22-11-2012, 10:08 PM | #1 |
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हिजाब उतारने पर धमकी और तारीफ़ों का तांता
सीरिया में जारी संघर्ष के दौरान जिन दर्जनों फेसबुक समूहों का जन्म हुआ है, उनमें महिला अधिकारों की पैरवी करने वाला एक पेज इन दिनों खासा सुर्खियों में है. और इसकी वजह है उस पर लगाई गई एक तस्वीर. ये फोटो 21 वर्षीय दाना बकदोनिस की है, जिसमें उन्हें बिना हिजाब के दिखाया गया है. जिंदगी भर सिर पर हिजाब पहनने वाली दाना ने लिखा है कि वो बिना हिजाब आजादी का अहसास कर रही हैं. दाना की परवरिश सऊदी अरब के रुढ़िवादी परिवेश में हुई, लेकिन उन्होंने पहली बार अगस्त 2011 में अपना हिजाब उतारा. वो कहती हैं, “हिजाब मेरे लिए उपयुक्त नहीं है, लेकिन अपने परिवार और समाज की वजह से मुझे ये पहनना पड़ा.” वो आगे कहती हैं, “मैं कभी नहीं समझ पाई कि मेरे सिर को क्यों ढका गया है. मैं दुनिया की खूबसूरती को महसूस करना चाहती थी.. मैं धूप और हवा को महसूस करना चाहती थी.” Last edited by Dark Saint Alaick; 29-11-2012 at 08:50 PM. |
22-11-2012, 10:09 PM | #2 |
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Re: हिजाब उतारने पर धमकी और तारीफ़ों का तांता
'फेसबुक क्रांति'
दाना फेसबुक पर ‘द अपराइजिंग ऑफ वीमन इन द अरब वर्ल्ड’ को बराबर फॉलो करती रही हैं. इस फेसबुक पेज के लगभग 70 हजार सदस्य हैं. दरअसल ये अरब दुनिया में महिला अधिकारों और लैंगिक भूमिकाओं पर बहस के लिए एक अच्छा खासा मंच बन गया है. महिला, पुरूष और गैर अरब पृष्ठभूमि वाले लोग भी इसकी तस्वीरों पर कमेंट कर सकते हैं. 21 अक्टूबर को दाना ने भी इस फेसबुक पेज के लिए और अरब दुनिया में उत्पीड़ित महिलाओं और लड़कियों के लिए कुछ करने का सोचा और अपनी फोटो पोस्ट की. इस तस्वीर में दाना कैमरे की ओर देख रही हैं और उनके हाथ में एक पहचान पत्र है जिस पर उनका हिजाब वाला फोटो लगा है. इसके साथ उनके हाथ में एक नोट भी है, जिस पर लिखा है: “जब मैंने अपना हिजाब उतारा तो सबसे पहली बात जो मैंने महसूस की वो ये कि मैं अरब दुनिया में महिलाओं की क्रांति के साथ हूं. बीस साल तक मुझे अपने बालों और शरीर पर हवा को महसूस नहीं करने दिया गया.” इस तस्वीर पर बहुत विवाद हुआ. इसे 1600 लाइक मिले, 600 लोगों ने इसे शेयर और 250 से ज्यादा कमेंट आए. Last edited by Dark Saint Alaick; 30-11-2012 at 01:03 AM. |
22-11-2012, 10:09 PM | #3 |
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Re: हिजाब उतारने पर धमकी और तारीफ़ों का तांता
बदल गई जिंदगी
दाना को बहुत समर्थन मिला. जहां फेसबुक पर उन्हें बहुत से दोस्तों ने अनफ्रेंड कर दिया वहीं इससे ज्यादा लोगों ने उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी. इसके जवाब में कुछ दूसरी महिलाओं ने भी अपने इसी तरह के फोटो लगाए. दाना को उपहास वाले सैकड़ों संदेश मिले जबकि कई में धमकियां भी मिलीं.खुद दाना की मां भी उनके इस कदम से खुश नहीं हैं. दाना कहती हैं, “जब से मैंने हिजाब उतारा है, मेरी जिंदगी बदल गई है.” दाना को इस बात की खुशी है कि वो हिजाब पहनने वाली दूसरी बहुत सी महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण बनी हैं. इस फेसबुक पन्ने को चलाने वालों ने जोर शोर से दावा किया कि फेसबुक के एडमिनिस्ट्रेटर्स ने 25 अक्टूबर को दाना का फोटो हटा दिया. साथ ही दाना और ‘द अपराइजिंग ऑफ वीमन इन द अरब वर्ल्ड’ के अन्य एडमिनिस्ट्रेटर्स को ब्लॉक कर दिया गया है. जब फेसबुक से इस बारे में टिप्पणी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि इस फोटो से फेसबुक के नियमों का कोई उल्लंघन नहीं होता है, लेकिन ये माना कि इस मामले में उनकी तरफ से कई गलतियां हुईं. Last edited by Dark Saint Alaick; 30-11-2012 at 01:04 AM. |
22-11-2012, 10:10 PM | #4 |
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Re: हिजाब उतारने पर धमकी और तारीफ़ों का तांता
बराबरी की तमन्ना
लेकिन दाना न तो धमकियों से डरती हैं और न ही इस तरह की अड़चनों से. वो कहती हैं, “मैं एक और तस्वीर लेना चाहती हूं लेकिन सीरिया के भीतर से, ताकि दिखा सकूं कि मैं भी अन्याय और ताकत के खिलाफ लड़ने वालों में से एक हो सकती हूं. अपने कैमरे से मैं लोगों और फ्री सीरियन आर्मी का समर्थन दे सकती हूं.” ऐसी खबरें आ रही हैं कि सीरिया में सत्ता विरोधी संघर्ष में शामिल कट्टरपंथी इस्लामी गुट इस क्रांति को अलग ही दिशा में ले जा रहे हैं. लेकिन दाना एक नया सीरिया चाहती हैं जहां महिला और पुरूषों में कोई भेदभाव न किया जाए और सबके अधिकारों की रक्षा हो. Last edited by Dark Saint Alaick; 30-11-2012 at 01:04 AM. |
22-11-2012, 10:12 PM | #5 |
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Re: हिजाब उतारने पर धमकी और तारीफ़ों का तांता
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29-11-2012, 08:33 PM | #6 |
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Re: हिजाब उतारने पर धमकी और तारीफ़ों का तांता
एक बेहतरीन सूत्र के लिए आपको सलाम और दाना को इस प्रगतिशील कदम के लिए शुभकामनाएं। कामना है कि वे अब धूप, हवा, पानी सभी का खुल कर लुत्फ़ उठाएं।
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29-11-2012, 09:51 PM | #7 |
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Re: हिजाब उतारने पर धमकी और तारीफ़ों का तांता
ऐसी मजबूत इरादोँ वाली नारी को मेरा शत् शत् नमन .......!
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