14-11-2012, 07:28 AM | #1 |
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शेरो - शायरी
कई लोग शेरों - शायरी के शौकीन होते हैं और अपनी भावनाओं -जज़्बातों को इसके माध्यम से प्रस्तुत करके आनंद महसूस करते हैं । ये सूत्र वैसे लोगों को समर्पित है । सूत्र मे मशहूर शायरों के कुछ चुनिंदा शेर प्रस्तुत किए जाएँगे । आप सभी आमंत्रित हैं ।
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ये दिल तो किसी और ही देश का परिंदा है दोस्तों ...सीने में रहता है , मगर बस में नहीं ...
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14-11-2012, 07:30 AM | #2 |
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Re: शेरों - शायरी
न हो जिसमें अदब और हो किताबों से लदा फिरता,
'जफर' उस आदमी को हम तसव्वर में बैल कहते हैं। -बहादुरशाह 'जफर' अदब - शिष्टता, सभ्यता, तमीज तसव्वर - कल्पना, ख्याल
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14-11-2012, 07:35 AM | #3 |
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Re: शेरों - शायरी
जाहिद तुझे मालूम नहीं अंदाजे -अकीदत,
सर खुद-ब-खुद झुकता है झुकाया नहीं जाता। जाहिद - संयमी, विषय-विरक्त अकीदत - श्रद्धा, आस्था ,विश्वास
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14-11-2012, 07:36 AM | #4 |
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Re: शेरों - शायरी
संवारना है अगर तुमको गुलशने-हस्ती
तो पहले कांटों में उलझाओ जिन्दगानी को । सकूँ है मौत यहाँ जौके-जुस्तजू के लिये, यह तिश्नगी वह नहीं है , जो बुझाई जाती है । -'जिगर' मुरादाबादी __________________________________ जौके-जुस्तजू - तलाश की चाहत या शौक तिश्नगी - प्यास, पिपासा, तृष्णा
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14-11-2012, 03:29 PM | #5 |
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Re: शेरो - शायरी
तुम्हारी बज्म में हम संभल जाते यह मुश्किल था,
तुम्ही बेताब करते थे, तुम्हीं फिर थाम लेते थे। -'जलाल' लखनवी __________________________ बज्म- महफिल बेताब-व्याकुल, बेचैन,
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25-11-2012, 06:21 PM | #6 |
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Re: शेरो - शायरी
रणवीर जी, एक एक शे’र मोतियों में तोलने लायक है. मैं चाहता हूँ कि शे’र ओ’ सुखन का यह सिलसिला बिना रुके यूँ ही चलता रहे. एक अच्छी शुरुआत के लिये मेरा धन्यवाद स्वीकार करें. मेरे मित्र मंसूर अहमद ‘मंसूर’ की रुबाई मुलाहिज़ा हो:
तूफान-ओ-तलातुम में पले हैं हम लोग जज़्बात के साँ चे में ढले हैं हम लोग अब ज़ुल्म परस्तों से कहो होश में आयें माहौल बदलने को चले हैं हम लोग. |
08-12-2012, 04:33 PM | #7 |
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Re: शेरो - शायरी
इतना तो सोच जालिम जौरो-जफा से पहले,
यह रस्म दोस्ती की दुनिया से उठ जायेगी । -असर लखनवी जौरो-जफा - अत्याचार, अन्याय, जुल्मो-सितम
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08-12-2012, 04:35 PM | #8 |
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Re: शेरो - शायरी
कभी मौत कहती है अलहजर, कभी दर्द कहता है रहम कर,
मैं वह राह चलता हूँ पुरखतर कि जहाँ फना का गुजर नहीं। -असर लखनवी अलहजर - बस करो, बचाओ रहम - दया, कृपा, मेहरबानी, इनायत पुरखतर - भीषण, भयानक, अत्यन्त खतनराक फना - मौत , विनाश, बर्बादी
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09-12-2012, 11:00 AM | #9 |
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Re: शेरो - शायरी
namaskar sabhi dosto ko
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09-12-2012, 01:34 PM | #10 |
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Re: शेरो - शायरी
नमस्कार rjoshi जी , फोरम पर आपका स्वागत है।
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