'फ़िल्मी ज्ञान' श्रंखला में लिखा गया यह लेख पूर्णतः 'देववाणी मुक्त' है, अर्थात् इसमें संस्कृत के शब्दों का प्रयोग कम से कम किया गया है। 'गड्ढ़ा खोदना और जड़ काटना' का सृजनात्मक लेखन (क्रिएटिव राइटिंग) में महत्वपूर्ण योगदान है। यदि आप रहस्य-रोमांच से भरपूर कहानियाँ या उपन्यास लिखना चाहते हैं तो आज इस बात को गाँठ बाँध लें कि रहस्य-रोमांच से भरी रचनाओं का मुख्य सूत्र 'गड्ढ़ा खोदना और जड़ काटना' ही है। यदि आप 'गड्ढ़ा खोदना और जड़ काटना' के दाँव-पेंचों की कल्पना नहीं कर सकते तो रहस्य-रोमांच से भरपूर रचनाएँ लिखने का विचार अपने दिल से निकाल दीजिए। यहाँ पर यह उल्लेखनीय है कि गड्ढ़ा खोदना और जड़ काटना सफेदपोश अपराधों (ह्वाइट कॉलर क्राइम) की श्रेणी के अन्तर्गत आता है, क्योंकि 'गड्ढ़ा खोदना और जड़ काटना' जैसे कार्य खुलेआम न करके गुपचुप रूप से सम्पन्न किए जाते हैं। वैसे तो गड्ढ़ा खोदना और जड़ काटना अलग-अलग चीजें प्रतीत होती हैं, किन्तु दोनों हैं एक ही थैली के चट्टे-बट्टे और इन दोनों में आपसी गठबंधन इतना मज़बूत होता है जैसे- चोर-चोर मौसेरे भाई! क्यों? अरे, किसी के लिए गड्ढा खोदा ही इसलिए जाता है जिससे उसकी जड़ काटी जा सके। यदि आप 'गड्ढा खोदना और जड़ काटना' को मनोरंजक ढंग से अपने पाठकों के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं तो निःसंदेह आपकी रचना सर्वत्र सराही जाएगी। अभी इस पर बहुत लिखना बाकी है। अतः सूत्र से चिपके रहिए गोंद लगाकर! (क्रमशः)