26-02-2024, 07:06 PM | #1 |
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अज़ीज़-ए-दिल को भी खोना नसीब है मेरा
■■■■■■■■■■■■■■■■■ अज़ीज़-ए-दिल को भी खोना नसीब है मेरा कहाँ सुकून से सोना नसीब है मेरा वफ़ा की राह में धोका दिया मुझे जिसने उसी की याद में रोना नसीब है मेरा मुक्तक- आकाश महेशपुरी दिनांक- 23/02/2024 ■■■■■■■■■■■■■■■ वकील कुशवाहा 'आकाश महेशपुरी' ग्राम- महेशपुर पोस्ट- कुबेरस्थान जनपद- कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन- 274309 मो- 9919080399 ___________________________ मापनी- 1212, 1122, 1212, 22/112 |
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