My Hindi Forum

Go Back   My Hindi Forum > Hindi Forum > Blogs

Reply
 
Thread Tools Display Modes
Old 24-09-2014, 07:55 AM   #21
Deep_
Moderator
 
Deep_'s Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Posts: 1,810
Rep Power: 38
Deep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond reputeDeep_ has a reputation beyond repute
Default Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है

Quote:
Originally Posted by Pavitra View Post
हम सभी जीवन जी रहे हैं , पर वास्तव में इस जीवन का उद्देश्य क्या है ? हम क्या प्राप्त करना चाहते हैं ? जीवन में सबसे आवश्यक क्या है ?
पवित्रा जी।
अगर में कहुं, आपने आते ही फोरम पर धुम मचा दी है तो अतिशयोक्ति नही होगी. आपके नए सुत्र और पुराने सुत्रो पर आपका योगदान भी प्रशंसा-पात्र है। में समझता हुं, मेरे बाकी मित्र भी ईस बात से सहमत होंगे।

मेरे मतानुसार जीवन क्या है, जीवन का उद्देश्य क्या होना चाहीए ईस के बारे में वेद-ग्रंथ में जो लिखा है वही सत्य होगा। चाहे हम जिस धर्म के हो, हमारे लिए धर्मग्रंथ बने हुए है जहां विद्वानो ने मंथन कर के जीवन का पुरा नीचोड लिखा है।

समय, काल के परिवर्तन के साथ हम भी बदल जातें है। आज ईस अत्याधुनीक युग में यह सब सोचने का समयभी नही मिलता। हमारी प्रायोरीटी बदल जाती है। हमे उलझन में डालने वाली बहुत सी चीजें यहां उपलब्ध है। हमारे पास ईतने सारे ओप्शन है, ईतने सारे मार्ग, जानकारीयां, उदाहरण, ट्युटोरीयल उपलब्ध है कि हम समझ ही नही पाते के सही-गलत क्या है! वास्तव में सही-गलत की परिभाषा भी बदल गई है!

फिर बी कोई फर्क नहि पडना चाहीए अगर समय बदल गया है, क्यों की वेद-उपनिषद लिखनेवालों को यह भी सोचा ही होगा। समय भी क्या चीज़ है। ईश्वर न करे लेकिन अगर फिर से कीसी कारणवश यह सब समाप्त हो जाए....शुरुआत तो शुरु से ही होगी! वही...आदिमानवो से एन्ड्रोईड तक

में आपके प्रश्नो से भटक नही रहा....लेकिन में यही सोचता हुं। ग्रंथो में जो लिखा है, जीवन माया है, उसका उदेश्य सबका भला करना है, हमे सिर्फ पुण्य एवं ज्ञान प्राप्त करना चाहीए और आखरी प्रश्न का उत्तर है..सबसे आवश्यक ईन सब प्रश्नोको मनमें जगाए रखना है!

Deep_ is offline   Reply With Quote
Old 24-09-2014, 08:40 AM   #22
Rajat Vynar
Diligent Member
 
Rajat Vynar's Avatar
 
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29
Rajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant future
Talking Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है

Quote:
Originally Posted by Deep_ View Post
पवित्रा जी।
अगर में कहुं, आपने आते ही फोरम पर धुम मचा दी है तो अतिशयोक्ति नही होगी.
धूम क्यों नहीं मचेगी? Our foursome is kind of inevitable! क्यों, पवित्रा जी?
Rajat Vynar is offline   Reply With Quote
Old 24-09-2014, 08:58 AM   #23
Rajat Vynar
Diligent Member
 
Rajat Vynar's Avatar
 
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29
Rajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant future
Talking Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है

Quote:
Originally Posted by Pavitra View Post
रजत जी , एक बार फिर से मुझे आपकी बात समझने में परेशानी हो रही है। कुछ पाने के बदले में कुछ और देना ??? धारा 37 ???
मेरा IQ level अभी average के आंकड़े को भी नहीं छू पाया है और आप above average level की बातें लिख रहे हैं। थोड़ा detail में लिखा कीजिये जिससे मेरे छोटे से दिमाग पर ज़्यादा ज़ोर न पड़े। :P
वित्रा जी, आप कहतीं हैं- ‘जो पाने की अभिलाषा हो वो देना शुरू करें’. यह हमारे देश की प्राचीनतम वस्तु-विनिमय व्यवस्था (barter system) के विरुद्ध है क्योंकि यदि किसी के पास कोई चीज़ पहले से है तो वह चीज़ वह दूसरे से लेना क्यों पसंद करेगा? उदाहरण के लिए यह कल्पना कीजिए कि आप, मैं और सोनी जी किसान हैं. सोनी जी के पास तरबूज का खेत है, आपके पास केले का और मेरे पास खरबूजे का. अब यह स्पष्ट है कि जिसके पास तरबूज का खेत है वह तरबूज के बदले तरबूज तो लेगा नहीं. तरबूज के बदले केला या खरबूजा लेना चाहेगा. इसीलिए तो मैंने कहा कि कुछ पानेके बदले उसके समतुल्य कुछ औरदेने का प्रस्ताव भी मान्य होना चाहिए.
Rajat Vynar is offline   Reply With Quote
Old 24-09-2014, 02:24 PM   #24
Pavitra
Moderator
 
Pavitra's Avatar
 
Join Date: Sep 2014
Location: UP
Posts: 623
Rep Power: 31
Pavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond repute
Default Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है

Quote:
Originally Posted by Deep_ View Post
पवित्रा जी।
अगर में कहुं, आपने आते ही फोरम पर धुम मचा दी है तो अतिशयोक्ति नही होगी. आपके नए सुत्र और पुराने सुत्रो पर आपका योगदान भी प्रशंसा-पात्र है। में समझता हुं, मेरे बाकी मित्र भी ईस बात से सहमत होंगे।

मेरे मतानुसार जीवन क्या है, जीवन का उद्देश्य क्या होना चाहीए ईस के बारे में वेद-ग्रंथ में जो लिखा है वही सत्य होगा। चाहे हम जिस धर्म के हो, हमारे लिए धर्मग्रंथ बने हुए है जहां विद्वानो ने मंथन कर के जीवन का पुरा नीचोड लिखा है।

समय, काल के परिवर्तन के साथ हम भी बदल जातें है। आज ईस अत्याधुनीक युग में यह सब सोचने का समयभी नही मिलता। हमारी प्रायोरीटी बदल जाती है। हमे उलझन में डालने वाली बहुत सी चीजें यहां उपलब्ध है। हमारे पास ईतने सारे ओप्शन है, ईतने सारे मार्ग, जानकारीयां, उदाहरण, ट्युटोरीयल उपलब्ध है कि हम समझ ही नही पाते के सही-गलत क्या है! वास्तव में सही-गलत की परिभाषा भी बदल गई है!

फिर बी कोई फर्क नहि पडना चाहीए अगर समय बदल गया है, क्यों की वेद-उपनिषद लिखनेवालों को यह भी सोचा ही होगा। समय भी क्या चीज़ है। ईश्वर न करे लेकिन अगर फिर से कीसी कारणवश यह सब समाप्त हो जाए....शुरुआत तो शुरु से ही होगी! वही...आदिमानवो से एन्ड्रोईड तक

में आपके प्रश्नो से भटक नही रहा....लेकिन में यही सोचता हुं। ग्रंथो में जो लिखा है, जीवन माया है, उसका उदेश्य सबका भला करना है, हमे सिर्फ पुण्य एवं ज्ञान प्राप्त करना चाहीए और आखरी प्रश्न का उत्तर है..सबसे आवश्यक ईन सब प्रश्नोको मनमें जगाए रखना है!


ये आप सभी का प्रोत्साहन , सहयोग और आप सब से मिली प्रेरणा है जिसकी वजह से मैं फोरम पर थोड़ा बहुत योगदान दे पा रही हूँ। आप सभी आगे भी इसी तरह प्रेरित करते रहे यही अभिलाषा है।

मेरी जिज्ञासा के विषय में अपने विचार प्रकट करने के लिए हार्दिक धन्यवाद , मेरा मानना भी यही है कि जीवन का उद्देश्य तो मानव-कल्याण ही होना चाहिए।
Pavitra is offline   Reply With Quote
Old 24-09-2014, 02:31 PM   #25
Pavitra
Moderator
 
Pavitra's Avatar
 
Join Date: Sep 2014
Location: UP
Posts: 623
Rep Power: 31
Pavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond repute
Default Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है

Quote:
Originally Posted by rajat vynar View Post
धूम क्यों नहीं मचेगी? our foursome is kind of inevitable! क्यों, पवित्रा जी?



जी बिलकुल। …। वैसे ये तो पक्की बात है कि जब तक कोई कमेंट न करे तो लिखने में मज़ा ही नहीं आता। … इसलिए ऐसे ही एक्टिविटी जारी रखिये।
Pavitra is offline   Reply With Quote
Old 24-09-2014, 02:38 PM   #26
Pavitra
Moderator
 
Pavitra's Avatar
 
Join Date: Sep 2014
Location: UP
Posts: 623
Rep Power: 31
Pavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond repute
Default Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है

Quote:
Originally Posted by Rajat Vynar View Post
वित्रा जी, आप कहतीं हैं- ‘जो पाने की अभिलाषा हो वो देना शुरू करें’. यह हमारे देश की प्राचीनतम वस्तु-विनिमय व्यवस्था (barter system) के विरुद्ध है क्योंकि यदि किसी के पास कोई चीज़ पहले से है तो वह चीज़ वह दूसरे से लेना क्यों पसंद करेगा? उदाहरण के लिए यह कल्पना कीजिए कि आप, मैं और सोनी जी किसान हैं. सोनी जी के पास तरबूज का खेत है, आपके पास केले का और मेरे पास खरबूजे का. अब यह स्पष्ट है कि जिसके पास तरबूज का खेत है वह तरबूज के बदले तरबूज तो लेगा नहीं. तरबूज के बदले केला या खरबूजा लेना चाहेगा. इसीलिए तो मैंने कहा कि कुछ पानेके बदले उसके समतुल्य कुछ औरदेने का प्रस्ताव भी मान्य होना चाहिए.

रजत जी मैं Economis की ही student हूँ तो Barter system(वस्तु विनिमय) समझती हूँ। पर आपको नहीं लगता कि हर जगह ये बात लागू नहीं हो सकती। अब देखिये लोग कहते हैं कि अगर आप चाहते हो कि दूसरे लोग आपको सम्मान दें तो पहले आप को उन्हें सम्मान देना होगा , अगर आप चाहते हैं कि लोग आपसे प्यार से बात करें तो आपको भी दूसरे से प्यार से ही बात करनी होगी। …।ऐस थोड़े ही होता है कि - जैसे मेरा स्वभाव क्रोधी हो और मैं आपसे गुस्से से बात करूँ और बदले में आप मुझे सम्मान दें।
Pavitra is offline   Reply With Quote
Old 24-09-2014, 04:11 PM   #27
kuki
Member
 
kuki's Avatar
 
Join Date: Sep 2014
Posts: 90
Rep Power: 14
kuki is a glorious beacon of lightkuki is a glorious beacon of lightkuki is a glorious beacon of lightkuki is a glorious beacon of lightkuki is a glorious beacon of light
Default Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है

पवित्रा,मैं काफी हद तक तुमसे सहमत हूँ पर पूरी तरह से नहीं। मैं मानती हूँ की अगर हम किसी को सम्मान और प्यार देंगे तो ही बदले में हमें सम्मान और प्यार मिलेगा ,लेकिन हर बार ऐसा हो ये ज़रूरी नहीं होता। कई बार लोग आपकी अच्छाई को ,आपकी विनम्रता को आपकी कमज़ोरी मान लेते हैं और आपको हलके में लेने लगते हैं। इसलिए हमें देखना चाहिए की सामने वाला कौन है और कैसा है वैसा ही व्यव्हार करना चाहिए ,क्यूंकि अगर सामने वाले के पास तरबूज़ है तो वो आपको तरबूज़ ही देगा न केला नहीं।
kuki is offline   Reply With Quote
Old 24-09-2014, 09:31 PM   #28
Rajat Vynar
Diligent Member
 
Rajat Vynar's Avatar
 
Join Date: Sep 2014
Posts: 1,056
Rep Power: 29
Rajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant futureRajat Vynar has a brilliant future
Talking Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है

Quote:
Originally Posted by kuki View Post
पवित्रा,मैं काफी हद तक तुमसे सहमत हूँ पर पूरी तरह से नहीं। मैं मानती हूँ की अगर हम किसी को सम्मान और प्यार देंगे तो ही बदले में हमें सम्मान और प्यार मिलेगा ,लेकिन हर बार ऐसा हो ये ज़रूरी नहीं होता। कई बार लोग आपकी अच्छाई को ,आपकी विनम्रता को आपकी कमज़ोरी मान लेते हैं और आपको हलके में लेने लगते हैं। इसलिए हमें देखना चाहिए की सामने वाला कौन है और कैसा है वैसा ही व्यव्हार करना चाहिए ,क्यूंकि अगर सामने वाले के पास तरबूज़ है तो वो आपको तरबूज़ ही देगा न केला नहीं।
वाह, क्या बात कही आपने, कुकी जी- ‘जिसके पास तरबूज है तो वह तरबूज ही देगा, केला नहीं’. आपने एक बार फिर अपनी बुद्धिमानी से सिद्ध कर दिया कि आपमें विलक्षण प्रतिभा है और आप विषय में व्याप्त गहराई को समझती हैं. एक मेरी बहन है जो ज्योतिषी है, उसकी एक बात मुझे पसंद नहीं- जबरदस्ती अपना ‘दैवीय’ ज्ञान अपने दोस्तों में बाँटती रहती है. कुकी जी की विलक्षण प्रतिभा के लिए एक बार फिर १०१ पॉइंट नगद और ५१ पॉइंट उधार इनाम (उधार इनाम पर भुगतान होने तक १० प्रतिशत का ब्याज) मेरी ओर से. पहली बार इनाम में उधार और उधार इनाम पर ब्याज की परंपरा चलाकर हमने एक नया कीर्तिमान बनाया है.

Last edited by Rajat Vynar; 24-09-2014 at 09:33 PM.
Rajat Vynar is offline   Reply With Quote
Old 24-09-2014, 09:47 PM   #29
Pavitra
Moderator
 
Pavitra's Avatar
 
Join Date: Sep 2014
Location: UP
Posts: 623
Rep Power: 31
Pavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond repute
Default Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है

Quote:
Originally Posted by kuki View Post
पवित्रा,मैं काफी हद तक तुमसे सहमत हूँ पर पूरी तरह से नहीं। मैं मानती हूँ की अगर हम किसी को सम्मान और प्यार देंगे तो ही बदले में हमें सम्मान और प्यार मिलेगा ,लेकिन हर बार ऐसा हो ये ज़रूरी नहीं होता। कई बार लोग आपकी अच्छाई को ,आपकी विनम्रता को आपकी कमज़ोरी मान लेते हैं और आपको हलके में लेने लगते हैं। इसलिए हमें देखना चाहिए की सामने वाला कौन है और कैसा है वैसा ही व्यव्हार करना चाहिए ,क्यूंकि अगर सामने वाले के पास तरबूज़ है तो वो आपको तरबूज़ ही देगा न केला नहीं।
kuki ji , Exceptions are always there .....अपनी छोटी सी ज़िन्दगी से मैंने ये सीखा है , कि हर चीज़ हर बार हर परिस्थिति या हर व्यक्ति पर लागू नहीं हो सकती है।
कभी कभी हम दूसरों को सम्मान देते हैं तब हमें सम्मान मिलता है , तो कभी कभी किसी के लिए कितना भी कर लो पर बदले में सिर्फ तिरस्कार ही मिलता है।

इसलिए मुझे लगता है कि कोई Universal Formula नहीं हो सकता रिश्ते जीने का , हाँ ये जो कुछ बातें मैंने कही हैं ऊपर उसके माध्यम से रिश्ते निभाने का प्रयास अवश्य हो सकता है। पर पुनः दुहराना चाहूंगी कि रिश्ते व्यक्तियों पर निर्भर करते हैं , तो हमें रिश्ते निभाने का तरीका हमेशा बदलते रहना होता है , व्यक्ति के हिसाब से।
Pavitra is offline   Reply With Quote
Old 24-09-2014, 09:54 PM   #30
Pavitra
Moderator
 
Pavitra's Avatar
 
Join Date: Sep 2014
Location: UP
Posts: 623
Rep Power: 31
Pavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond reputePavitra has a reputation beyond repute
Default Re: ज़िन्दगी गुलज़ार है

Quote:
Originally Posted by kuki View Post
पवित्रा,मैं काफी हद तक तुमसे सहमत हूँ पर पूरी तरह से नहीं। मैं मानती हूँ की अगर हम किसी को सम्मान और प्यार देंगे तो ही बदले में हमें सम्मान और प्यार मिलेगा ,लेकिन हर बार ऐसा हो ये ज़रूरी नहीं होता। कई बार लोग आपकी अच्छाई को ,आपकी विनम्रता को आपकी कमज़ोरी मान लेते हैं और आपको हलके में लेने लगते हैं। इसलिए हमें देखना चाहिए की सामने वाला कौन है और कैसा है वैसा ही व्यव्हार करना चाहिए ,क्यूंकि अगर सामने वाले के पास तरबूज़ है तो वो आपको तरबूज़ ही देगा न केला नहीं।
Quote:
Originally Posted by Rajat Vynar View Post
वाह, क्या बात कही आपने, कुकी जी- ‘जिसके पास तरबूज है तो वह तरबूज ही देगा, केला नहीं’. आपने एक बार फिर अपनी बुद्धिमानी से सिद्ध कर दिया कि आपमें विलक्षण प्रतिभा है और आप विषय में व्याप्त गहराई को समझती हैं. एक मेरी बहन है जो ज्योतिषी है, उसकी एक बात मुझे पसंद नहीं- जबरदस्ती अपना ‘दैवीय’ ज्ञान अपने दोस्तों में बाँटती रहती है. कुकी जी की विलक्षण प्रतिभा के लिए एक बार फिर १०१ पॉइंट नगद और ५१ पॉइंट उधार इनाम (उधार इनाम पर भुगतान होने तक १० प्रतिशत का ब्याज) मेरी ओर से. पहली बार इनाम में उधार और उधार इनाम पर ब्याज की परंपरा चलाकर हमने एक नया कीर्तिमान बनाया है.

Kuki ji आपके पोस्ट्स सच में ज्ञान वर्धक और व्यवहारिक होते हैं। उनमें समाज की सच्चाई होती है। इसलिए ऐसे ही आगे भी अपने विचार हमसे बांटती रहिएगा।

रजत जी , जिस तरह से आजकल kuki ji पोस्ट कर रही हैं मुझे लगता है बहुत जल्दी ही आप तो Zero पॉइंट्स पर आजायेंगे। क्यूंकि उनका हर एक पोस्ट इनाम के काबिल होगा और आप इसी तरह points इनाम में देते रहे तो आपके पास तो कुछ बचेगा भी कि नहीं , कह नहीं सकते। ......LOL
Pavitra is offline   Reply With Quote
Reply

Bookmarks

Tags
happiness, life, motivation

Thread Tools
Display Modes

Posting Rules
You may not post new threads
You may not post replies
You may not post attachments
You may not edit your posts

BB code is On
Smilies are On
[IMG] code is On
HTML code is Off



All times are GMT +5. The time now is 10:57 PM.


Powered by: vBulletin
Copyright ©2000 - 2024, Jelsoft Enterprises Ltd.
MyHindiForum.com is not responsible for the views and opinion of the posters. The posters and only posters shall be liable for any copyright infringement.