदखाने से निकलने के बाद अनारकली ने जो ये नया गाना कम्पोज़ किया और दिल दहला देने वाला डांस किया की सारा आगरा शहर डांस करने लगा. जब गाने के बोल शहंशाह – ए – हिन्दोस्तान के कानों में पड़े और अनारकली के डांस के बारे में उन्होंने सुना तो, वो सलीम से मिलने उसके महल गए ………!
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घर से निकले थे लौट कर आने को मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए बिगड़ैल |
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